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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने लिया भाजपा व सरकार के कामकाज का फीडबैक

RSS Meeting राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय समन्वय बैठक बुधवार से दून में शुरू होने जा रही है। इसमें भाजपा संगठन और सरकार के कामकाज के साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति को लेकर भी मंथन हो सकता है।

By Sumit KumarEdited By: Updated: Thu, 29 Jul 2021 03:30 AM (IST)
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय समन्वय बैठक बुधवार से दून में शुरू होने जा रही है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। RSS Meeting राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय समन्वय बैठक बुधवार से दून में शुरू हो गई। पहले दिन संघ ने भाजपा के साथ हुए मैराथन विमर्श के दौरान प्रदेश में भाजपा संगठन और सरकार के कामकाज का फीडबैक लिया। इसके अलावा उत्तराखंड में बदले राजनीतिक हालात के साथ ही प्रदेश से जुड़े ज्वलंत मसलों पर चर्चा की गई। संघ की ओर से सरकार और संगठन को कई सुझाव भी दिए गए। माना जा रहा कि राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी संगठन की तैयारियों की जानकारी भी ली गई।

संघ की समन्वय सुबह करीब साढ़े 10 बजे संघ के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार व कृष्ण गोपाल और भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष की मौजूदगी में शुरू हुई। दोपहर में राष्ट्रीय महामंत्री एवं उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम, प्रदेश सह प्रभारी रेखा वर्मा और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी बैठक में पहुंचे। सूत्रों के अनुसार बैठक में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने प्रदेश में भाजपा के अब तक के कार्यों और आगे की योजनाओं का ब्योरा रखा।

देर रात तक चली बैठक में राज्य से जुड़े ज्वलंत मसलों देवस्थानम बोर्ड, भू-कानून, पलायन, प्रवासियों की वापसी समेत अन्य कई विषयों पर चर्चा हुई। सरकार और संगठन की दृष्टि से और बेहतर योजनाएं क्या-क्या हो सकती है, इसे लेकर भी मंथन किया गया। यही नहीं, केंद्र एवं राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं और उपलब्धियों को नई रणनीति के साथ आमजन के बीच ले जाने पर जोर दिया गया।

इसके अलावा प्रदेश सरकार और संगठन में हुए बदलाव को जनता किस रूप में देख रही है, इस पर भी चर्चा की गई। सूत्रों के अनुसार यह फीडबैक भी लिया गया कि संगठन के लिहाज से पार्टी कहां कमजोर है व कहां मजबूत। जिन विषयों को लेकर कुछ कमियां व संशय हैं, उन पर मजबूती से काम करने की जरूरत बताई गई।

सीमांत क्षेत्रों पर हो खास फोकस

समन्वय बैठक में अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे उत्तराखंड के गांवों से हो रहे पलायन पर चिंता जताई गई। सुझाव दिया गया कि सीमांत क्षेत्रों के विकास और वहां स्वरोजगारपरक योजनाओं के क्रियान्वयन को प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है।

प्रवासियों की भी संघ ने की चिंता

कोरोना संकट के चलते बड़ी संख्या में प्रवासी देश के विभिन्न हिस्सों से वापस उत्तराखंड लौटे हैं। बैठक में इनके पुनर्वास और स्वरोजगार के लिए किए जा रहे प्रयासों को और तेज करने पर बल दिया गया। कहा गया कि सरकार इसके लिए नई योजनाएं भी प्रारंभ कर सकती है। साथ ही गांवों से पलायन को थामने के लिए नई रणनीति के साथ कार्य करने पर जोर दिया गया।

अनाथ बच्चों का रखें विशेष ख्याल

कोविड की संभावित तीसरी लहर की रोकथाम के उपायों पर तो बैठक में चर्चा हुई ही, कोविड के कारण माता-पिता को खोने वाले बच्चों की भी चिंता की गई। हालांकि, सरकार की ओर से बताया गया कि ऐसे बच्चों के लिए वात्सल्य योजना शुरू की गई है। सुझाव दिया गया कि कोविड के कारण अनाथ हुए बच्चों की शिक्षा-दीक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए। इसमें सभी स्तर पर कदम बढ़ाने होंगे। बैठक में भाजपा के प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय, क्षेत्र प्रचारक शशिकांत दीक्षित, प्रांत प्रचारक युद्धवीर आदि भी मौजूद थे। अगले दो दिन संघ प्रदेश में सेवा कार्यों में जुटे आनुषांगिक संगठनों के कामकाज की समीक्षा करेगा।

कौशिक ने की अगवानी

समन्वय बैठक के लिए भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष, राष्ट्रीय महामंत्री एवं उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम व प्रदेश सह प्रभारी रेखा वर्मा बुधवार सुबह दून पहुंचे। जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने उनकी अगवानी की।

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