उत्तराखंड में निजी मेडिकल कॉलेजों पर सीट निर्धारण में लागू होगा 50-50 का फार्मूला
निजी मेडिकल कॉलेजों की सीट निर्धारण की मांग सरकार ने ठुकरा दी है। शासन ने आदेश जारी कर कहा है कि प्रवेश पूर्व व्यवस्था के तहत 50-50 का फार्मूलेे पर ही होंगे।
By BhanuEdited By: Updated: Fri, 28 Jun 2019 12:10 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। निजी मेडिकल कॉलेजों की सीट निर्धारण की मांग सरकार ने ठुकरा दी है। इनमें 50 फीसद दाखिले ऑल इंडिया व 50 फीसद राज्य कोटा के तहत किए जाते हैं। पर इस बार कॉलेजों ने विवि एक्ट का हवाला देकर इस फॉर्मूले को मानने से इन्कार कर दिया था। इस पर अब शासन ने आदेश जारी कर कहा है कि प्रवेश पूर्व व्यवस्था के तहत ही होंगे।
बता दें, प्रदेश में शुल्क व सीट निर्धारण के मामले पर सरकार व निजी कॉलेजों के बीच लगातार खींचतान रही है। इस कारण प्रवेश के लिए छात्रों को तमाम मुश्किलों से जूझना पड़ा। शुल्क संबंधी मामला तो हाईकोर्ट तक पहुंचा। इस साल नीट-पीजी की काउंसिलिंग से ठीक पहले यह मामला सुलझा है। पर इस बार निजी कॉलेज सीट निर्धारण पर अड़ गए थे। दरअसल, इस वक्त प्रदेश में दो प्राइवेट मेडिकल कॉलेज हैं। एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज व हिमालयन इंस्टीट्यूट। यह दोनों कॉलेज निजी विश्वविद्यालयों के अधीन संचालित होते हैं।
विश्वविद्यालय प्रबंधन का कहना था कि एक्ट के तहत शुल्क व सीट निर्धारण का उन्हें अधिकार है। क्योंकि एक्ट विधायिका ने बनाया है, इसका पालन होना चाहिए। इस मुताबिक एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज में 30 फीसद सीटें सरकारी व 70 फीसद मैनेजमेंट कोटा की हैं। हिमालयन इंस्टीट्यूट में 40 फीसद सीट उत्तराखंड के मूल निवासियों व 60 फीसद अन्य राज्यों के छात्रों के लिए हैं।
इस पर अब शासन ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। चिकित्सा शिक्षा सचिव नितेश कुमार झा का कहना है कि एमसीआइ की अधिसूचना में वर्णित प्रावधान के तहत राज्य में संचालित निजी मेडिकल व डेंटल कॉलेजों में 50 फीसद सीटें राज्य कोटा व 50 फीसद ऑल इंडिया कोटा की हैं। यह सीटें एचएनबी मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा काउंसिलिंग के माध्यम से भरी जाएंगी।
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