Sawan 2022: बाबा केदार को प्रिय है ब्रह्मकमल, सावन के पहले सोमवार को भक्तों ने केदारनाथ में चढ़ाया यह पुष्प
Sawan 2022 बाबा केदार को ब्रह्मकमल पुष्प बहुत प्रिय है। आज सावन के पहले सोमवार को भक्तों ने केदारनाथ धाम में बाबा केदार को ब्रह्मकम का पुष्प चढ़ाया। बता दें कि यह पुष्प उत्तराखंड में 14 हजार फीट की ऊंचाई पर उगता है।
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: सावन के पहले सोमवार को ही बाबा केदार को बड़ी संख्या में ब्रह्मकमल चढ़ाकर जलाभिषेक भी किया। सावन में प्रत्येक वर्ष भोले बाबा को ब्रह्मकमल चढ़ाया जाता है।
श्रद्धालु केदारनाथ धाम में भक्त 14 हजार फीट की ऊंचाई पर उगने वाले ब्रह्मकमल को लेकर आए और शिव भगवान के सबसे प्रिय पुष्प ब्रह्मकमल को सावन के प्रथम सोमवार को चढ़ाया।
स्थानीय भक्त भी दूर-दूर से बाबा के भक्त सावन के मौके पर केदारधाम पहुंचे। वहीं हर साल की तरह बदरी-केदार मंदिर समिति ( बीकेटीसी) ने सावन में प्रत्येक दिन केदारनाथ मंदिर में भगवान केदारनाथ के लिए ब्रह्मकमल चढ़ाना शुरू कर दिया है।
सोमवार को मंदिर के प्रधान पुजारी टी गंगाधर लिंग पूजा अर्चना के साथ बाबा केदार को ब्रह्मकमल का पुष्प अर्पित किया। इसके बाद अन्य बीकेटीसी कर्मी, तीर्थपुरोहित, भक्त आदि बाबा का जलाभिषेक किया।
इससे पूर्व रविवार को बीकेटीसी की टीम केदारनाथ मंदिर से करीब छह किमी दूर जाकर ब्रह्मकमल के पवित्र फूलों को टोकरी में लेकर लाई। बीकेटीसी के प्रशासनिक अधिकारी युद्धवीर सिंह पुष्पवाण ने बताया सावन में बाबा केदार को ब्रह्मकमल चढ़ाने का विशेष महत्व है। इसलिए हर साल की तरह बीकेटीसी की टीम ऊंचाई वाले स्थानों से टोकरी में दिव्य पुष्प लाई है जिसे बाबा केदार को चढ़ाया जाएगा।
देवपुष्प और राज्य पुष्प है ब्रह्मकमल
बता दें कि ब्रह्मकमल उत्तराखंड का राज्य पुष्प है। ब्रह्मकमल को देवपुष्प भी कहा जाता है। केदारनाथ धाम में ब्रह्मकमल से पूजा संपन्न होती है। यह पुष्प 14 हजार फीट की ऊंचाई पर रुद्रप्रयाग और चमोली जनपद में बहुतायत में पाया जाता है। इस पुष्प के नाम पर टोपी का नामकरण भी किया गया है।
उत्तराखंड में ब्रह्मकमल की मिलती है 28 प्रजाति
उत्तराखंड में दिव्य पुष्प ब्रह्मकमल की 28 प्रजाति पाई जाती हैं। देवपुष्प ब्रह्मकमल गढ़वाल उच्च हिमालयी क्षेत्र अटला कोटी से लेकर श्री लोकपाल हेमकुंड घाटी आस्था पथ पर अपनी महक बिखेर रहा है।