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नीट में 510 अंक तक लाए तो सीट पक्की, पढ़िए पूरी खबर

विशेषज्ञ मानते हैं कि नीट में सामान्य वर्ग की कट ऑफ तकरीबन 510 अंक तक जाने वाली है। आपका आकलन यदि इससे ज्यादा अंकों का है तो सीट पक्की समझिए।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Mon, 06 May 2019 09:55 AM (IST)
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नीट में 510 अंक तक लाए तो सीट पक्की, पढ़िए पूरी खबर
देहरादून, जेएनएन। नीट देने वाले छात्रों के मन में अब कटऑफ को लेकर सवाल तैर रहे हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि सामान्य वर्ग की कट ऑफ तकरीबन 510 अंक तक जाने वाली है। आपका आकलन यदि इससे ज्यादा अंकों का है, तो सीट पक्की समझिए।

परीक्षा की कशमकश के बाद छात्र अब परिणाम की उधेड़बुन में हैं। वह अब नंबरों की गणित में उलझे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार तमाम आकलन के बाद नीट में सामान्य वर्ग की कटऑफ सामान्य वर्ग के लिए करीब 510 तक रहेगी। अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 490, एससी के लिए 395 व एसटी के लिए इसके करीब 350 अंक तक रहने की संभावना हैं। बता दें कि परीक्षा में कुल 180 प्रश्न आए हैं। हर एक सवाल चार नंबर का और गलत जवाब पर एक नंबर कट जाते है। कुल 720 अंक में यदि कोई छात्र 510 के आसपास स्कोर करता है तो उसकी सीट लगभग पक्की है। कटऑफ वह न्यूनतम अंक है, जिसके बूते किसी भी छात्र को देशभर के मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिलता है।

अविरल क्लासेज के निदेशक डीके मिश्रा ने बताया कि बीते वर्ष नीट में 13.26 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे। जबकि इस साल यह संख्या 15.19 लाख के करीब है। यानी 14 प्रतिशत ज्यादा उम्मीदवारों ने परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। विशेषज्ञों के अनुसार एक औसत छात्र के लिए नीट प्रश्न पत्र अच्छा था और अधिकतर छात्र इस पेपर में अच्छा स्कोर करेंगे। जिसका सीधा असर कटऑफ पर दिखाई देगा। ऑल इंडिया कोटे के तहत दाखिला पाने के लिए अभ्यर्थी को तकरीबन 510 नंबर लाने होंगे। वहीं राज्य स्तर पर 480-485 नंबर के आसपास सीट मिल जाएगी। उनका कहना है कि छात्रों को अब किसी भी तरह की उधेड़बुन से बाहर निकलकर एम्स और जिपमर की तैयारी में जुटना चाहिए। एम्स में एमबीबीएस कोर्स के लिए प्रवेश परीक्षा 25 और 26 मई को होगी, जबकि जिपमर की परीक्षा छह जून को होगी।

पर्सेन्टाइल का भी रखें ख्याल 

वीआर क्लासेज के प्रबंध निदेशक वैभव राय के अनुसार एमबीबीएस-बीडीएस में दाखिले के लिए अर्हता प्राप्त करने के लिए अनारक्षित श्रेणी के उम्मीदवार को नीट में न्यूनतम 50 पर्सेन्टाइल अर्जित करना होगा। अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए न्यूनतम 40 पर्सेन्टाइल, जबकि दिव्यांग के लिए 45 पर्सेन्टाइल में होना आवश्यक है। अखिल भारतीय कॉमन मेरिट लिस्ट में प्राप्त उच्च अंकों के आधार पर पर्सेन्टाइल का निर्धारण किया जाएगा।

नीट में भौतिक विज्ञान ने उलझाया

नीट में अभ्यर्थियों को फिजिक्स ने खूब उलझाया। केमिस्ट्री का पेपर औसत, जबकि जीव विज्ञान सरल रहा। परीक्षा केन्द्र से बाहर आते छात्रों के चेहरों पर भाव मिलाजुला था। 

