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दाखिल-खारिज लटकने से अफसरों पर भड़के वकील, दी ये चेतावनी Dehradun News

साढ़े चार माह से दाखिला-खारिज न होने पर वकील भड़क गए। कलक्ट्रेट पहुंचे वकीलों ने अपर जिलाधिकारी प्रशासन रामजीशरण से पटवारियों की हड़ताल को लेकर सवाल किए।

By Edited By: Updated: Sun, 16 Jun 2019 04:33 PM (IST)
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दाखिल-खारिज लटकने से अफसरों पर भड़के वकील, दी ये चेतावनी Dehradun News
देहरादून, जेएनएन। राजधानी में साढ़े चार माह से दाखिला-खारिज न होने पर शनिवार को वकील भड़क गए। कलक्ट्रेट पहुंचे वकीलों ने अपर जिलाधिकारी प्रशासन रामजीशरण से पटवारियों की हड़ताल को लेकर सवाल किए। एडीएम के जवाब पर वकीलों का गुस्सा और भड़क गया और उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक पटवारी हड़ताल पर रहेंगे तब तक वह अधिकारियों के दफ्तरों पर तालाबंदी करेंगे। 
राजधानी में पटवारियों की हड़ताल से जमीनों के दाखिला-खारिज नहीं हो रहे हैं। साढ़े चार माह में 20 हजार से ज्यादा दाखिल-खारिज लटक गए हैं। इससे सैकड़ों मकान के काम, जमीनों के लोन, व्यवसाय से जुड़े लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है। बावजूद इसके जिम्मेदार अफसर इस समस्या का कोई हल नहीं निकाल रहे हैं। इससे गुस्साए बार एसोसिएशन के पदाधिकारी शनिवार को कलक्ट्रेट पहुंचे। 
यहां जिलाधिकारी के अवकाश पर होने के चलते अपर जिलाधिकारी रामजीशरण के दफ्तर पहुंचे। जहां दाखिल-खारिज की समस्या से एडीएम को अवगत कराया। वकीलों ने कहा कि आप लोग कहां सो रहे हैं। छह माह से पटवारी हड़ताल पर हैं और अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। इस पर जैसे ही एडीएम ने प्रशासन का पक्ष रखना चाहा तो वकील भड़क गए। वकीलों ने एडीएम को खूब खरी-खोटी सुना दी। 
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल ने कहा कि जनता की समस्याओं से अधिकारी मुंह मोड़ रहे हैं। साढ़े चार माह से दाखिल-खारिज जैसी समस्या का हल न होना अफसरों की बड़ी लापरवाही है। उन्होंने कहा कि सोमवार तक हड़ताल खत्म न होने पर मंगलवार से वह अधिकारियों के दफ्तर में तालाबंदी कर देंगे। इस मौके पर बार एसोसिएशन के महासचिव समेत बड़ी संख्या में वकील शामिल रहे। 
एसआइटी के विरोध में पटवारी जमीनों के फर्जीवाड़े की जांच को गठित पुलिस की एसआइटी को लेकर पटवारी महासंघ मुखर है। पटवारियों का कहना है कि एसआइटी राजस्व कर्मियों पर नियम विरुद्ध कार्रवाई कर रही है। ऐसे में एसआइटी को भंग किया जाए। हालांकि इस पर शासन स्तर पर निर्णय होना है। मगर, पटवारियों की हड़ताल की प्रभावी पैरवी जनपद से ही होनी है।
अपर जिलाधिकारी प्रशासन रामजीशरण ने कहा कि पटवारियों की हड़ताल पर शासन ने निर्णय लेना है। इस संबंध में कई पत्र शासन को भेजे जा चुके हैं। हड़ताल से समस्या जरूर उत्पन्न हुई। मगर, समाधान शासन को करना है। वकीलों के मांग पत्र को भी उच्चाधिकारियों को भेजा जाएगा। 
कार्यबहिष्कार खत्म, नहीं होंगे दाखिल-खारिज 
लेखपाटल-पटवारियों की ओर से दो घंटे का कार्यबहिष्कार खत्म हो गया है और सोमवार से सामान्य दिनों की भांति सुबह दस बजे से कार्य हो सकेंगे। मगर, प्रदेशभर की तहसीलों में दाखिल-खारिज संबंधी कार्यो का पूर्व की भांति बहिष्कार किया जाता रहेगा। उत्तराखंड लेखपाल संघ की ओर से तहसील में शनिवार को दिए धरने में संगठन प्रांतीय महामंत्री राधेश्याम पैन्यूली ने कहा कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत 15 जून को दो घंटे का कार्यबहिष्कार खत्म कर दिया है। बताया कि 17 जून से सामान्य दिनों की भांति सुबह दस बजे से कार्य शुरू होगा, जबकि अभी तक सुबह दस से दोपहर 12 बजे तक सरकारी कामकाज का बहिष्कार किया जा रहा था।
हड़ताल पर रहे अधिवक्ता, न्यायिक कार्य हुआ बाधित 
गढ़वाल मंडल में हाईकोर्ट की बेंच की मांग को लेकर शनिवार को अधिवक्ता हड़ताल में रहे। इस मांग को लेकर अधिवक्ताओं की हड़ताल बीते 38 साल से चली आ रही है, लेकिन विगत चार सप्ताह से यह हड़ताल स्थगित थी। देहरादून बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल ने बताया कि अधिवक्ता गण गढ़वाल मंडल में हाईकोर्ट की बेंच स्थापित करने की लंबे समय से मांग कर रहे हैं। इसे लेकर 38 साल से हर शनिवार को हड़ताल की जा रही है। बीते चार सप्ताह से यह हड़ताल स्थगित थी, लेकिन अब फिर से हड़ताल को शुरू किया जा रहा है। यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक अधिवक्ता और वादकारियों के हित में उनकी मांग को पूरा नहीं कर दिया जाता है।
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