National Doctor's Day: कोरोना वायरस से जंग लड़ रहे डॉक्टरों को सलाम
दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में अब तक सर्वाधिक मरीज भर्ती हुए हैं। जज्बे की बात आएगी तो यहां के चिकित्सकों का जिक्र सबसे पहले आएगा।
By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Updated: Wed, 01 Jul 2020 09:13 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। डॉक्टरों को भगवान का दर्जा यूं ही नहीं दिया गया है। कोरोनाकाल में डॉक्टरों ने जो काम किया है उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। कोरोना की रोकथाम व संक्रमितों के उपचार में वह दिन-रात एक किए हुए हैं। परिवार से दूर रहना, दमघोंटू पीपीई में ड्यूटी करना, घंटों पसीने में नहाए रहना, मरीज का इलाज करना, खुद को संक्रमण से बचाना और कोरोना के खतरे से जीतने के इरादे से लड़ना, ये हर डॉक्टर की कहानी है। इमरजेंसी का चैलेंज और मरीजों की छोटी सी छोटी समस्याओं का ख्याल रखना भी इन्हीं की जिम्मेदारी है।
उत्तराखंड में कोरोना का पहला मामला पंद्रह मार्च को सामने आया था। दून का भी यह पहला मामला था। जिले की ही बात करें तो करीब साढ़े तीन माह के सफर में हर अंतराल पर मरीजों की संख्या बढ़ती गई। यह आंकड़ा अब सात सौ के करीब पहुंच चुका है। पर सलाम उन डॉक्टरों की मेहनत को, जिनके सेवाभाव व समर्पण की बदौलत स्थिति अब नियंत्रित होती दिख रही है।
दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में अब तक सर्वाधिक मरीज भर्ती हुए हैं, जज्बे की बात आएगी तो यहां के चिकित्सकों का जिक्र सबसे पहले आएगा। अस्पताल में डिप्टी एमएस डॉ. एनएस खत्री, नोडल अधिकारी डॉ. अनुराग अग्रवाल, मेडिसन विभाग के एचओडी डॉ. नारायणजीत सिंह, वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. निधि उनियाल व डॉ. धवल की एक कोर कमेटी बनी है।
जो चिकित्सकों को तमाम निर्देश देती है और पूरा डाटा संकलित करती है। पूरे दिन मरीजों का हाल लेना, डॉक्टरों को गाइडलाइन के अनुसार प्रशिक्षण और फिर डाटा संकलित कर आइसीएमआर को भेजना उनके रोज के कार्यो में शुमार है। इन लोगों ने पिछले साढ़े तीन माह से एक भी छुट्टी नहीं ली और रविवार को भी ड्यूटी कर रहे हैं।
दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के डिप्टी एमएस डॉ. एनएस खत्री की अगुवाई में ही यहां चिकित्सकों की टीम समर्पण भाव से कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार में जुटी है। जिलाधिकारी से लेकर मुख्य चिकित्साधिकारी और स्टेट कंट्रोल रूप से समन्वय भी उन्हीं के जिम्मे है।
डॉ. धवल के जिम्मे है समन्वय डॉ. धवल के द्वारा कोरोना में कार्यरत सभी चिकित्सकों की ड्यूटी तय की जाती है। चिकित्सकों के बीच समन्वय भी उन्हीं के जिम्मे है। उन्हें एडमिनिस्ट्रेटिव इंचार्ज बनाया गया है।
संक्रमितों के उपचार में अहम भूमिका वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. निधि उनियाल भी बिना थके लगातार ड्यूटी कर रही हैं। कोरोना संक्रमितों के उपचार व उनकी देखभाल में उनका अहम योगदान रहा है।इलाज के साथ कर रहे डाटा संकलन
कोरोना के नोडल अधिकारी डॉ. अनुराग अग्रवाल छाती व श्वास रोग विभाग के एचओडी एवं वरिष्ठ पल्मोनोलॉजिस्ट हैं। कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज से लेकर डाटा संकलन तक का काम उन्हीं के निर्देशन में होता है।मरीजों की स्थिति पर रहती है नजर मेडिसन विभाग के डॉ. नारायणजीत एचओडी हैं। कोरोना वायरस से संक्रमित और संदिग्ध मरीजों की जांच, स्थिति के अनुसार उन्हें डॉक्टर को रेफर करना, आइसीयू में मरीजों की स्थिति पर नजर रखना उनकी जिम्मेदारी है।
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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नेशनल डॉक्टर्स डे पर प्रदेश के सभी डॉक्टरों को शुभकामनाएं दी हैं। अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दिन समाज में चिकित्सकों के महत्व व योगदान को समझने का दिन है। चिकित्सक सही मायनों में मानवता के योद्धा हैं। हमें इन योद्धाओं के समर्पण और त्याग की भावना का सम्मान करना चाहिए। आज पूरा समाज अपने चिकित्सकों के प्रति कृतज्ञता से नतमस्तक है। वैश्विक महामारी के इस दौर में चिकित्सकों की समाज के प्रति जिम्मेदारी और बढ़ गई है।
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