देशभर के मेडिकल कॉलेजों में दाखिले नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस यानि नीट के माध्यम से होते हैं। एमबीबीएस की देश में करीब 66,771 व बीडीएस की 27,148 सीट हैं। रविवार को दून में 13 परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षा आयोजित की गई। परीक्षा केंद्र से बाहर आते परीक्षार्थियों के चेहरों पर कहीं खुशी, तो कहीं मायूसी दिखी। अधिकांश छात्र फिजिक्स में गच्चा खा गए। बलूनी क्लासेज के प्रबंध निदेशक विपिन बलूनी का कहना था कि भौतिक विज्ञान के सवाल कुछ हद तक कठिन थे। क्वांटम मैकेनिक्स से 45 फीसदी प्रश्न पूछे गए। अन्य विषयों की बात करें, तो रसायन विज्ञान औसत रहा है। जहां तक जीव विज्ञान की बात है,  छात्रों के लिए यह सेक्शन हर बार की तरह आसान रहा है। अधिकांश छात्र जीव विज्ञान के सेक्शन को सरल करार दे रहे हैं। इसमें मानव मनोविज्ञान, प्रजनन, आनुवांशिकी, आणविक जीवविज्ञान, पारिस्थितिकी आदि के प्रश्न पूछे गए।

अभ्यर्थियों की राय में 

  • नूर मोहम्मद सैफी (छात्र) का कहना है कि पेपर अच्छा हुआ। मगर, फिजिक्स के कारण डर लग रहा है। संशय इस बात का है कि कहीं रैंक न बिगड़ जाए।
  • विधि (छात्रा) का कहना है कि तैयारी में कहीं कमी नहीं रही। इसका फायदा पेपर में मिला। फिजिक्स व केमिस्ट्री के कुछ सवाल जरूर कठिन थे।
  • आलोक (छात्र) का कहना है कि भौतिक विज्ञान ने मन में संशय पैदा किया है। फिर भी उम्मीद है कि क्वालिफाई कर लूंगा। कुल मिलाकर पेपर अच्छा हुआ। 
  • कोमल (छात्रा) का कहना है कि केमिस्ट्री के सवाल औसत और भौतिक विज्ञान के कठिन रहे। जीव विज्ञान में किसी भी तरह की दिक्कत नहीं आयी।
परीक्षा का पैटर्न

  • भौतिकी : भौतिकी ने तीनों विषयों में सबसे कठिन होने का अपना टैग इस साल भी बरकरार रखा। विशेषज्ञों और अभ्यर्थियों के अनुसार, सवाल उलझाऊ और कॉन्सेप्ट आधारित थे। उनका कहना है कि अधिकतर प्रश्न जटिल थे और इनमें काफी गणना की आवश्यकता थी। 50 प्रतिशत प्रश्न औसत, 10 फीसद प्रश्न बहुत ज्यादा कठिन, 20 प्रतिशत कठिन और 20 प्रतिशत प्रश्न बहुत आसान थे। 11वीं से 23 व बारहवीं से 22 प्रश्न पूछे गए। 
  • रसायन विज्ञान : केमिस्ट्री में एनसीईआरटी की किताबों से सीधे सवाल पूछे गए थे। सरल विषयों पर आधारित प्रश्न पूछे गए और यह सेक्शन खासा स्कोङ्क्षरग रहने वाला है। सात सवाल मुश्किल, 20 औसत व 18 प्रश्न सरल थे।
  • जीव विज्ञान : विशेषज्ञों के अनुसार, इस वर्ष जीव विज्ञान उतना भी आसान नहीं था जैसा कि आमतौर पर होता है। प्रश्न वर्णनात्मक और समय लेने वाले थे। अधिकांश प्रश्नों में अवधारणाओं के गहन ज्ञान और छात्रों के एप्टीट्यूट की परख की गई। 24 प्रतिशत प्रश्न औसत, 01 फीसद प्रश्न बहुत ज्यादा कठिन, 05 प्रतिशत कठिन और 70 प्रतिशत आसान थे। 11वीं से 38 व बारहवीं से 52 प्रश्न पूछे गए।
अविरल की वेबसाइट पर आंसर की

देहरादून: अविरल क्लासेज ने अपनी वेबसाइट पर नीट की आंसर की जारी कर दी है। संस्थान के निदेशक डीके मिश्रा ने बताया कि नीट में आए प्रश्न पत्र के सभी सेट विषय विशेषज्ञों द्वारा हल कराए गए हैं। सॉल्यूशन के आधार पर आंसर की वेबसाइट www.aviral.co.in पर डाल दी गई है। जिन भी छात्रों ने परीक्षा दी है, वह उनकी वेबसाइट पर न सिर्फ आंसर की, बल्कि पूरा सॉल्यूशन भी देख सकते हैं।

