सचिन पायलट ने कहा- कांग्रेस में है सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने की परंपरा
नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं के बीच प्रदेश संगठन को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के रुख से बड़ा बल मिला है। उत्तराखंड के एक दिनी दौरे पर आए पायलट ने कहा कि पार्टी में सामूहिक नेतृत्व में ही चुनाव लड़ने की परंपरा है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Sat, 17 Jul 2021 07:05 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, देहरादून। नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं के बीच प्रदेश संगठन को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के रुख से बड़ा बल मिला है। उत्तराखंड के एक दिनी दौरे पर आए पायलट ने कहा कि पार्टी में सामूहिक नेतृत्व में ही चुनाव लड़ने की परंपरा है। चुनाव के बाद विधायक दल के नेता पर विधायक और कांग्रेस हाईकमान आपस में मिलकर फैसला लेते हैं।
2022 में प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव कई दफा यह कह चुके हैं कि पार्टी विधानसभा चुनाव सामूहिक नेतृत्व में लड़ेगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने भी पार्टी के इस रुख को बार-बार दोहराया है। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की पुरजोर पैरोकारी करते रहे हैं।राजस्थान में बतौर प्रदेश अध्यक्ष पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले सचिन पायलट ने चुनाव को लेकर पार्टी की रीति-नीति को स्पष्ट किया। सचिन के इस रुख से प्रदेश प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष को बल मिला है। यही नहीं, एक सवाल के जवाब में सचिन पायलट ने यह भी कहा कि वह प्रदेश कांग्रेस संगठन को उसके कार्यों को देखते हुए 10 में से 10 अंक देना पसंद करेंगे।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेस में सभी संयुक्त रूप से एकजुट होकर चुनाव में भूमिका निभाते हैं। कांग्रेस में खींचतान की परंपरा और उत्तराखंड में चुनाव से पहले संगठन में बदलाव की चर्चा के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेस में आपस में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा जारी रहती है। इससे पार्टी को ही मजबूती मिलती है।यह भी पढ़ें:- सचिन पायलट ने कहा- महंगाई पर जनता की आवाज बनकर सड़कों पर उतरेगी कांग्रेस
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