Sanskarshala 2022 : इंटरनेट मीडिया की सामग्री की सत्यता जरूर परख लें - डा. लक्ष्मण चौहान
Sanskarshala 2022 इंटरनेट मीडिया व्यक्ति के प्रत्येक पहलू को प्रभावित कर रहा है। इंटरनेट मीडिया के भंवर में फंसे होने के कारण युवा वर्ग इस आभासी दुनिया तथा वास्तविक दुनिया के अंतर को नहीं समझ पा रहा है।
By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraUpdated: Mon, 31 Oct 2022 02:51 PM (IST)
टीम जागरण, देहरादून : Sanskarshala 2022 : इंटरनेट मीडिया आज सभी आयु वर्ग के लोग का सबसे अधिक उपयोग किया जाने वाला माध्यम बन रहा है। आज का हर युवा सोशल नेटवर्किंग साइट से जुड़े रहना पसंद करता है और अपना आधे से ज्यादा समय इस पर व्यतीत कर देता है।
इंटरनेट मीडिया व्यक्ति के प्रत्येक पहलू को प्रभावित कर रहा है। युवाओं की जीवनशैली, दिनचर्या व विचारों पर इसका सबसे ज्यादा प्रभाव देखने को मिला है। इसका अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि युवा अपनी निजी जिंदगी को भी इंटरनेट मीडिया पर शेयर करने में कोई गुरेज नहीं कर रहे।
इंटरनेट मीडिया के भंवर में फंसे होने के कारण युवा वर्ग इस आभासी दुनिया तथा वास्तविक दुनिया के अंतर को नहीं समझ पा रहा है। वह आभासी दुनिया को ही वास्तविक दुनिया मान रहा है। इसके कारण वह सोशल साइट्स पर अत्याधिक दिखावा कर रहा है तथा इस दिखावे पर इस आभासी दुनिया में पर्याप्त रिस्पांस न मिलने के कारण वह अवसादग्रस्त हो जा रहा है।
कई बार वह आत्महत्या तक करने के लिए मजबूर हो जा रहा है। इंटरनेट मीडिया पर दिखाई जाने वाली प्रत्येक बातें व प्रत्येक व्यक्ति सही नहीं हो सकता है। इंटरनेट मीडिया हमको प्रत्येक बात को जानने का व समझने का अवसर प्रदान करता है, जिसकी सत्यता की जांच हमें आभासी दुनिया से निकलकर वास्तविक दुनिया में ही करनी चाहिए।
जब हम रियल लाइफ में तथ्यों को ढूंढने खोजने निकलेंगे तो बहुत सारी जानकारी प्राप्त होगी तथा हम अवसादग्रस्त भी नहीं हो पाएंगे। इसलिए युवाओं को पहले उन बातों की सत्यता की परख करनी चाहिए, तदनुसार अपना व्यवहार रखना चाहिए।
युवा वर्ग घर से निकलते ही अपना स्टेटस सोशल साइट्स पर अपडेट करता रहता है। जिस कारण से कई बार पूरे घर परिवार को और कई बार व्यक्तिगत रूप से अपहरण, चोरी, डकैती तथा दुष्कर्म जैसी घटनाओं से भी रूबरू होना पड़ता है। आज इंटरनेट मीडिया पर चोरों की नजर भी लगातार गढ़ी हुई है। इसलिए इस प्रकार की घटनाएं समाज में आए दिन सुनाई व दिखाई देती रहती है।
इन सभी घटनाओं से बचने का एक ही उपाय है कि हम इंटरनेट साइट्स का संयमित रूप से उपयोग करें तथा इन पर अनावश्यक दिखावा न करें। साथ ही इन साइट्स पर परोसी व देखी जाने वाली सामग्री से अनावश्यक रूप से प्रभावित न हों। इंटरनेट मीडिया पर दिखाई जाने वाली प्रत्येक सामग्री की सत्यता की जांच परख करने के बाद ही उनसे प्रभावित हुआ जा सकता है। आज के युवा वर्ग को सोशल साइट्स पर दिखाई जाने वाली सामग्री पर आंख मूंदकर विश्वास नहीं करना चाहिए। तभी जाकर हम दिखावटीपन से बच सकते हैं व अपने आपको व परिवार को भी स्वस्थ व सुरक्षित रख सकते हैं।
- डा. लक्ष्मण चौहान, प्रवक्ता, राजीव गांधी नवोदय विद्यालय, देहरादून
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