Coronavirus: जिला कारागार देहरादून में कोरोना की दस्तक, सात बंदी संक्रमित
जिला कारागार देहरादून में शनिवार को सात बंदियों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद हड़कंप मच गया। आनन-फानन जिला कारागार की संबंधित बैरक सील कर दी गई।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Sun, 26 Jul 2020 11:57 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन। जिला कारागार देहरादून में शनिवार को सात बंदियों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद हड़कंप मच गया। आनन-फानन जिला कारागार की संबंधित बैरक सील कर दी गई। जेल परिसर का सैनिटाइजेशन भी शुरू कर दिया गया है। इस बैरक में ड्यूटी करने वाले बंदी रक्षकों व स्टाफ को क्वारंटाइन किया जा रहा है।
एडीजी जेल पीवीके प्रसाद ने बताया कि रविवार को जेल के अन्य बंदियों व स्टाफ की कोरोना जांच कराई जा रही है। पिछले दिनों जेल में बंद एक मरीज को हृदय संबंधी दिक्कत होने के चलते ऋषिकेश एम्स में भर्ती कराया। वहां उसका कोरोना टेस्ट कराया गया, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद उसके साथ बैरक में रहने वाले अन्य 82 बंदियों की कोरोना जांच कराई गई। इनमें से छह और बंदियों में कोरोना संक्रमण पाया गया। यह रिपोर्ट आते ही शनिवार दोपहर जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। जिन बंदियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, उन्हें कोविड अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया। बाहर से आने वालों पर रोक लगा दी गई है। अन्य बैरकों में बंद कैदियों का भी कोरोना टेस्ट कराया जा रहा है।
नहीं पता चला संक्रमण का माध्यम
जेल प्रशासन की चिंता इसलिए भी बढ़ गई है कि बंदी के संक्रमित होने का माध्यम अभी तक पता नही चल सका है। हृदय रोग से ग्रसित बंदी का एम्स से पहले कोरोनेशन अस्पताल में भी इलाज चला। अगर वह जेल से बाहर संक्रमित हुआ तो जेल में इन दिनों करीब 1200 बंदी रखे गए है।मई में हुआ था रैपिड टेस्ट
देश की तमाम जेलों में कोरोना के मामले सामने आने के बाद देहरादून जेल प्रशासन ने भी 21 मई को करीब सौ बंदियों का कोरोना टेस्ट कराया था। मगर राहत की बात थी कि उस समय एक भी बंदी संक्रमित नहीं पाया गया था। बाद में ऊधमसिंहनगर की जेल के दो बंदी कोरोना पॉजिटिव मिले थे।
स्टाफ के परिवारों में भी बेचैनीजेल का अधिकांश स्टाफ परिसर में ही बने सरकारी क्वार्टर में रहता है। उनके आने-जाने और बंदियों के आवागमन का एक ही मार्ग है। ऐसे में जेल परिसर में रहने वाले स्टाफ के परिजनों की भी चिंता बढ़ गई है।नहीं बना डिटेंशन सेंटरराज्य में कोरोना संक्रमण के मामले जब बढ़ने लगे थे, तब जेल के उच्चधिकारियों ने निर्देश दिया था कि बाहर से आने वाले बंदियों को पहले 14 दिन अलग रखा जाएगा। अगर उनमें कोरोना के लक्षण नही मिलते हैं तो ही उन्हें बैरक में शिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए हरिद्वार, अल्मोड़ा, नैनीताल, टिहरी में डिटेंशन सेंटर बनाये जा चुके हैं। लेकिन, देहरादून जेल में अब भी बाहर से आने वाले बंदियों जेल के भीतर ही अलग रखा जा रहा है। सूत्रों की माने तो जेल में संक्रमण पहुचने की एक वजह यह भी हो सकती है।
दस जून दाखिल हुआ था जेल मेंकोरोना संक्रमित पाया गया बंदी मूलरूप से हरिद्वार का रहने वाला है। फरवरी में हाईकोर्ट से उसे इलाज के लिए अंतरिम जमानत मिली थी। इस दौरान उसकी हार्ट सर्जरी होनी थी, लेकिन लॉकडाउन के चलते सर्जरी न हो पाने और अंतरिम जमानत की अवधि खत्म होने पर वह दस जून को जेल में आ गया। इस दौरान उसे 14 दिन क्वारंटाइन रखने के बाद बैरक नंबर 3-4 के एनक्लोजर एरिया में रखा गया। यहां उसके साथ 29 बंदी रहते थे। जब उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो उसके आसपास की बैरकों के 82 बंदियों का टेस्ट कराया गया।
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में सात दिन में संपर्क में आए हुए 53 फीसद लोग कोरोना संक्रमितकराया जा रहा रैपिड टेस्टशुक्रवार को सात बंदियों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम जेल परिसर पहुंची और बंदियों से लेकर स्टाफ तक का रैपिड टेस्ट कराया गया। इसमें क्या नतीजे सामने आए जेल प्रशासन ने इसका खुलासा नहीं किया है।
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