Move to Jagran APP

त्योहारों में खाद्य उत्पादों की सैंपलिंग जरूरी, लेकिन नियमित रूप से भी चलने चाहिए अभियान

उत्तराखंड में त्योहारों के निकट आते ही खाद्य सुरक्षा विभाग ने खाद्य उत्पादों की सैंपलिंग शुरू कर दी है। त्योहारों के दौरान ही सैंपलिंग अभियान चलाया जाना केवल औपचारिकता ही कहा जा सकता है। ऐसे अभियान नियमित रूप से चलाए जाने चाहिए।

By Shashank PandeyEdited By: Updated: Fri, 22 Oct 2021 02:56 PM (IST)
Hero Image
त्योहारों के पास आते ही खाने की सैंपलिंग शुरू।(फोटो: प्रतीकात्मक)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में त्योहारों के निकट आते ही खाद्य सुरक्षा विभाग ने खाद्य उत्पादों की सैंपलिंग शुरू कर दी है। इस कड़ी में कुछ रेस्टोरेंट, डेयरी व मिठाई की दुकानों से सैंपल लिए जा रहे हैं। जाहिर है कि विभाग यह जता रहा है कि वह अपनी जिम्मेदारी मुस्तैदी से निभा रहा है। अच्छा होता अगर विभाग साल भर नियमित रूप से सैंपलिंग अभियान चलाता। त्योहारों के आसपास इस तरह का अभियान चलाया जाना मात्र औपचारिकता ही कहा जाएगा।

देखने में आया है कि खाद्य पदार्थो के सैंपल के नतीजे आने में लंबा समय लग जाता है। नियमानुसार जो भी सैंपल लिए जाते हैं, उनके नतीजे अधिकतम 15 दिन के भीतर आ जाने चाहिए, मगर ऐसा होता नहीं है। तब तक घटिया या मिलावटी पाया गया सारा सामान बिक जाता है और इस्तेमाल कर लिया जाता है। अगर इसमें मिलावट भी है तो समय पर नतीजे न आने के कारण इन पर रोक नहीं लग पाती। इससे सैंपलिंग का उद्देश्य पूरा नहीं होता। ऐसा नहीं है कि विभाग को इसकी जानकारी नहीं है। बावजूद इसके लगातार व व्यापक सैंपलिंग न किया जाना विभागीय कार्यशैली को सवालों के घेरे में खड़ा करता है।

सैंपलिंग के दौरान यह भी देखा गया है कि अधिकारी पिक एंड चूज के आधार पर सैंपल लेते हैं। इससे अधिकारियों पर मिलीभगत और दबाव में आकर कार्य करने के आरोप भी लगते हैं। सैंपलिंग में यदि विभाग एक को छोड़ कर दूसरे स्थान से सैंपल लेगा, तो इससे सवाल तो उठेंगे ही। ब्लाक व ग्राम स्तर पर सैंपल लेने से भी विभागीय टीमें दूरी बनाए रखती हैं। ये ऐसे क्षेत्र हैं जहां त्योहारों के दौरान मिठाइयों का सबसे अधिक उपयोग होता है। त्योहारों में मावे की मिठाइयों की मांग एकदम बढ़ जाती है और मिलावट के सबसे अधिक मामले भी इन्हीं मिठाइयों के आते हैं। दुकानदार भी ऐसी मिठाइयों को अधिक तवज्जो देते हैं क्योंकि इसमें उनका मुनाफा ज्यादा होता है।

साफ है कि कहीं न कहीं व्यापारी इन त्योहारों का फायदा उठाने का पूरा प्रयास करते हैं। सरकार को चाहिए कि वह खाद्य सुरक्षा विभाग को नियमित सैंपलिंग के लिए निर्देशित करे। सैंपलिंग में पिक एंड चूज की नीति न अपनाते हुए सभी दुकानों से सैंपल लिए जाएं ताकि कोई विभाग पर अंगुली न उठा सके। व्यापारियों को भी चाहिए कि वे आमजन की सेहत का ध्यान रखते हुए उन्हें गुणवत्तापूर्ण मिठाई व अन्य खाद्य पदार्थो की आपूर्ति सुनिश्चित करे। इससे त्योहार व्यापारी और खरीददार, दोनों के लिए शुभ रहेगा।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।