Coronavirus: फिनलैंड में स्टडी टूर पर गए वन अनुसंधान संस्थान के चार प्रशिक्षुओं के सैंपल लिए
फिनलैंड में स्टडी टूर पर गए भारतीय वन अनुसंधान संस्थान के चार प्रशिक्षु आइएफएस का कोरोना संदिग्ध के तौर पर सैंपल लिया गया है। ये सभी हाल ही में वहा से लौटे थे।
By Edited By: Updated: Sat, 14 Mar 2020 01:58 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। फिनलैंड में स्टडी टूर पर गए भारतीय वन अनुसंधान संस्थान के चार प्रशिक्षु आइएफएस का कोरोना संदिग्ध के तौर पर सैंपल लिया गया है। ये सभी हाल ही में वहा से लौटे थे। इन्हें हल्की खासी-जुकाम की शिकायत होने पर सैंपल लिए गए हैं। इसके अलावा फिनलैंड, स्पेन और रूस आदि देशों से स्टडी टूर से लौटे अन्य प्रशिक्षुओं पर भी स्वास्थ्य विभाग की टीम नजर रखे हुए है। उनकी भी स्क्रीनिंग की गई है। वहीं, संस्थान में न सिर्फ आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है बल्कि कक्षाओं पर भी फिलहाल रोक लगा दी गई है। बता दें, कोरोना वायरस संक्रमण के दुनियाभर में फैलाव के बाद भारत में भी यह वायरस तेजी से कदम बढ़ा रहा है।
उत्तराखंड में इसे लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। ऐसे में विदेश से आने वाले लोगों की तत्काल स्क्रीनिंग व सैंपल लेकर जाच के लिए भेजे जा रहे हैं। इसी तरह के एक मामले में भारतीय वन अनुसंधान संस्थान के चार प्रशिक्षुओं के भी सैंपल लिए गए हैं। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. मीनाक्षी जोशी ने बताया कि संस्थान के 62 प्रशिक्षु फिनलैंड, स्पेन और रूस आदि देशों में स्टडी टूर पर गए थे। ये लोग हाल ही में वहा से लौटे हैं। इनमें फिनलैंड से लौटे चार प्रशिक्षु आइएफएस को खासी-जुकाम की शिकायत थी। जिस पर संस्थान ने स्वास्थ्य विभाग ने संपर्क किया था।
इस पर इन के दून मेडिकल कॉलेज में सैंपल लेकर जाच के लिए भेजे गए हैं। बताया कि दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरने पर पूरे दल की वहा पर स्क्रीनिंग भी हो चुकी है। बावजूद इसके दल में शामिल अन्य सभी प्रशिक्षुओं पर भी नजर रखी जा रही है। जिला नोडल अफसर डॉ. दिनेश चौहान के नेतृत्व में चिकित्सकों और मेडिकल स्टाफ ने सभी की स्क्रीनिंग की है।
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में लिया सैंपल
निगेटिव कुछ दिन पहले श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में स्पेन से लौटे एक 42 वर्षीय व्यक्ति का कोरोना के संदेह पर सैंपल लिया गया था। आइडीएसपी के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. पंकज ने बताया कि उक्त व्यक्ति की रिपोर्ट निगेटिव आई है। अब तक कोरोना संदिग्ध 17 लोगों के सैंपल लिए गए। जिनमें से 13 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। इन सभी फॉरन ट्रेवल की हिस्ट्री रही है।
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चिकित्सक कर रहे जागरूक कोरोनेशन अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. एनएस बिष्ट ने कोरोना वायरस को लेकर लोगों के लिए जागरूक करता हुआ वीडियो जारी किया है। डॉ. बिष्ट का कहना है कि ऐसा माना जा रहा है कि यह बीमारी चमगादड़ से आई है। हालांकि, नया वायरस होने के कारण यह बेहद खतरनाक है। दरअसल, इस नए वायरस के हिसाब से प्रतिरोधक क्षमता नहीं है। इसी वजह से यह घातक साबित हो रहा है। इसका अभी कोई वैक्सनीन भी नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे बचाव का सबसे बेहतर तरीका यही है कि बार-बार आख, मुंह पर हाथ न लगाएं। अभी तक यही समझा जा रहा है कि छूने से इस बीमारी का फैलाव हो रहा है। इसलिए लोग सतर्कता बरतें। साबुन आदि का इस्तेमाल सही तरीके से करें।
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