Move to Jagran APP

यहां बच्चों के मन को भा रहा रेलगाड़ी वाला स्कूल, आप भी नहीं रह पाएंगे बिना तारीफ किए; तस्वीरों में देखें बदलाव

बच्चों में शिक्षा के प्रति रुचि जागृत हो और विद्यालय जाने का उत्साह भी बना रहे इसके लिए विभिन्न स्तर पर प्रयास होते रहे हैं और आज भी हो रहे हैं। इसकी बानगी पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय लक्ष्मणझूला में देखी जा सकती है।

By Raksha PanthariEdited By: Updated: Thu, 17 Dec 2020 11:44 AM (IST)
Hero Image
यहां बच्चों के मन को भा रहा रेलगाड़ी वाला स्कूल।

दुर्गा नौटियाल, ऋषिकेश। Railgadi School of Rishikesh बच्चों में शिक्षा के प्रति रुचि जागृत हो और विद्यालय जाने का उत्साह भी बना रहे, इसके लिए विभिन्न स्तर पर प्रयास होते रहे हैं और आज भी हो रहे हैं। इसकी बानगी पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय लक्ष्मणझूला में देखी जा सकती है, जहां विद्यालय भवन को रेलगाड़ी (यमकेश्वर एक्सप्रेस) का स्वरूप दिया गया है। रेलगाड़ी वाला यह विद्यालय बच्चों को भी खूब भा रहा है।

वर्ष 1962 में स्थापित राजकीय प्राथमिक विद्यालय लक्ष्मणझूला का भवन और चहारदीवारी लंबे समय से देखरेख न होने के कारण क्षतिग्रस्त होने लगी थी। यह देख विद्यालय की प्रधानाध्यापक लक्ष्मी बड़थ्वाल ने विद्यालय से जुड़ी 'प्रयास एक' सामाजिक संस्था के अध्यक्ष अश्वनी गुप्ता से इस संबंध में चर्चा की।

अश्वनी ने विद्यालय की इस समस्या से क्षेत्रीय विधायक रितु खंडूड़ी को अवगत कराया। इस पर उन्होंने विधायक निधि से चार लाख रुपये की स्वीकृति देते हुए विद्यालय भवन को इस तरह विकसित करने के निर्देश दिए, ताकि वह अन्य विद्यालयों के लिए भी एक मॉडल बन जाए। फिर क्या था, प्रधानाध्यापक लक्ष्मी बड़थ्वाल और संस्था के अध्यक्ष अश्वनी ने एक अलग ही थीम पर काम करने का निर्णय लिया। 

आखिरकार इंटरनेट पर मिले दक्षिण भारत के एक विद्यालय की परिकल्पना को यहां मूर्त रूप देने पर विचार हुआ। एक माह के कड़े परिश्रम के बाद विद्यालय भवन को रेलगाड़ी का रूप दिया गया। इसके अलावा विद्यालय की चहारदीवारी का निर्माण व रंग-रोगन के साथ ही शौचालय आदि को भी दुरुस्त किया गया। विद्यालय में परिवेश को इस तरह ढाला गया है कि बच्चों को खेल-खेल में ही कुछ न कुछ जानने-सीखने को मिले। इस कार्य को अंजाम तक पहुंचाने में स्थानीय निवासी महेश नागर व जीतू अवस्थी का पूरा सहयोग रहा। 

विद्यालय के नए रूप से बच्चे भी उत्साहित

विद्यालय में पांचवीं कक्षा के छात्र कुणाल व सत्यम बताते हैं कि हाल में ही जब वह लोकार्पण कार्यक्रम में हिस्सा लेने विद्यालय पहुंचे तो यकीन ही नहीं हुआ कि यह उनका वही पुराना विद्यालय है। कोरोना काल में उन्हें पहली बार विद्यालय बुलाया गया था। चौथी कक्षा की छात्रा तमन्ना कहती है कि उसने आज तक ट्रेन नहीं देखी, मगर विद्यालय को देखकर लग रहा है कि उसका सपना पूरा हो गया। 'प्रयास एक' सामाजिक संस्था अध्यक्ष अश्वनी गुप्ता कहते हैं कि इस विद्यालय में पौड़ी जिले के सुदूर गांवों से बच्चे पहुंचते हैं। इनमें कई बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने आज तक रेल नहीं देखी। इसी बात को देखते हुए विद्यालय को रेलगाड़ी का लुक दिया गया।

यमकेश्वर विधायक रितु खंडूड़ी का कहना है कि राप्रावि लक्ष्मणझूला को बेहद खूबसूरत स्वरूप दिया गया है। हमारी कोशिश यमकेश्वर ब्लॉक के अन्य विद्यालयों को भी इसी तरह से सजाने-संवारने की है। ताकि, बच्चों में विद्यालय के प्रति सुरुचि जागे और बेहतर शैक्षणिक वातावरण तैयार हो सके।

यह भी पढ़ें: लोहा काट दुश्मन से लोहा लेने को तैयार बिहार का बांका, ऐसे तय किया कारखाने से अफसर बनने तक का सफर

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।