Move to Jagran APP

उत्तराखंड में नियमित और तदर्थ शिक्षकों में बढ़ी तकरार, जानिए वजह

तदर्थ नियुक्त हुए लगभग तीन हजार शिक्षकों की वरिष्ठता और पदोन्नति पर उत्तराखंड पब्लिक सर्विस ट्रिब्यूनल ने फिलहाल रोक लगा दी है।

By Raksha PanthariEdited By: Updated: Fri, 18 Oct 2019 03:48 PM (IST)
Hero Image
उत्तराखंड में नियमित और तदर्थ शिक्षकों में बढ़ी तकरार, जानिए वजह
देहरादून, जेएनएन। राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में तदर्थ नियुक्त हुए लगभग तीन हजार शिक्षकों की वरिष्ठता और पदोन्नति पर उत्तराखंड पब्लिक सर्विस ट्रिब्यूनल ने फिलहाल रोक लगा दी है। अगला आदेश जारी नहीं होने तक इन शिक्षकों की न तो पदोन्नति मिलेगी न ही वरिष्ठता के लाभ। आयोग और विभाग से नियमित भर्ती हुए शिक्षकों की याचिका पर यह आदेश दिया गया है। 

राजकीय माध्यमिक स्कूलों में तैनात नियमित और तदर्थ शिक्षकों के बीच तकरार बढ़ती जा रही है। आयोग और विभाग की भर्ती से नियुक्त शिक्षकों ने उत्तराखंड पब्लिक सर्विस ट्रिब्यूनल में तदर्थ माध्यम से भर्ती शिक्षकों की वरिष्ठता और पदोन्नति पर रोक लगाने की मांग की थी। पूर्व में हाई कोर्ट ने साल 1990-91 में तदर्थ माध्यम से तैनात हुए शिक्षकों को भर्ती के साल से ही वरिष्ठता और पदोन्नति के लाभ देने के आदेश दिए थे। इससे आयोग और विभाग की सीधी भर्ती से चयनित लगभग 20 हजार नियमित शिक्षकों की वरिष्ठता प्रभावित हो रही थी। 

हाई कोर्ट के फैसले के बाद शिक्षिका प्रेमलता बौड़ाई समेत अन्य शिक्षकों ने ट्रिब्यूनल में याचिका दायर की थी। जिस पर 16 अक्टूबर को ट्रिब्यूनल के वाइस चेयरमैन राम सिंह और मेंबर एएस नयाल की बेंच ने नियमित शिक्षकों का पक्ष सुनने के बाद ही इस मामले में अगला आदेश जारी करने का फैसला दिया। मामले में सभी पक्षों की बात सुनने के बाद ही इस पर अगला आदेश जारी किया जाएगा। ट्रिब्यूनल ने अगला आदेश जारी नहीं होने तक तदर्थ शिक्षकों को मिलने वाली पदोन्नति के लाभों और वरिष्ठता पर रोक लगा दी है। 

यह भी पढ़ें: उत्‍तराखंड में अतिथि शिक्षकों का मसला लटका, पढ़ाई प्रभावित

नियमावली पालन नहीं होने का है आरोप 

राजकीय शिक्षक संघ के पूर्व प्रांतीय प्रवक्ता अजय राजपूत ने कहा कि इन तदर्थ शिक्षकों के मामले में तदर्थ सेवा नियमावली 1979 और 2002 का पालन नहीं किया गया। जिस कारण सीधी भर्ती के लगभग 20 हजार शिक्षकों की वरिष्ठता प्रभावित हो रही है। ट्रिब्यूनल का आदेश आने से सीधी भर्ती के शिक्षकों में खुशी है। बताया कि पूर्व में हाई कोर्ट द्वारा इस वर्ष 30 अगस्त, 31अगस्त और 11 सितंबर को जारी वष्ठिता सूची पर रोक लगा दी है। 

यह भी पढ़ें: शैलेश मटियानी पुरस्कारों को लेकर असमंजस दूर, मंत्री की लगी मुहर

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।