सिद्धपीठ सुरकंडा मंदिर के लिए शुरू हुई रोपवे सेवा, पहले दिन पहुंचे 240 यात्री; प्रति व्यक्ति किराया है 177 रुपये
श्रद्धालुओं का सिद्धपीठ सुरकंडा तक आसानी से पहुंचने का सपना बुधवार को पूरा हो गया। पहले दिन 240 यात्री रोपवे से मंदिर तक पहुंचे जिसमें करीब 42480 रुपये की कमाई हुई। कद्दूखाल से मंदिर परिसर के लिए रोपवे सेवा शुरू कर दी गई है।
By Nirmala BohraEdited By: Updated: Thu, 21 Apr 2022 11:38 AM (IST)
जागरण संवाददाता, नई टिहरी: टिहरी जिले का प्रसिद्ध सिद्धपीठ सुरकंडा मंदिर के लिए अब श्रद्धालुओं को डेढ़ किमी की चढ़ाई नहीं चढऩे पड़ेगी। गुरुवार से यह सेवा शुरू की गई। रोपवे का किराया प्रति व्यक्ति 177 रुपये रखा गया है। पहले दिन 240 यात्री रोपवे से मंदिर पहुंचे। कद्दूखाल से मंदिर परिसर तक करीब 600 मीटर का रोपवे तैयार किया गया।
श्रद्धालुओं का सिद्धपीठ सुरकंडा तक आसानी से पहुंचने का सपना बुधवार को पूरा हो गया। पहले दिन 240 यात्री रोपवे से मंदिर तक पहुंचे, जिसमें करीब 42,480 रुपये की कमाई हुई। कद्दूखाल से मंदिर परिसर के लिए रोपवे सेवा शुरू कर दी गई है। अभी कुछ दिनों पहले रोपवे प्रोजेक्ट के अधिकारियों ने इसकी टेङ्क्षस्टग भी की थी। इसके सफल होने के बाद बुधवार से रोपवे सेवा मंदिर के लिए शुरू की गई है।
सुबह नौ से शाम पांच बजे तक ही इसके संचालन का समय रहेगा। अभी तक कद्दूखाल से सुरकंडा मंदिर तक पहुंचने के लिए डेढ़ किमी की खड़ी चढ़ाई चढऩी पड़ती थी जहां तक पहुंचने में करीब डेढ़ से दो घंटे तक का समय लग जाता था। इससे खासकर बीमार, छोटे बच्चे, दिव्यांग, बुजुर्ग को परेशानी होती थी। ऐसे श्रद्धालु अभी तक घोड़े व खच्चरों में बैठकर माता के दर्शन के लिए जाते थे। श्रद्धालु भी लंबे समय से रोपवे संचालन का इंतजार कर रहे थे। रोपवे के प्रोजेक्ट में सहायक अभियंता सचिन कुमार ने बताया कि कद्दूखाल से सुरकंडा देवी मंदिर परिसर के लिए छह सौ मीटर का रोपवे तैयार किया गया है।
सुरकंडा रोपवे प्रोजेक्टर में छह टावरों के सहारे 16 ट्रालियों का संचालन हो रहा है। प्रत्येक ट्राली में चार यात्रियों के बैठने की अनुमित होगी। सिद्धपीठ सुरकंडा मंदिर चंबा-मसूरी मोटर मार्ग पर पड़ता है। कद्दूखाल से डेढ़ किमी की चढ़ाई चलकर पहुंचना पड़ता था। इस सिद्धपीठ की जिला मुख्यालय से दूरी 42 किमी है। सुरकंडा मंदिर समुद्र तल से 2750 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।यह भी पढ़ें- सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दी 400वें प्रकाश पर्व की बधाई, कहा- वीरता और साहस के प्रतीक थे गुरु तेग बहादुर
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