Sawan 2022 : हरिद्वार में एक मुखी दुर्लभ रुद्राक्ष का पेड़, सच्चे मन से इसकी परिक्रमा करने से पूरी होती है मनोकामना
Sawan Somwar 2022 इस ऐतिहासिक रुद्राक्ष के वृक्ष के दर्शन को देश भर श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। कनखल स्थित हरिहर आश्रम में स्थित एक मुखी दुर्लभ रुद्राक्ष के वृक्ष की आयु एक सौ पंद्रह वर्ष की हो चुकी है। साल भर में यह वृक्ष एक क्विंटल फल देता है।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार : Sawan Somwar 2022 : हरिद्वार में भगवान शिव की ससुराल राजा दक्ष की नगरी कनखल स्थित हरिहर आश्रम में स्थित एक मुखी दुर्लभ रुद्राक्ष के वृक्ष की आयु एक सौ पंद्रह वर्ष की हो चुकी है। श्रावण मास और श्रावण मास की महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर श्रद्धालुओं में इसकी परिक्रमा को लेकर विशेष उत्साह रहता है।
वृक्ष के पत्ते सूखने पर धारण करते हैं भगवा रंग
मान्यता है कि सच्चे मन से इसकी परिक्रमा करने से मनवांछित इच्छापूर्ति होती है। खास बात यह है कि 35-40 फीट ऊंचाई वाले इस वृक्ष के पत्ते सूखने पर भगवा रंग धारण कर इसे अनोखा बनाते हैं।
तत्कालीन आचार्य नेपाल से लाए थे पौधा
आश्रम के पीठाधीश्वर श्रीपंचदशनाम् जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि बताते हैं कि करीब एक सौ पंद्रह वर्ष पहले आश्रम के तत्कालीन आचार्य नेपाल गए थे। वे वापसी में अपने साथ रुद्राक्ष का पौधा लेकर आए थे, उन्होंने ही हरिहर आश्रम के परिसर में इसे रोपा।
रुद्राक्ष के फलों को तोड़ना निषिद्ध
धीरे-धीरे वृक्ष वृहद रूप लेने लगा और जो आज शतायु पूर्ण कर विशाल वृक्ष बन चुका है। वृक्ष से रुद्राक्ष के फलों को तोड़ना निषिद्ध किया गया है। वृक्ष से जो फल पकने के बाद स्वयं नीचे गिरते हैं, उनको एकत्रित कर पूजा-अर्चना की जाती है।
साल भर में एक क्विंटल फल देता है वृक्ष
आश्रम प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार साल भर में यह वृक्ष एक क्विंटल फल देता है। वृक्ष के चारों ओर रक्तवर्णी ध्वज स्थापित किए गए हैं। इस ऐतिहासिक रुद्राक्ष के वृक्ष के दर्शन को देश भर श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। श्रावण मास में श्रद्धालु की संख्या में बढ़ोत्तरी हो जाती है।
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