बच्चों की सुरक्षा को लेकर नहीं सुधर रहे स्कूल, मिल रही ये खामियां
देहरादून में निजी स्कूल और कालेजों ने बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ की कसम खा ली है। कई वाहन बगैर फिटनेस के दौड़ रहे हैं तो कई चालकों के पास ड्राइविंग लाइसेंस ही नहीं।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Fri, 17 May 2019 02:32 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। लगता है शहर के निजी स्कूल और कालेजों ने बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ की कसम खा ली है। परिवहन विभाग ने स्कूल और कालेजों के वाहनों की पिछले दो दिन चेकिंग की तो वाहन बगैर फिटनेस के दौड़ते मिले और चालकों के पास ड्राइविंग लाइसेंस ही नहीं थे। गुरुवार को परिवहन विभाग ने शहरभर में दोबारा चेकिंग की तो स्कूल बसें और वैन बगैर परमिट, टैक्स और फिटनेस के बिना दौड़ते मिले। दो स्कूल बसों के साथ ही तीन वैन को सीज किया गया और 36 के चालान किए गए।
बता दें कि, स्कूली वाहनों की शिकायतों पर परिवहन आयुक्त ने दून आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई को चेकिंग अभियान चलाने का आदेश दिया था। एआरटीओ अरविंद पांडे समेत परिवहन कर अधिकारियों की टीमों ने मंगलवार से अभियान शुरू किया और गुरुवार को भी कार्रवाई जारी रखी। जोगीवाला से लेकर नंदा की चौकी, चकराता रोड, राजपुर रोड, घंटाघर पर स्कूली बसों और वैन का चेकिंग अभियान चलाया।
वसंत विहार, सहस्रधारा रोड, डालनवाला, कैंट, चकराता रोड, प्रेमनगर में चलाए अभियान में स्कूल बसें अपने रूटों के बजाए दूसरे रूटों पर दौड़ती मिलीं। कुछ बसें परमिट के बिना समेत टैक्स चुकाए बिना, फिटनेस बगैर दौड़ रही थीं। पांच बसों के चालकों के पास लाइसेंस ही नहीं था। ऐसी दो बसें सीज की गईं। वैन में भी यही स्थिति थी। वैन में बच्चे ठूंस-ठूंसकर भरे हुए थे। एक वैन तो प्राइवेट चल रही थी। जिसे सीज कर दिया गया। एआरटीओ पांडे ने बताया कि अभियान जारी रहेगा। चेकिंग अभियान में अन्य वाहनों की जांच भी की गई। फर्स्ट एड बॉक्स में एक्सपायरी दवाएं
स्कूल प्रबंधन बच्चों की सुरक्षा से ही खिलवाड़ नहीं कर रहे, बल्कि उनकी जान को भी मुसीबत में डाल रहे। स्थिति ये है कि ज्यादातर स्कूल बसों के फर्स्ट एड बॉक्स में दवाएं नहीं मिलीं और जिन बसों में दवाएं मिलीं, वो सभी एक्सपॉयरी डेट की निकलीं। एआरटीओ ने बताया कि इस स्थिति में 18 बसों का चालान किया गया। स्कूल बस से छात्र के गिरने की जांच शुरू
चलती स्कूल बस से बच्चे के गिरने के मामले को शिक्षा विभाग ने गंभीरता से लिया है। उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग के आदेश पर शिक्षा विभाग ने अपनी जांच शुरू कर दी है। मुख्य शिक्षाधिकारी आशारानी पैन्यूली के नेतृत्व में शिक्षा विभाग की टीम ने स्कूल का निरीक्षण किया और स्कूल प्रबंधन के अलावा ड्राइवर, कंडक्टर और दूसरे स्टाफ के बयान दर्ज किए। बता दें, दून हेरिटेज स्कूल का छात्र अंश चलती बस से गिरकर घायल हो गया था। जिसके बाद परिजनों ने 11 मई को स्कूल प्रबंधन ने खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले का संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सख्त रुख अपनाते हुए सीईओ से रिपोर्ट तलब की है। गुरुवार को मुख्य शिक्षाधिकारी विभागीय टीम के साथ स्कूल पहुंचीं। विभागीय सूत्रों की मानें तो शिक्षा विभाग की जांच में यह बात साफ हो गई कि बच्चे के साथ हादसा रास्ते में हुआ है।
स्कूल बस में शिक्षा विभाग को सीसीटीवी कैमरे नहीं मिले हैं। हालांकि टीम को सुरक्षा के दूसरे इंतजाम और दस्तावेज सही मिले हैं। सीईओ आशारानी पैन्यूली ने बताया कि वह जल्द ही रिपोर्ट बाल अधिकार संरक्षण आयोग को सौंप देंगी। यह भी पढ़ें: शिक्षा विभाग में कोटीकरण में विसंगति, काउंसिलिंग खत्म; शिक्षक खफा
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