समग्र शिक्षा अभियान : हर साल किए जा रहे करोड़ों रुपये खर्च, लेकिन पहाड़ से आरटीई में हो रहे कम दाखिले
Samagra Shiksha Abhiyan पर्वतीय क्षेत्रों में शिक्षा के अधिकार के प्रति अभिभावकों व छात्रों को बहुत अधिक जानकारी नहीं है। आरटीई की सीटें 11483 निर्धारित थीं लेकिन इन सीटों के सापेक्ष केवल 3794 छात्र-छात्राओं ने ही प्रवेश लेने में रूचि दिखाई।
By Nirmala BohraEdited By: Updated: Sun, 12 Jun 2022 01:43 PM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून : Samagra Shiksha Abhiyan: समग्र शिक्षा अभियान के तहत शिक्षा पर प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये व्यय किए जा रहे हैं लेकिन पर्वतीय क्षेत्रों में शिक्षा के अधिकार के प्रति अभिभावकों व छात्रों को बहुत अधिक जानकारी नहीं है। प्रदेश के छह जनपदों में आरटीई की सीटें 11483 निर्धारित थीं, लेकिन इन सीटों के सापेक्ष केवल 3794 छात्र-छात्राओं ने ही प्रवेश लेने में रूचि दिखाई।
लगभग सभी हिल स्टेशनों में कई अच्छी निजी स्कूलें संचालित हो रही हैं, इन स्कूलों में कम फीस पर आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के छात्र-छात्राएं आरटीई के तहत दाखिला पा सकते हैं,लेकिन जानकारी न होने से पात्र अभिभावक आवेदन ही नहीं कर पाते हैं। यदि कम फीस में निजी स्कूलों में गरीब छात्र अच्छी शिक्षा प्राप्त करे तो इससे अभिभावकों को भी दूरगामी लाभ मिलेगा और शिक्षा विभाग का लक्ष्य भी पूरा होगा।
पर्वतीय जनपदों की बात जो दूर हरिद्वार जैसे मैदानी जनपद में भी करीब साढ़े सात हजार आरटीई की सीटों के सापेक्ष मात्र 23 सौ अभिभावक की अपने बच्चों को दाखिले को आगे आए। शिक्षा विभाग समग्र शिक्षा अभियान के तहत छात्र-छात्राओं के अभिभावकों को प्रतिभा दिवस के माध्यम से स्कूलों से जोडऩे का प्रयास तो कर रहा है लेकिन विभाग को आरटीई के प्रति भी उन्हें जागरूक करना होगा अभी शिक्षा के अधिकार का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।
अपर निदेशक समग्र शिक्षा अभियान डा. मुकुल कुमार सती ने संपर्क करने पर कहा कि आरटीई के तहत दाखिला लेने के लिए विभाग की ओर से पारदर्शी नीति तैयार की गई है। पहाड़ के निर्धन छात्र अधिक से अधिक संख्या में आइटीई के तहत निजी स्कूलों में दाखिला लें इस बारे में शिक्षा निदेशालय स्तर पर प्रयास किए जाते हैं। रिक्त सीटों की जानकारी समग्र शिक्षा अभियान के रिकार्ड में है।जनपद, आइटीई सीटें, प्राप्त आवेदन
हरिद्वार, 7405, 2618टिहरी, 1388, 232चमोली, 870, 195बागेश्वर, 636, 220रुद्रप्रयाग, 607, 86चंपावत, 577, 443शिक्षा के अधिकारी (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में दाखिला लेने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों को और अधिक प्रयास की दरकार है। ऐसा नहीं है कि पहाड़ी क्षेत्रों में आर्थिक रूप से कमजोर व जरूरतमंद परिवार नहीं रहते हैं। लेकिन उन्हें आरटीई के तहत समीप के निजी स्कूलों में दाखिला की सुविधा की बहुत अधिक जानकारी नहीं होगी है। दाखिले को आवेदन की व्यवस्था आनलाइन है इसलिए शिक्षा अधिकारी पर्वतीय जनपदों में अभिभावकों व छात्र-छात्राओं को शिक्षा के अधिकार के प्रति जागरूक करें।- डा. धन सिंह रावत, शिक्षा मंत्री
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