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Sanskarshala 2022 : आनलाइन संचार के लिए शिष्टाचार की आवश्यकता - रुचि प्रधान दत्ता

Sanskarshala 2022 डिजिटल शिष्टाचार को अन्य डिजिटल प्रौद्योगिकी उपयोगकर्ताओं के अपेक्षित आचरण के मानकों के रूप में परिभाषित किया जाता है। अधिकांशत देखा जाता है कि समाज के ज्यादातर लोग आमतौर पर अपने मोबाइल टैब टीवी या कंप्यूटर आदि पर व्यस्त रहते हैं।

By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraUpdated: Mon, 31 Oct 2022 02:53 PM (IST)
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Sanskarshala 2022 : डिजिटल व्यवस्था का मानवीय विकास पर सीधा प्रभाव।
टीम जागरण, देहरादून : Sanskarshala 2022 : अधिकांशत: देखा जाता है कि समाज के ज्यादातर लोग आमतौर पर अपने मोबाइल, टैब, टीवी या कंप्यूटर आदि पर व्यस्त रहते हैं। इस प्रचलित व्यवस्था से युवा अलग नहीं हैं। यह एक तकनीकी युग है जो मानव जाति के सामाजिक कौशल को विकसित करता है।

ऐसे में यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि इस व्यवस्था में एक-दूसरे को सामाजिक संपर्क की मान्यता प्रदान की जाए। वर्तमान में डिजिटल व्यवस्था का मानवीय विकास पर सीधा प्रभाव देखा जा रहा है। किसी भी समाज में शिक्षा की गुणवत्ता समाज की वास्तविक रचना की आधारशिला है।

एक ओर जहां हम डिजिटल कार्य प्रणाली के क्षेत्र में अग्रणीय होते जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर हम अपने सामाजिक दायित्व से भी विमुख होते जा रहे हैं। यह एक विचारणीय बिंदु है। डिजिटल शिष्टाचार को अन्य डिजिटल प्रौद्योगिकी उपयोगकर्ताओं के अपेक्षित आचरण के मानकों के रूप में परिभाषित किया जाता है।

डिजिटल व्यवहार के पीछे मूल विचार यह है कि आप दूसरों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहते हैं। डिजिटल समुदाय में उचित व्यवहार और विकल्पों का प्रदर्शन करने के साथ-साथ उनके प्रभाव और परिणामों को समझने की आवश्यकता है। हमें यह समझना होगा कि प्रौद्योगिकी का उपयोग दूसरों को कैसे प्रभावित कर सकता है। डिजिटल व्यवहार नियमों का एक बुनियादी सेट है, जिसका आमजन को पालन करना चाहिए।

युवाओं को डिजिटल दुनिया में प्रतिभागियों के रूप में जिम्मेदार विकल्प बनाने होंगे, इन विकल्पों में आयु और उपयुक्त वेबसाइट को देखना, दूसरों के साथ विनम्र और सम्मानजनक तरिकों से संवाद करना, दूसरों के विचारों का सम्मान करना और उचित समय पर प्रौद्योगिकी का उपयोग करना आदि शामिल है।

इसके अतिरिक्त लोग को अनुचित व्यवहार में शामिल होने से बचना चाहिए, जैसे दूसरों को परेशान करना, धमकी देना या उन्हें भड़काना, व्यक्तिगत और निजी जानकारी पोस्ट करना और अनुचित भाषा का प्रयोग करना। युवाओं को आनलाइन संचार करने के लिए शिष्टाचार सीखना चाहिए।

छात्रों को साइबर बदनामी हानिकारक भाषा के नकारात्मक प्रभावों के बारे में ज्ञात होना चाहिए। यह याद रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि युवा पीढ़ी केवल आनलाइन व्यवहार के लिए नियमों और अपेक्षाओं की एक सूची मात्र नहीं है। उन्हें निर्देशित अभ्यास, पाठ और चर्चा की आवश्यकता है। उन्हें अपने माता-पिता और शिक्षकों के आदेशों का उचित प्रदर्शन करते हुए देखने की आवश्यकता है, ताकि उन्हें आपत्तिजनक सेट में स्क्रीन का उपयोग करने से बचाने में सहायक हो सके।

-रुचि प्रधान दत्ता, प्रधानाचार्य, द एशियन स्कूल

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