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Children's Day 2019: पुरानी जेल में चाचा नेहरू की बगिया से गुलाब गायब, जानें- इसका इतिहास

Childrens Day 2019 हरिद्वार रोड पर मौजूद पुरानी जेल स्थित नेहरू वार्ड राष्ट्रीय धरोहर है। चाचा नेहरू की कोट की शोभा बढ़ाने वाले गुलाब यहीं से जाते थे।

By BhanuEdited By: Updated: Thu, 14 Nov 2019 12:22 PM (IST)
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Children's Day 2019: पुरानी जेल में चाचा नेहरू की बगिया से गुलाब गायब, जानें- इसका इतिहास
देहरादून, जेएनएन। आज बाल दिवस है। यानि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म दिवस। बात करें हरिद्वार रोड स्थित पुरानी जेल की तो यहां स्थित नेहरू वार्ड राष्ट्रीय धरोहर है। अन्य स्थानों की भांति यहां भी बाल दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, लेकिन यहां व्यवस्थाएं नजर नहीं आ रहीं। खासकर सौंदर्यीकरण की ओर ध्यान देना संस्कृति विभाग शायद भूल ही गया, हद तो यह है कि यहां केवल झाड़ू लगाकर ही विभाग ने अपनी जिम्मेदारी की इतिश्री कर दी। हैरानी की बात तो यह कि चाचा नेहरू के कोट की शोभा बढ़ाने वाले गुलाब के फूल तक वार्ड में कहीं नजर नहीं आ रहे।

वार्ड में चाचा नेहरू की प्रतिमा के पास बनाई गई क्यारी खस्ताहाल है, यहां संस्कृति विभाग ने एक गुलाब का पौधा तक लगाने की जहमत नहीं उठाई। पूछे जाने पर विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अन्य कार्यों के चलते यहां क्यारी में लगे फूल नष्ट हो गए और अब जल्द ही यहां गुलाब के नए पौधे लगाए जाएंगे। सवाल यह है कि नए पौधे लगाने की सुध विभाग ने अब तक क्यों नहीं ली। बहरहाल यहां वार्ड के संरक्षण का कार्य तो गतिमान है, लेकिन सौंदर्यीकरण न मात्र ही हो सका है।

नेहरू ब्रिगेड ने जताई नाराजगी

नेहरू वार्ड में प्रत्येक वर्ष बाल दिवस पर नेहरू ब्रिगेड की ओर से विभिन्न कार्यक्रर्मों का आयोजन किया जाता है। हालांकि नेहरू ब्रिगेड को उनकी मांग के अनुरूप व्यवस्थाएं संस्कृति विभाग की उपलब्ध कराता है, लेकिन नेहरू ब्रिगेड व्यवस्थाओं से जरा भी संतुष्ट नहीं है। 

ब्रिगेड की प्रदेश अध्यक्ष अधिवक्ता अल्पना जदली का कहना है कि विभाग की ओर से न तो नेहरू वार्ड के रख रखाव का ही ध्यान दिया जा रहा है, और न ही आयोजन को लेकर उचित व्यवस्थाएं ही की जाती हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यहां पर न तो नियमित रंग-रोगन ही किया जाता है और न यहां क्यारियों की ओर ध्यान दिया जा रहा है। 

राष्ट्रीय धरोहर है नेहरू वार्ड

ब्रिटिश काल में आजादी की लड़ाई के दौरान जवाहर लाल नेहरू को कई बार देहरादून स्थित जेल में कैद किया गया। छह जून 1932 को पहली बार उन्हें यहां लाया गया था और वे करीब 14 माह तक जेल में रहे थे। इसके 1934, 1940 व 1941 में देहरादून की जेल भेजे गए। 

इस जेल के जिस वार्ड में पंडित नेहरू को रखा गया, आजादी के बाद उसे नेहरू वार्ड नाम दिया गया। नेहरू वार्ड में एक बैरक के अलावा स्नानागार, शौचालय, भंडार गृह और पाकशाला है। अब यह राष्ट्रीय धरोहर है, जिसके संरक्षण का जिम्मा उत्तराखंड संस्कृति विभाग के पास है। ऐसे में यहां पर संरक्षण और सौंदर्यीकरण कार्य किया जा रहा है।

केमिकल ट्रीटमेंट में लगेगा समय

नेहरू वार्ड के रख-रखाव का कार्य बेहद सुस्त गति से चल रहा है। यहां अभी मुख्य द्वार और बाहरी दीवार की मरम्मत का कार्य चल रहा है। जिसके बाद वार्ड के अंदर केमिकल ट्रीटमेंट किया जाएगा। जिसकी डीपीआर तो तैयार हो चुकी है, लेकिन धरातल पर कार्य अभी नजर नहीं आ रहा है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि ट्रीटमेंट का कार्य जल्द शुरू कर दिया जाएगा। आगामी मार्च तक कार्य पूरा होने की उम्मीद है।

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जल्द ही लगेंगे नए पौधे

संस्कृति विभाग की निदेशक बीना भट्ट के अनुसार, नेहरू वार्ड के बाहरी हिस्सों की मरम्मत का कार्य उप्र राजकीय निर्माण निगम को सौंपा गया है, कार्य गतिमान है। इसके बाद वार्ड के अंदर केमिकल ट्रीटमेंट का कार्य शुरू हो जाएगा। क्यारियों में पूर्व में फूल लगाए गए थे, लेकिन मरम्मत कार्य के दौरान वह नष्ट हो गए। जल्द ही नए पौधे लगा दिए जाएंगे।

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