आरटीओ का अनुभागों में औचक छापा, दलाल रहे गायब
दफ्तर में दलालों का प्रवेश प्रतिबंधित करने के बाद आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई एवं एआरटीओ प्रशासन द्वारिका प्रसाद ने दफ्तर में औचक निरीक्षण किया।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Thu, 28 Nov 2019 03:50 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। दफ्तर में दलालों का प्रवेश प्रतिबंधित करने के बाद आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई एवं एआरटीओ प्रशासन द्वारिका प्रसाद ने दफ्तर में औचक निरीक्षण किया। इस दौरान दफ्तर के अंदर बेवजह टहल रहे लोगों को परिसर से बाहर कर दिया गया। निरीक्षण के दौरान आरआइ के सीट पर न मिलने पर आरटीओ ने नाराजगी जताई। आरआइ कक्ष के बाहर लोगों की लाइन लगी हुई थी और वे बारिश में भीग रहे थे। आरटीओ ने आरआइ कक्ष में एक अतिरिक्त बाबू की तैनाती कर दी है, जो आरआइ की अनुपस्थिति में आमजन के आवेदन स्वीकार करेंगे। इस दौरान परिसर में घूम रहे दलाल भी भाग निकले।
एक हफ्ते पूर्व आरटीओ में विजिलेंस की कार्रवाई के बाद पूरा दफ्तर सवालों के घेरे में है। विजिलेंस ने मुख्य सहायक की कुर्सी पर बैठकर सरकारी काम कर रहे दलाल को रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। इस मामले में मुख्य सहायक के साथ एक और दलाल भी गिरफ्तार किया गया। इसके बाद विजिलेंस ने आरटीओ दफ्तर में गतिविधियों की जांच पड़ताल कर एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें आला अफसरों की भूमिका तक संदिग्ध बताई जा रही। रिपोर्ट में जिक्र किया गया है कि दफ्तर में चल रहे भ्रष्टाचार की अफसरों को पूरी सूचना थी। विजिलेंस की टीम लगातार आरटीओ दफ्तर की निगरानी कर रही है।
ऐसे में दफ्तर को 'साफ-सुथरा' दिखाने के लिए दलालों का प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है। व्यवस्था की गई है कि दफ्तर का काम कराना है तो व्यक्तिगत तौर पर आपको खुद आना पड़ेगा। व्यक्तिगत मौजूदगी बिना न टैक्स जमा होगा, न वाहन की फिटनेस, न ही परमिट बनाया जाएगा। शर्तों के बाद उन सभी लोगों को लौटाया गया, जो किसी और का काम कराने आए थे। शर्त में छूट सिर्फ यह है कि यदि आप किसी और को टैक्स जमा कराने या अन्य काम के लिए भेज रहे हैं तो आपको संबंधित शख्स को काम की अनुमति दिए जाने का पत्र अपने मोबाइल नंबर के साथ देकर भेजना पड़ेगा।
आरटीओ में इन दिनों दलालों के प्रवेश पर अंकुश लगाने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। परिवहन मंत्री यशपाल आर्य की नाराजगी के बाद ऐसा किया जा रहा है। आमदिनों में आरटीओ कार्यालय के अंदर और बाहर दलालों का राज रहता था लेकिन बीते तीन दिनों से ये 'भीड़' गायब है। बुधवार को आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई ने दलबल के साथ दफ्तर परिसर में छापा मारा तो उन्हें देखते ही संदिग्ध इधर-उधर भागने लगे। चंद मिनट में दलालों व बिना काम घूम रहे लोगों से पूरा परिसर खाली हो गया। इसके बाद आमजन से आसानी से अपना काम कराया।
वाहन डीलरों के कर्मियों को लाना होगा आईडी कार्ड व सैलरी स्लीप
वाहन पंजीकृत कराने आरटीओ आने वाले वाहन डीलरों के कर्मियों को कंपनी का आइडी कार्ड और छह माह की सैलरी स्लीप लानी होगी। इनका वेरिफिकेशन कर संबंधित कर्मी को आरटीओ में काम कराने की मंजूरी दी जाएगी। कुछ वाहन डीलरों ने कर्मियों को दस्तावेजों समेत भेज दिया है, जबकि बाकी डीलरों को आरटीओ का पत्र भेजकर जरूरी अर्हताएं पूरी करने को कहा गया है।
यह भी पढ़ें: मंजूरी से पहले ही सीएनजी ऑटो परमिट की सौदेबाजी, पढ़िए पूरी खबरएक और आइआइ की डिमांडनिरीक्षण के दौरान आरआइ के सीट पर न मिलने के बाद हुई जांच में पता चला कि आरआइ वाहनों की फिटनेस जांच कर रहे थे। दूसरे आरआइ झाझरा आइडीटीआर में तैनात हैं। आरटीओ ने परिवहन मुख्यालय को एक और आरआइ की डिमांड भेजी है, जो दफ्तर के साथ आशारोड़ी चेकपोस्ट पर वाहनों की चेकिंग कर सके।
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