Sawan 2023 की शिवरात्रि आज, भोर से भगवान शिव के जलाभिषेक का दौर जारी; शिवालयों में बम भोले का जयकार
Sawan Shivratri बम भोले के जयकारों से उत्तराखंड का माहौल गुंजायमान है। शिव का प्रिय मास सावन की शिवरात्रि आज शनिवार को मनाई जा रही है। इसके लिए मंदिरों में पूजा रुद्री पाठ किए जा रहे हैं। देहरादून हरिद्वार व ऋषिकेश सहित पूरे राज्य में शिवभक्तों की धूम है। वहीं कांवड़ के जलाभिषेक के लिए भी अलग से मंदिरों में व्यवस्था बनाई गई है।
By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraUpdated: Sat, 15 Jul 2023 08:33 AM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून : Sawan Shivratri: शिव का प्रिय मास सावन की शिवरात्रि आज शनिवार को मनाई जा रही है। इसके लिए मंदिरों में पूजा, रुद्री पाठ किए जा रहे हैं।
तड़के से शिवालयों में भक्तों का तांता लगा हुआ है। बम भोले के जयकारों से उत्तराखंड का माहौल गुंजायमान है। देहरादून, हरिद्वार व ऋषिकेश सहित पूरे राज्य में शिवभक्तों की धूम है। वहीं कांवड़ के जलाभिषेक के लिए भी अलग से मंदिरों में व्यवस्था बनाई गई है।
कनखल के दक्षेश्वर महादेव मंदिर में कतार
श्रावण मास की महाशिवरात्रि पर जलाभिषेक के लिए बड़ी संख्या में हरिद्वार में श्रद्धालु शिव मंदिर पहुंच रहे हैं। कनखल के दक्षेश्वर महादेव मंदिर में जलाभिषेक के लिए रात से ही कतार लगी हुई है।कांवड़ यात्री रात से ही जलाभिषेक के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। मंदिर के पुजारी विनोद शास्त्री ने बताया कि जलाभिषेक का पुण्य काल रविवार सुबह तक है। चारों तरफ हर हर महादेव का जयघोष हो रहा है और श्रद्धालु बारी-बारी कर दक्षेश्वर महादेव का जलाभिषेक कर रहे हैं।
धार्मिक मान्यता है कि माता सती के पिता कनखल के राजा दक्ष को दिए गए वरदान का पालन करने महादेव भगवान शिव श्रावण मास में कनखल में निवास करते हैं। इस दौरान वह कनखल से ही सृष्टि का संचालन करते हैं। भगवान शिव की पत्नी माता सती का जन्म स्थान भी दक्षेश्वर महादेव मंदिर परिसर में ही है।
विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़
उत्तरकाशी के प्रसिद्ध विश्वनाथ मंदिर में श्रावण मास की महाशिवरात्रि पर जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ सुबह से लगी हुई है। स्थानीय कांवड़ यात्री भी जलाभिषेक करने के लिए उत्तरकाशी विश्वनाथ मंदिर में पहुंच रहे हैं। इसके अलावा उत्तरकाशी में कालेश्वर, गोपेश्वर, भटवाड़ी में भास्करेश्व, गाज़ना में तामेश्वरम मंदिर में भी श्रद्धालुओं की जलाभिषेक के लिए भीड़ लगी है।
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- सावन शिवरात्रि का व्रत हर वर्ष कृष्ण चतुर्दशी तिथि को रखा जाता है।
- आचार्य डा. सुशांत राज के अनुसार चतुर्दशी तिथि शनिवार रात 8:32 बजे से रविवार रात 1ं0:08 बजे तक रहेगी।
- शिवरात्रि पर निशिता काल मूहुर्त में शिव पूजा की जाती है। इस काल में जलाभिषेक कर सकते हैं।