Sanskaarshala: इंटरनेट मीडिया पर अनुशासित होना चाहिए व्यवहार, नियमों का पालन न करने पर दर्ज हो शिकायत
श्रीगुरु राम राय पब्लिक स्कूल पटेल नगर की प्रधानाचार्य डा. राजेश अरोड़ा ने कहा कि इंटरनेट मीडिया पर व्यवहार अनुशासित होना चाहिए। इंटरनेट मीडिया के लिए नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज होनी चाहिए।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Thu, 22 Sep 2022 03:49 PM (IST)
देहरादून। इंटरनेट मीडिया आज संचार का सबसे बड़ा माध्यम बन गया है। यह हमें अपने विचार, सूचना एवं समाचारों को बहुत तेजी से एक-दूसरे से साझा करने में सक्षम बनाता है।
इसके विभिन्न प्रकार हैं, जैसे कि-ब्लागिंग, आडियो, टेक्सिटिंग, विजुअल चैटिंग, फेसबुक, टि्वटर, इंस्टाग्राम, रिसर्चगेट, वाट्सएप आदि। जो हम सभी को देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी बैठे व्यक्तियों और मित्रों से भी जोड़ रही है।यही नहीं इंटरनेट मीडिया का उपयोग व्यापार, मेडिकल और पुलिस की छानबीन करने में भी हो रहा है। जहां इसके कई फायदे हो रहे हैं, जागरुकता फैल रही है, वहीं इसके कुछ नुकसान भी हैं।
जिनमें मोबाइल की लत से समय की बर्बादी, सेहत एवं आंखों पर बुरा प्रभाव, प्राइवेट डाटा लीक या चोरी होना आदि शामिल है। इसके अलावा इसका दुरुपयोग सामाजिक एवं धार्मिक उन्माद फैलाने, साइबर बुलिंग एवं अपराधों को बढ़ावा देने में हो रहा है। इसका असर सामान्य जीवन पर पड़ रहा है।अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया जा रहा है। महापुरुषों की कृतियों पर आपत्तिजनक फोटो, वीडियो एवं टिप्पणियां डाली जा रही हैं। जो आज की युवा पीढ़ी देख एवं सुन रही है। जिससे उनके लिए सही-गलत का फर्क समझना कठिन हो गया है।
इंटरनेट मीडिया पर बहस और चर्चाओं पर आक्रामक और अनर्गल प्रतिक्रियाओं, गाली गलौच, लोकतांत्रिक बहस का आज की युवा-पीढ़ी पर नकरात्मक प्रभाव पड़ रहा है। समाज को एक गलत दिशा दी जा रही है।इन सभी को देखते हुए इंटरनेट मीडिया पर लोग के व्यवहार को एक उपयुक्त दिशा एवं अनुशासन की सख्त जरूरत है। इंटरनेट मीडिया के लिए नैतिक नियमों का पालन न करने वालों एवं अनुशासित न रहने वालों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज होनी चाहिए।
इंटरनेट मीडिया पर उम्र के हिसाब से ही रजिस्टर करना चाहिए। किसी भी साइट पर अनाप-शनाप कोई भी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए , यदि हम किसी भी व्यक्ति के बारे में किसी साइट पर कुछ पोस्ट कर रहे हैं तो पहले उसकी इजाजत लेनी चाहिए।
किसी भी साइट पर कोई त्रुटिपूर्ण जानकारी पोस्ट नहीं करनी चाहिए एवं न ही किसी अजनबी से कोई जानकारी साझा करनी चाहिए न ही मित्रता। इंटरनेट मीडिया के लिए किस तरह से अनुशासित होना है, इसके लिए विस्तृत जानकारी के लिए यूजीसी के स्नातक के पाठ्यक्रम में हाल ही में इंटरनेट मीडिया की नैतिकता और शिष्टाचार विषय को शामिल किया है।
मैं चाहूंगी कि एनसीईआरटी भी इस तरह के विषय को नौवीं से बारहवीं के छात्रों के लिए भी पाठ्यक्रम में जोड़े। जिससे कि इस उम्र के बच्चों में इंटरनेट मीडिया की जो गलत गतिविधियां सीखने की प्रवृत्ति है उनमें जागरुकता लाई जाए।यह भी सुझाव है कि कुछ इस तरह के सामाजिक संगठन बनाए जाएं जो इंटरनेट मीडिया पर हो रही गतिविधियों पर नजर रखें। जिससे हमारी आने वाली पीढ़ी को इन दुष्प्रभावों से बचाया जा सके। आज देश के हर नागरिक का कर्त्तव्य बनता है कि वह स्वेच्छा से इंटरनेट मीडिया पर अनुशासित होकर युवा-पीढ़ी को सही दिशा दे।
डा. राजेश अरोड़ा, प्रधानाचार्य, श्रीगुरु राम राय पब्लिक स्कूल पटेल नगर
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