वरिष्ठ दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. अश्वनी डोभाल की डेंगू से मौत Dehradun News
प्रतिष्ठित दंत रोग विशेषज्ञ और भारतीय दंत चिकित्सा संघ की दून शाखा के अध्यक्ष डॉ. अश्वनी डोभाल (54) की डेंगू शॉक सिंड्रोम के कारण रविवार देर रात मृत्यु हो गई।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Mon, 26 Aug 2019 08:29 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। शहर के प्रतिष्ठित दंत रोग विशेषज्ञ और भारतीय दंत चिकित्सा संघ की दून शाखा के अध्यक्ष डॉ. अश्वनी डोभाल (54) की डेंगू शॉक सिंड्रोम के कारण रविवार देर रात मृत्यु हो गई। उन्हें 22 अगस्त को कैलाश अस्पताल में भर्ती किया गया था। उपचार के दौरान उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था।
शहर में डेंगू से अब तक पांच मौत हो चुकी हैं। यह अलग बात है कि विभाग ने अब तक एक की ही पुष्टि की है। जनपद देहरादून में डेंगू पीडि़तों का अब तक का आंकड़ा 580 पर पहुंच चुका है। उस पर एक के बाद एक होती मौतों ने स्वास्थ्य विभाग के दावों की भी हवा निकाल दी है। यह भी पढ़ें: दून में डेंगू ने उड़ाई नींद, एक और संदिग्ध मरीज की मौत
बता दें, डॉ. अश्वनी डोभाल राजधानी के पहले ऐसे दंत चिकित्सक थे, जिन्होंने शहर में दांतों की रूट कैनाल सर्जरी शुरू की। उनके मित्रों के अनुसार, 16 अगस्त को उनकी तबीयत खराब हुई। जिस पर उन्होंने एक निजी क्लीनिक में दिखाया। कैलाश अस्पताल के निदेशक पवन शर्मा ने बताया कि 22 अगस्त को उन्हें अस्पताल में भर्ती किया तो वह डेंगू से पीडि़त थे। उन्होंने बाहर से जांच कराई थी, जिसमें डेंगू की पुष्टि हुई थी, लेकिन तब तक उनकी बीमारी काफी बढ़ चुकी थी। डेंगू शॉक सिंड्रोम के कारण उनकी हालत बिगड़ती चली गई। किडनी में दिक्कत होने के कारण उनका डायलिसिस भी किया गया। पर 25 अगस्त रविवार रात डेढ़ बजे के करीब उनका देहांत हो गया। एलाइजा जांच के लिए सैंपल सीएमओ कार्यालय भेजा गया है।
पहले भी हुआ था डेंगू
डॉ. डोभाल के बाल सखा और सहपाठी वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सूर्यकांत धस्माना के अनुसार उन्हें पहले भी डेंगू हुआ था। लेकिन तब वह ठीक हो गए थे। सीएमओ डॉ. एसके गुप्ता का कहना है कि प्रारंभिक जांच में डेंगू की पुष्टि हुई है। अस्पताल ने सोमवार को ही एलाइजा जांच के लिए सैंपल भेजा है। एलाइजा जांच के बाद मुत्यु का कारण स्पष्ट हो जाएगा।
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व्यवहार और कार्य कुशलता के जरिये बनाया नाम
डॉ. डोभाल मूल रूप से टिहरी गढ़वाल के कुलणा गांव (अब नई टिहरी) के रहने वाले थे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा शहर के सेंट जोजेफ्स एकेडमी से हुई थी। इसके बाद उन्होंने किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज से बीडीएस और फिर एमडीएस किया। इसके बाद कुछ साल किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में ही सेवाएं दीं। वर्ष 1995 में डॉ. डोभाल ने देहरादून में प्रैक्टिस शुरू की। अपने व्यवहार, कार्य कुशलता व अनुभव के आधार पर कम समय में एक चर्चित नाम बन गए। सुभाष रोड में सचिवालय के सामने उनका आवास और क्लीनिक है। ज्यादातर नौकरशाह, उच्चाधिकारी, नेता और गणमान्य व्यक्ति उनके क्लीनिक में ही जाना पसंद करते थे। उनके पिता की मृत्यु कई साल पूर्व हो चुकी है।
घर में पत्नी, मां और उनका छोटा भाई अरुण है। जबकि दो बहन भी हैं। डॉ. डोभाल कई सामाजिक संगठनों से भी जुड़े रहे हैं। वह भारतीय दंत चिकित्सा संघ उत्तराखंड के कई पदों पर रहे और उत्तराखंड में संगठन को खड़ा करने में उनका अहम योगदान रहा।
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