उत्तराखंड में छठी से आठवीं तक के लिए स्कूल खुले, 20 फीसद छात्र ही पहुंचे
छठी से आठवीं कक्षा तक के स्कूल आज खुल गए हैं। कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के नियमों का पालन कर ही छात्रों को कक्षाओं में एंट्री दिलाई जा रही है। बच्चे भी स्कूल खुलने से बेहद उत्साहित नजर आए।
By Raksha PanthriEdited By: Updated: Tue, 17 Aug 2021 03:45 AM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून। प्रदेश में करीब चार माह बाद सोमवार को छठी से आठवीं कक्षा के लिए स्कूल दोबारा खुल गए। हालांकि, पहले दिन स्कूलों में छात्र-छात्राओं की संख्या सीमित रही। सरकारी और निजी, दोनों तरह के विद्यालयों में इन कक्षाओं में 20 फीसद के करीब ही छात्र पहुंचे। स्कूलों में कोविड प्रोटोकाल के पालन की पूरी व्यवस्था की गई थी।
स्कूल के मुख्य द्वार पर थर्मल स्क्रीनिंग और हाथ सैनिटाइज करने के बाद ही छात्रों और स्टाफ को प्रवेश दिया गया। इस दौरान शारीरिक दूरी का भी ख्याल रखा गया। प्रार्थना, खेल, एमडीएम समेत अन्य सामूहिक आयोजनों पर रोक रही। छुट्टी के दौरान शारीरिक दूरी का पालन कराने के लिए भी अलग व्यवस्था की गई। इसके तहत छठी से आठवीं तक के छात्रों की छुट्टी दोपहर 12 से एक बजे के बीच और नौवीं से 12वीं तक के छात्रों की छुट्टी दो से तीन बजे के बीच की गई। बावजूद इसके, कई जगह छुट्टी के बाद कोविड प्रोटोकाल की धज्जियां उड़ीं। बच्चे स्कूल से निकलने के बाद समूह के रूप में इकट्ठे घूमते नजर आए। कोरोना की दूसरी लहर में अप्रैल के तीसरे सप्ताह में प्रदेश के सभी स्कूल बंद कर दिए गए थे। नौवीं से 12वीं कक्षा तक की भौतिक पढ़ाई स्कूलों में दो अगस्त से ही शुरू हो चुकी है।
सरकारी स्कूलों में 48 फीसद रही कक्षा छह से 12 तक कुल उपस्थितिदून के सरकारी स्कूलों में पहले दिन कक्षा छह से आठवीं तक छात्रों की उपस्थिति 20 से 25 प्रतिशत तक रही। वहीं, कक्षा छह से 12 तक कुल 48 फीसद बच्चे स्कूल पहुंचे। मुख्य शिक्षा अधिकारी डा. मुकुल सती ने बताया कि पहला दिन होने के कारण छठी, सातवीं और आठवीं कक्षा में बच्चों की संख्या कम रही, लेकिन नौवीं से 12वीं कक्षा तक छात्रों की उपस्थिति लगातार बढ़ रही है। जिले में 223 सरकारी स्कूल खुले। इन स्कूलों में कक्षा छह से 12 तक छात्रों की संख्या 48 हजार 835 है। इसमें से 23 हजार 863 यानी 48.86 फीसद छात्र स्कूल पहुंचे। मुख्य शिक्षा अधिकारी ने बताया कि लंबे समय बाद बच्चों के लिए खुले स्कूलों में सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए हैं। अभिभावकों के सहमति पत्र और मास्क के बिना बच्चों को स्कूल में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। स्कूल नहीं आने वाले छात्रों के लिए आनलाइन कक्षा चल रही है। जीजीआइसी राजपुर रोड की प्रधानाचार्य प्रेमलता बौड़ाई ने बताया कि पहले दिन कक्षा छह से आठ तक के 23 फीसद बच्चे स्कूल आए।
कई निजी स्कूलों ने नहीं शुरू की छह से आठ तक भौतिक पढ़ाईदून में पहले दिन दून इंटरनेशलन, विवेकानंद, डीएवी, ब्रुकलिन, एसजीआरआर, द टोंस ब्रिज, एशियन समेत अन्य कुछ निजी स्कूल ही खुले। यहां भी छात्र संख्या 20 फीसद से ज्यादा नहीं दिखी। जो छात्र स्कूल नहीं पहुंचे थे, उनके लिए लाइव कक्षा का बंदोबस्त किया गया। हालांकि, सेंट जोजफ्स, कान्वेंट आफ जीजस एंड मेरी, जसवंत माडर्न, ब्राइटलैंड्स समेत कई प्रतिष्ठित निजी स्कूलों ने अभी छोटी कक्षाओं के लिए आनलाइन पढ़ाई जारी रखने का फैसला किया है। प्रिंसिपल प्रोग्रेसिस स्कूल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम कश्यप ने कहा कि ये स्कूल अभी छठी से आठवीं तक के बच्चों को स्कूल नहीं बुला रहे हैं। धीरे-धीरे सभी स्कूल पूरी सुरक्षा और तैयारी के साथ पूरी तरह खोल दिए जाएंगे।
केंद्रीय विद्यालयों में भी कक्षाएं शुरूप्रदेश के 45 केंद्रीय विद्यालयों में भी छठी से आठवीं कक्षा तक भौतिक पढ़ाई शुरू हो गई है। इनमें देहरादून के सभी 11 केंद्रीय विद्यालय भी शामिल हैं। यहां छात्रों के बीच शारीरिक दूरी के नियम का पालन करवाने के लिए विशेष व्यवस्था बनाई गई है। हर कक्षा के छात्रों को दो ग्रुप में बांटा गया है। छात्र संख्या की बात करें तो यहां भी कम ही बच्चे पढ़ाई के लिए पहुंचे। केवि आइआइपी मोहकमपुर की प्रधानाचार्य मिकी खुल्बे ने बताया कि छह से आठ तक कुल 33 छात्र उपस्थित रहे।
छुट्टी के समय बिगड़ी व्यवस्थापहले दिन स्कूलों में शिक्षक पूरा समय बच्चों से कोविड प्रोटोकाल का पालन करवाने में उलझे रहे। खासतौर पर छुट्टी के दौरान बच्चों से शारीरिक दूरी के नियम का पालन कराना चुनौती साबित हुआ। स्कूल से बाहर निकलते ही बच्चे दोस्तों से मिलने में मशगूल दिखे। कुछ स्कूलों में शिक्षक छात्रों को स्कूल गेट के बाहर भी समझाते देखे गए।यह भी पढ़ें- अटल उत्कृष्ट स्कूल में शिक्षकों की तैनाती को बुधवार तक हो सकते आदेश जारी, प्रक्रिया पूरी
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