पॉलिथीन से होने वाले नुकसान से पर्यावरण को बचाना है तो उसे फेंके नहीं, करें ये उपाय
अगर आपके घरों में पॉलिथीन पड़ा हो तो उसे इधर-उधर न फेंके। बल्कि साज सज्जा में उपयोग करें। इससे पॉलीथिन से पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है।
देहरादून, जेएनएन। पॉलिथीन का प्रयोग पर्यावरण के लिए नासूर बन गया है। ऐसे में पॉलिथीन स्वयं और दूसरों को भी उपयोग न करने दें। अगर घरों में पॉलिथीन पड़ा हो तो उसे इधर-उधर न फेंके, बल्कि उसको साज-सज्जा में उपयोग करें। इससे पॉलीथिन से पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है।
दैनिक जागरण के यूथ पार्लियामेंट कार्यक्रम की ओर से रेलवे कॉलोनी लक्खीबाग में रविवार को कांस्टीट्यूएंशी डेवलपमेंट प्रोग्राम (सीडीपी) आयोजित किया गया। इस मौके पर युवा सांसदों ने पॉलीथिन के दुष्प्रभावों पर कॉलोनी के लोगों को जागरूक किया। कहा कि पॉलीथिन पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही है। इस दौरान पॉलीथिन के फायदों पर प्रोजेक्ट बना रहे शोमाईल अरकम ने कहा कि प्लास्टिक से डीजल, पेट्रोल और एलपीजी बनाई जा सकती है। इसके लिए यदि ईको फ्रेंडली प्लांट लगाए गए तो पॉलीथिन पेट्रोलियम पदार्थों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
इससे दूसरे देशों पर पेट्रोल, डीजल, मिट्टी तेल आदि के लिए आश्रित नहीं रहना पड़ेगा। युवा सांसद श्रुति पांडे ने कहा कि प्लास्टिक बोतल, पॉलीथिन आदि का उपयोग घरों की साज-सज्जा में भी किया जा सकता है। उन्होंने बच्चों को प्लास्टिक के खिलौने बनाने से लेकर दूसरे उपयोग को डेमों के माध्यम से समझाया गया। इस दौरान लोगों से अपील की गई कि स्वच्छ भारत अभियान की कल्पना तभी पूरी होगी, जब प्रत्येक व्यक्ति अपने से पॉलीथिन का उपयोग न करने का संकल्प लें। इस मौके पर प्रदीप कुमार, रफल खालिफ, दयावती, सुमन देवी आदि ने अभियान की प्रशंसा की। कार्यक्रम में टपहोप के प्रोग्राम एशोसिएट एश्वर्य गौरव आदि मौजूद रहे।
हर घर से जमा किया एक किग्रा प्लास्टिक
इस दौरान युवा सांसदों ने रेलवे कॉलोनी में प्लास्टिक के खिलाफ चलाए गए अभियान के दौरान प्रत्येक घर से प्लास्टिक कचरा एकत्र किया। इस दौरान एक सप्ताह के भीतर हर घर से एक किलो प्लास्टिक प्राप्त किया गया। करीब 40 किलोग्राम प्लास्टिक कॉलोनी से जमा किया गया।
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