विशेषज्ञों से हल कराएं पेपर 

बलूनी क्लासेज ने छात्र-छात्राओं की सहूलियत के लिए विशेषज्ञों द्वारा नीट के प्रश्नों का हल संस्थान की वेबसाइट www.balunigroup.org पर डाल दिया है। प्रश्न पत्र की किसी भी कठिनाई पर छात्र संस्थान में जाकर निश्शुल्क परामर्श भी ले सकते हैं। प्रबंध निदेशक विपिन बलूनी ने कहा कि छात्र वेबसाइट पर जाकर अपने उत्तर मिला सकते हैं। उन्होंने कहा कि बलूनी वेलफेयर एवं एजुकेशनल सोसाइटी अपनी सामाजिक दायित्व के निर्वहन के तहत सुपर-50 बैच का गठन करता है। जिसमें पूरे प्रदेश से लिखित परीक्षा के आधार पर छात्र-छात्राओं का चयन किया जाता है। इन्हें प्रवेश परीक्षा की तैयारी व पाठ्य पुस्तकें निश्शुल्क दी जाती हैं।

आंसर की जारी की 

वीआर क्लासेज ने भी नीट की आंसर की अपनी वेबसाइट पर डाल दी है। संस्थान के प्रबंध निदेशक वैभव राय ने बताया कि न केवल आंसर की, बल्कि पूरा सोल्यूशन वेबसाइट पर डाला गया है। उन्होंने बताया कि परीक्षा देने वाले अभ्यर्थी संस्थान के अनुभवी शिक्षकों से अपने प्रश्न पत्र हल भी करा सकते हैं। 

परीक्षा केंद्र पर नो एंट्री, अभ्यर्थियों ने किया हंगामा

राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा यानि नीट में कई अभ्यर्थी परीक्षा से वंचित रह गए। परीक्षा केंद्र पर देरी से पहुंचने पर उन्हें एंट्री नहीं मिली। जिस पर अभ्यर्थियों व उनके अभिभावकों ने हंगामा भी किया। बता दें, एनटीए की सख्त हिदायत थी कि जरा भी विलम्ब या बिना आइड़ी किसी भी अभ्यर्थी को प्रवेश नहीं दिया जाए। 

नीट का आयोजन इस बार दोपहर की पाली में किया गया। परीक्षा दो बजे से शुरू होनी थी पर डेढ़ बजे बाद एंट्री नहीं थी। लिहाजा तुलाज इंस्टीट्यूट स्थित केंद्र पर करीब 50 अभ्यर्थी विलम्ब के कारण परीक्षा से वंचित रह गए। उन्हें परीक्षा केंद्र के भीतर दाखिल नहीं होने दिया गया। ऐसे में उन्होंने अभिभावकों संग हंगामा भी किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह मामला शांत कराया। अभिभावकों का कहना था कि उनके बच्चों को एंट्री दी जाए। जबकि केंद्र समन्वयक से नियमों का हवाला देकर इससे साफ इंकार कर दिया।इधर, शिवालिक कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग स्थित परीक्षा केंद्र पर भी जमकर हंगामा हुआ। कई अभ्यर्थी ऐसे थे जिनके पास आइडी प्रूफ नहीं था। ऐसे में उन्हें प्रवेश नहीं दिया। यहां कुछ अभिभावक गेट पर तैनात गार्ड से ही भिड़ पड़े। उनके बीच तीखी नोकझोंक हुई। काफी देर हंगामे के बाद यह लोग वापस लौट गए।

नंगे पांव चले छात्र, नियमों ने किया परेशान

  • एनटीए के नियमों के मुताबिक उम्मीदवार तय पोशाक पहनकर ही आ सकते थे।
  •  दोपहर डेढ़ बजे के बाद उम्मीदवारों को परीक्षा केंद्रों में घुसने तक की अनुमति नहीं थी।
  • महज 2 से 3 मिनट की देरी से आने वाले कई अभ्यर्थी भी परीक्षा देने चूक गए।
  • अभ्यर्थियों को वॉलेट, चश्मे, हैंडबैग, हेयर-पिन, हेयर बैंड, बैल्ट, टोपी, घड़ी, पहन कर आने की अनुमति नहीं थी।
  • जो अभ्यर्थी जूते पहनकर पहुंचे थे, उनसे जूते बाहर ही उतरवा दिए गए। ऐसे में कई अभ्यर्थियों को नंगे पांव परीक्षा दी। 
  • एग्जाम देने पहुंची छात्राओं से एग्जाम से पहले बालियां व दुपट्टे तक उतरवा लिए गए, एग्जाम देने के बाद जब वह बाहर निकली तब इन्हें लौटाया गया। इसी तरह बैग आदि भी बाहर ही जमा करवा लिए गए।
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