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पहाड़ पर भारी पड़ रही कोरोना की दूसरी लहर, स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े भी करते इस बात की तस्दीक

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर पहाड़ पर भारी पड़ती दिख रही है। पहाड़ के कस्बे हों या फिर दूरदराज के गांव लगभग सभी जगह इस महामारी की दस्तक हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े भी इस बात की तस्दीक करते हैं।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Thu, 20 May 2021 05:05 PM (IST)
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कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर पहाड़ पर भारी पड़ती दिख रही है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर पहाड़ पर भारी पड़ती दिख रही है। पहाड़ के कस्बे हों या फिर दूरदराज के गांव, लगभग सभी जगह इस महामारी की दस्तक हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े भी इस बात की तस्दीक करते हैं। प्रदेश के चार मैदानी जिलों की तुलना में नौ पर्वतीय जिलों में संक्रमण दर कहीं अधिक है। इनमें पांच जिले ऐसे भी हैं, जहां कोरोना के नए मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

संक्रमण के पहले चरण में पिछले साल जहां पहाड़ का आधे से अधिक हिस्सा वायरस के संक्रमण से अछूता था, वहां भी अब संक्रमण के मामले मिल रहे हैं। वह भी तब, जबकि सैंपलिंग का दायरा अभी सीमित है। जानकार मानते हैं कि मैदानी जिलों की तरह दूरदराज के क्षेत्रों में भी व्यापक स्तर पर सैंपलिंग की जाए तो कई गुना अधिक मरीज मिलेंगे। संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए सैंपलिंग का दायरा बढ़ाना जरूरी है।

पहाड़ में महज 35 फीसद सैंपलिंग

बीते सात दिन (12 से 18 मई) में राज्य के 13 जनपदों में 2,18,661 सैंपल की कोरोना जांच हुई है। इनमें 1,41,783 (65 फीसद) सैंपल की जांच चार मैदानी जिलों देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल व ऊधमसिंह नगर में हुई है। बाकी के नौ पर्वतीय जिलों में महज 35 फीसद यानी 76,878 सैंपल की जांच हुई है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मैदानी क्षेत्रों की तुलना में पर्वतीय इलाकों में जांच की स्थिति क्या है।

जांच को सैंपल देने से डर रहे लोग 

पहाड़ में कम सैंपलिंग की एक वजह यह भी है कि दूरदराज के गांवों में अधिकांश लोग जांच कराने से डर रहे हैं। स्थानीय प्रशासन गांवों में सैंपलिंग के लिए जो शिविर लगा रहा है, वहां बहुत कम संख्या में लोग सैंपल देने पहुंच रहे हैं। चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, पिथौरागढ़, चंपावत, उत्तरकाशी आदि जिलों से इसी तरह की सूचना मिल रही है। इसके पीछे वजह यह भी है कि प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की ओर से ग्रामीणों को न तो कोरोना संक्रमण से बचाव के प्रति जागरूक किया गया और न नियमित निगरानी ही की जा रही है।

प्रदेश में 12 से 18 मई तक मिले संक्रमित और संक्रमण दर

  • पहाड़ का हाल 
  • जनपद, संक्रमण दर, मामले
  • पौड़ी, 28.31, 279
  • टिहरी, 24.95, 2792
  • पिथौरागढ़, 22.84, 1198
  • रुद्रप्रयाग, 22.69, 1695
  • अल्मोड़ा, 21.03, 1706
  • चमोली, 17.9, 1771
  • उत्तरकाशी, 17.43, 2377
  • बागेश्वर, 14.01, 764
  • चंपावत, 13.7, 852
मैदान की स्थिति

  • जनपद, संक्रमण दर, मामले
  • नैनीताल, 24.89, 3706
  • देहरादून, 17.10, 10678
  • ऊधमसिंहनगर, 16.03, 3866
  • हरिद्वार, 12.81, 5166
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