उत्तराखंड के सरकारी महाविद्यालय एक-एक गांव गोद लेंगे, पढ़िए पूरी खबर
उत्तराखंड के सभी राजकीय महाविद्यालय अपने पास के एक-एक गांव को गोद लेंगे। गोद लिए गांव को उन्नत बनाने के लिए साक्षरता व स्वच्छता पर अनिवार्य रूप से ध्यान देना होगा।
By Edited By: Updated: Mon, 30 Sep 2019 08:02 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। प्रदेश के सभी राजकीय महाविद्यालय अपने पास के एक-एक गांव को गोद लेंगे। गोद लिए गांव को उन्नत बनाने के लिए साक्षरता व स्वच्छता पर अनिवार्य रूप से ध्यान देना होगा। सभी कॉलेज दो अक्टूबर से अगले पचास दिन शिक्षा उन्नयन के लिए विभिन्न संगोष्ठियों का आयोजन करेंगे। जिस कॉलेजों में छात्र की संख्या पांच हजार से अधिक होगी वहां कला, विज्ञान व वाणिज्य संकाय की अलग-अलग संगोष्ठी होंगी। यह जानकारी उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ.धन सिंह रावत ने दून विवि में आयोजित संगोष्ठी में दी। नई शिक्षा नीति एवं उच्च शिक्षा में गुणवत्ता उन्नयन विषय पर आयोजित दो दिवसीय संगोष्ठी के अंतिम दिन रविवार को बतौर मुख्य अतिथि डॉ. धन सिंह रावत ने नई शिक्षा नीति पर राज्य सरकार की ओर से दिए गए सुझाव और नई शिक्षा नीति की रूपरेखा पर विस्तार से जानकारी दी।
साथ ही राज्य में उच्च शिक्षा उन्नयन के लिए तैयार किए गए प्लान को प्रदेश के प्राचार्य, विवि के कुलपति एवं शिक्षाविदों के समक्ष रखा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 41 कॉलेजों को रूसा-वन एवं टू प्रोजेक्ट के तहत तीन सौ करोड़ रुपये ढांचागत विकास के लिए आवंटित गए हैं।उत्तराखंड में उच्च शिक्षा संस्थानों में शिक्षक व छात्र का औसत एक अनुपात 47 है, जिसे अगले पांच साल में राष्ट्रीय औसत एक अनुपात 30 पर लाया जाएगा। यानि वर्तमान में राज्य के कॉलेज में एक शिक्षक 47 विद्यार्थियों को पढ़ाता है। कहा कि राज्य के राजकीय कॉलेजों में अस्थायी रूप में सेमेस्टर सिस्टम को बंद किया गया है। जब कॉलेज में शत फीसद शिक्षक, आधारभूत ढांचा व विषयों की च्वाइस अधिक होगी, तब इस पर विचार किया जाएगा। इस मौके पर दून विवि के कुलपति सीएस नौटियाल, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा आनंद वर्द्धन, अपर सचिव डॉ. अहमद इकबाल आदि मौजूद रहे।
उच्च शिक्षा उन्नयन के मुख्य बिंदु
- दो अक्टूबर से अगले 50 दिनों तक सभी सरकारी कॉलेज व विवि में संगोष्ठी।
- पांच हजार से अधिक छात्र संख्या वाले कॉलेजों में कला, विज्ञान व वाणिज्य संकाय की अलग-अलग संगोष्ठी।
- 2022 तक प्रदेश को शत फीसद साक्षरता का लक्ष्य प्राप्त करना है।
- प्रत्येक जिले में राज्य सरकार एक मॉडल कालेज बनाएगी।
- एक कॉलेज को कम से एक छात्र को प्रतिवर्ष आइएएस व आइपीएस के लिए तैयार करना होगा।
- कॉलेज संगोष्ठी में क्षेत्र के सांसद व विधायक बतौर मुख्यअतिथि आमंत्रित होंगे।
- नवाचार के लिए प्रत्येक कॉलेज में नवाचार विचार (आइडिया) देना होगा।
- क्षेत्र में साक्षरता अभियान के लिए संबंधित डीएम के साथ कॉलेज प्रबंधन की बैठक।
- छात्र और अभिभावकों के साथ 180 दिन अनिवार्य उपस्थिति पर संगोष्ठी।
- कॉलेज में पुस्तक दान व नशा निवारण पर संगोष्ठी।
- ग्रीन कैंपस- क्लीन कैंपस अभियान पर छात्रों के साथ जागरूकता बैठक।
- केंद्र सरकार के फिट इंडिया अभियान के लिए मैराथन का आयोजन।
- दून विवि में डॉ. नित्यानंद शोध संस्थान के लिए 22 करोड़ रुपये आवंटित किए।
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नई शिक्षा नीति में यूजीसी समाप्त
धन सिंह रावत ने कहा कि इस वर्ष दिसंबर तक देश में नई शिक्षा लागू हो जाएगी। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति लागू होते ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग समाप्त हो जाएगा। राष्ट्रीय शिक्षा आयोग का गठन किया जाएगा, जिसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री होंगे। आयोग में 51 सदस्यों की कमेटी होगी, जिसमें 50 फीसद शिक्षाविद होंगे। राज्य शिक्षा आयोग के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे, जबकि शिक्षा मंत्री उपाध्यक्ष होंगे। राज्य आयोग में 21 सदस्य होंगे। हर तीन महीने में आयोग कमेटी की बैठक होगी। नई शिक्षा नीति भारत दर्शन पर आधारित होगी। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति में जो सुझाव रखे गए हैं, उनमें पांचवी से स्नातक तक सेमेस्टर सिस्टम, 12वीं तक की पढ़ाई मातृभाषा में और टीचर्स टेनिंग अनिवार्य की गई है।
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