Sawan मास की शिवरात्रि आज, शिवालयों में उमड़े शिवभक्त; बम भोले के जयकारों से देवभूमि गुंजायमान
Sawan 2024 Shivratri शिव के प्रिय सावन मास की शिवरात्रि आज शुक्रवार को मनाई जा रही है। सावन शिवरात्रि का व्रत हर वर्ष कृष्ण चतुर्दशी तिथि को रखा जाता है। उत्तराखंड के मंदिरों में जलाभिषेक करने के साथ ही पूजा रुद्री पाठ किए जा रहे हैं। वहीं कांवड़ यात्री भी मंदिरों में पहुंचकर भगवान शिव का जलाभिषेक कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून। Sawan 2024 Shivratri: शिव के प्रिय सावन मास की शिवरात्रि आज शुक्रवार को मनाई जा रही है। इसके लिए उत्तराखंड के मंदिरों में जलाभिषेक करने के साथ ही पूजा, रुद्री पाठ किए जा रहे हैं। कांवड़ यात्रायों के जलाभिषेक के लिए भी अलग से मंदिरों में व्यवस्था बनाई गई है। मंदिरों को फूलों व लाइटों से सजाया गया है।
हरिद्वार में शिवालयों में उमड़ रही शिव भक्तों की भीड़
हरिद्वार में सावन शिवरात्रि पर शिवालयों में शिव भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। दक्षेश्वर महादेव मंदिर और अन्य शिवालयों में श्रद्धालुओं का तांता लगा है। भगवान शिव के जलाभिषेक के लिए लोग पहुंच रहे हैं। बेलपत्र, दूध दही, शहद, भंग धतूरे और गंगाजल से भगवान शिव की पूजा कर रहे हैं।
हर वर्ष कृष्ण चतुर्दशी तिथि को सावन शिवरात्रि का व्रत
सावन शिवरात्रि का व्रत हर वर्ष कृष्ण चतुर्दशी तिथि को रखा जाता है। आचार्य डा. सुशांत राज के अनुसार, चतुर्दशी तिथि आज दोपहर तीन बजकर 26 मिनट से शनिवार को दोपहर तीन बजकर 50 मिनट तक रहेगी। ऐसे में सावन शिवरात्रि का व्रत आज ही रखा जाएगा। इस दिन रुद्राभिषेक करने का महत्व है।
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मान्यता है कि इन दिन पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। शिवरात्रि में शिव पूजा निशिता काल मूहुर्त में की जाती है। जो रात 12 बजकर 12 मिनट से 12 बजकर 55 मिलन तक रहेगा। इस काल में जलाभिषेक कर सकते हैं। वहीं,सावन शिवरात्रि को लेकर मंदिरों में भी तैयारी की गई है।
देहरादून के गढ़ी कैंट स्थित ऐतिहासिक श्री टपकेश्वर महादेव मंदिर के महंत श्री 108 कृष्णा गिरी महाराज ने बताया कि सावन शिवरात्रि पर कांवड़ भी जलाभिषेक करने पहुंचते हैं। ऐसे में व्यवस्था बनाने के लिए पुलिस के साथ मंदिर के सेवादार मुख्य द्वार से लेकर परिसर में तैनात रहे।सुबह चार बजे अभिषेक के बाद श्रद्धालुओं के लिए द्वार खोल दिए गए। शाम को महादेव का विशेष शृंगार होगा। साथ ही कावंड़ यात्रियों व श्रद्धालुओं के लिए भंडारा होगा।
यह भी पढ़ें- Sawan Shivratri 2024: सावन शिवरात्रि पर जरूर करें व्रत कथा का पाठ, जीवन में नहीं रहेगा कोई दुखसहारनपुर चौक स्थित श्री पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर के दिगंबर दिनेश पुरी ने बताया कि जलाभिषेक के लिए मंदिर में पूरी तैयारी है। सुबह रुद्री पाठ के बाद हरिद्वार से लाए गए गंगाजल से श्रद्धालु दिनभर जलाभिषेक कर सकेंगे। सभी को दर्शन व पूजा का मौका मिले इसके लिए सेवादार तैनात रहे।
कांवड़ यात्रियों के जलाभिषेक के लिए आने-जाने के लिए अलग अलग द्वार हैं, ताकि बेहतर व्यवस्था बनी रहे। शाम को फलों से शृंगार व आरती होगी। इसके अलावा श्री कमलेश्वर महादेव मंदिर जीएमएस रोड, प्राचीन शिव मंदिर धर्मपुर, प्राचीन शिव मंदिर राजपुर रोड,श्री सनातन धर्म मंदिर प्रेमनगर समेत शहर के विभिन्न मंदिरों में तैयारी की गई है।
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- सूर्योदय से पहले स्नान करने के बाद वस्त्र धारण कर पूजा की सभी सामग्री एकत्र कर लें।
- इसके बाद पूजा करना शुरू करें।
- सबसे पहले शिवलिंग का दूध, दही, शहद, घी, शक्कर, गन्ने का रस से अभिषेक करें।
- गंगाजल में काला तिल मिलाकर 108 बार महादेव के महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
- जल को शिवलिंग पर अर्पित कर दें।
- धीरे-धरी महादेव के प्रिय चीजों का अर्पित करते जाएं।
- महादेव के समक्ष आटै का चौमुखी दीपक जला दें।
- फिर शिव मंत्र व शिव चालीसा का पाठ करें।