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अच्छी खबर: एम्स ऋषिकेश में प्रोस्टेट कैंसर की रोबोटिक सर्जरी हुई शुरू

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में प्रोस्टेट कैंसर की रोबोटिक तकनीक से सर्जरी शुरू हो गई है।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Sat, 22 Dec 2018 09:32 AM (IST)
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अच्छी खबर: एम्स ऋषिकेश में प्रोस्टेट कैंसर की रोबोटिक सर्जरी हुई शुरू
ऋषिकेश, जेएनएन। प्रोस्टेट कैंसर से ग्रसित रोगियों के लिए अच्छी खबर है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में प्रोस्टेट कैंसर की रोबोटिक तकनीक से सर्जरी शुरू हो गई है। संस्थान के यूरोलॉजी विभाग के चिकित्सकों ने रायवाला, ऋषिकेश व कानपुर, उत्तर प्रदेश के रोगियों की रोबोटिक तकनीक से ऑपरेशन में सफलता प्राप्त की है। 

संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रो. रविकांत के कुशल नेतृत्व में यूरोलॉजी विभाग के चिकित्सकों ने प्रोस्टेट कैंसर का रोबोटिक तकनीक से सफल ऑपरेशन किया। एम्स निदेशक ने बताया कि संस्थान का यूरोलॉजी विभाग कैंसर रोगियों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में उत्कृष्ट कार्य कर रहा है। एम्स ऋषिकेश में कैंसर जैसे जटिल रोगों का ऑपरेशन रोबोट तकनीक से किया जाने लगा है। 

यूरोलॉजी विभाग के डॉ. अंकुर मित्तल की अगुआई में चिकित्सकीय दल ने मरीजों की सफलता पूर्वक सर्जरी की है। डॉ. मित्तल ने बताया कि दोनों रोगी अब पूरी तरह से स्वस्थ हैं। चिकित्सकीय टीम में डॉ. सुनील कुमार, डॉ. शिव चरन, डॉ. दीपक प्रकाश, डॉ. सतीश कुमार रंजन, निश्चेतक डॉ. अजीत के अलावा पीजीआई चंडीगढ़ के डॉ. रवि मोहन व डॉ. गिरधर वोहरा शामिल थे।

क्या है प्रोस्टेट कैंसर 

एम्स ऋषिकेश के डॉ. अंकुर मित्तल ने बताया कि प्रोस्टेट पुरुषों में पाई जाने वाली अखरोट के आकार की ग्रंथि है। प्रोस्टेट का कैंसर 65 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों में सबसे आम कैंसर जैसी एक बीमारी है। उन्होंने बताया कि इस रोग के उत्पन्न होने के ठोस कारण स्पष्ट नहीं हैं। प्रोस्टेट कैंसर के आरंभिक लक्षणों के भी कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिलते। उन्होंने बताया कि ट्यूमर के कारण प्रोस्टेट में सूजन आने से रोगी को रात में बार-बार पेशाब आने, धार के कमजोर होने, खुलकर पेशाब नहीं आना जैसे लक्षण दिखाई पड़ते हैं। उन्होंने बताया कि इसके बारे में कई लोगों को जानकारी नहीं होने से वह रोग के उपचार को लेकर जागरूक नहीं होते। डॉ. मित्तल ने बताया कि इसके उपचार के लिए बीमारी की अवस्था के अनुसार प्रोस्टेटेक्टोमी सर्जरी, रेडियोथेरेपी, हार्मोनल थैरेपी आदि का प्रयोग किया जाता है।

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