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मदरसों में जल्द ही पढ़ाई जाएगी संस्कृत, उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष ने दी जानकारी

उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड में पंजीकृत मदरसों में जल्द ही संस्कृत को भी विषय के रूप में पढ़ाया जाएगा। बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने यह जानकारी साझा करते हुए बताया कि इस संबंध में शीघ्र ही बोर्ड और संस्कृत शिक्षा विभाग के मध्य एमओयू हस्ताक्षरित किया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य मदरसों के आधुनिकीकरण और छात्रों को व्यापक शिक्षा प्रदान करना है।

By kedar dutt Edited By: Abhishek Pandey Updated: Wed, 16 Oct 2024 10:22 AM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड में पंजीकृत मदरसों में जल्द ही विषय के रूप में संस्कृत भी पढ़ाई जाएगी। बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने यह जानकारी साझा करते हुए बताया कि इस संबंध में शीघ्र ही बोर्ड और संस्कृत शिक्षा विभाग के मध्य एमओयू हस्ताक्षरित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में आधुनिक मदरसों में संस्कृत पढ़ाई जाएगी।

मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष कासमी ने कहा कि संस्कृत और अरबी दोनों प्राचीन भाषाएं हैं। यदि मौलवी को संस्कृत आ जाए और पंडितजी को अरबी तो इससे बेहतर क्या होगा। उन्होंने कहा कि मदरसों में संस्कृत विषय को पढ़ाने के संबंध में संस्कृत शिक्षा विभाग से बातचीत चल रही है। प्रयास यह है कि जल्द से जल्द इस बारे में एमओयू हस्ताक्षरित हो जाए।

416 मदरसों में लागू किया गया NCERT पाठ्यक्रम

उन्होंने यह भी जानकारी दी कि बोर्ड में पंजीकृत सभी 416 मदरसों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू किया गया है। मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। हमारा प्रयास है कि मदरसों में पढऩे वाले बच्चे भी इंजीनियर, डॉक्टर, आइएएस, आइपीएस बनें। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल के दौरान मदरसों में अध्ययनरत बच्चों को राष्ट्रीय कार्यक्रमों से जोड़ा गया है।

एक प्रश्न पर उन्होंने कहा कि गाय, गंगा व हिमालय के संरक्षण के लिए चल रही मुहिम का असर है कि बीते एक वर्ष में गाय का अपमान कम हुआ है। उन्होंने कहा कि गाय वह पशु है, जिसने देश के बच्चों केा दूध पिलाया है। इसीलिए उसे माता का दर्जा दिया गया है।

उन्होंने कहा कि जब हम हिमालय के संरक्षण की बात करते हैं तो स्वाभाविक रूप से जीवनदायिनी गंगा को पवित्र बनाए रखने का विषय आता है। आज समाज के लोग इस बात को समझने लगे हैं। यही कारण है कि गंगा किनारे के मुस्लिम गांवों के लोग गंगा की स्वच्छता व निर्मलता को लेकर सजग हुए हैं।

केदारघाटी में विकास कार्यों को 13.89 करोड़ स्वीकृत

शासन ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर केदारघाटी में विभिन्न विकास कार्यों के लिए 13.89 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत कर दी है। मंगलवार को शासन ने राज्य योजना के अंतर्गत अगस्त्यमुनि में पांच किमी लंबे चंदरापुरी गुगली-आसो-जयकरण मोटर मार्ग के सुधार एवं डामरीकरण के लिए 5.35 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है।

इसके साथ ही अगस्त्यमुनि में सारी गौचर के मध्य अलकनंदा पदी पर डबल लेन क्लास ए लोडिंग 95 मीटर स्पान स्टील गार्डर मोटर पुल एवं 2.50 किमी पहुंच मार्ग के नव निर्माण के लिए 17.71 लाख रुपये स्वीकृत किए हैं।

साथ ही केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में ऊखीमठ में गुप्तकाशी-जायधार-त्यूणी मोटर मार्ग से देवर मोटर मार्ग का सुधारीकरण के लिए 4.71 करोड़ एवं अंदरगढ़ी से धारतोलियों मोटर मार्ग के लिए 3.65 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।

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