बल्लीवाला फ्लाईओवर: कितनी और मौतों का इंतजार है सरकार
करीब ढाई साल के छोटे से अंतराल में देहरादून के खूनी फ्लाईओवर पर अब तक 13 युवाओं की मौत हो चुकी है और सिस्टम अब भी इंतजार की मुद्रा में है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Thu, 18 Apr 2019 08:38 PM (IST)
देहरादून, सुमन सेमवाल। बल्लीवाला फ्लाईओवर पर सरकार को कितनी और मौतों का इंतजार है? करीब ढाई साल के छोटे से अंतराल में इस खूनी फ्लाईओवर पर अब तक 13 युवाओं की मौत हो चुकी है और सिस्टम अब भी इंतजार की मुद्रा में है। हाईकोर्ट के आदेश पर लोनिवि ने फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार कर यहां पर एक और डबल लेन फ्लाईओवर की संभावना जरूर तलाशी, मगर इसके निर्माण पर शासन ने यह कहकर हाथ खींच दिए हैं कि उनके पास बजट ही नहीं है। यही वजह है कि एक के बाद एक लोग इस पर जान गंवा रहे हैं और सरकार लोगों की सुरक्षा की खातिर 110 करोड़ रुपये का बजट जुटाने में असहाय नजर आ रही है।
अगस्त 2016 में जब यह फ्लाईओवर तैयार हुआ, तभी इस बात की आशंका भी तेज हो गई थी कि यह यातायात के लिए सुरक्षित नहीं है। क्योंकि फोरलेन में पास किए गए फ्लाईओवर का जबरन दो लेन में निर्माण करा दिया गया। अधिकारियों ने यह जानते हुए भी इसमें सुधार नहीं किया कि फ्लाईओवर पर तीव्र मोड़ भी है और इसका संकरापन हादसों का सबब बनेगा। जब फ्लाईओवर पर हादसे बढऩे लगे तो राजमार्ग खंड के अधिकारियों ने सेफ्टी ऑडिट भी कराया।
इसकी कुछ संस्तुतियों के आधार पर फ्लाईओवर को फाइबर डिवाइडर लगाकर दो भागों में भी बांटा गया। ताकि कोई भी वाहन एक-दूसरे को ओवरटेक करने की जगह आगे-पीछे चलते रहें। हालांकि, फ्लाईओवर के संकरेपन को दूर न करने के चलते इसके बाद भी हादसे होने से हाईकोर्ट ने मई 2018 में फ्लाईओवर को फोर लेन करने या बगल में एक और फ्लाईओवर निर्माण पर फिजिबिलिटी रिपोर्ट तलब की थी। यह रिपोर्ट भी बनाई गई और तय किया गया कि बल्लूपुर चौक से बल्लीवाला की तरफ आते हुए दायीं तरफ एक और डबल लेन फ्लाईओवर बनाया जा सकता है।
इसकी लागत जमीन अधिग्रहण को मिलाकर करीब 110 करोड़ रुपये बैठ रही है। यह रिपोर्ट पिछले साल शासन को भेजी जा चुकी थी और हाईकोर्ट को भी इसकी प्रति भेजकर अधिकारियों ने खानापूर्ति कर दी। क्योंकि जब बात उठी कि एक और डबल लेन फ्लाईओवर के निर्माण को स्वीकृति कब मिलेगी, तब शासन ने टका सा जवाब दे दिया कि इसके लिए बजट ही नहीं है। अफसोस कि बुधवार तड़के करीब तीन बजे इस फ्लाईओवर पर एक और युवक के जान गंवाने के बाद भी शासन यही कह रहा है कि यहां पर एक और डबल लेन फ्लाईओवर बनाया जाना किसी भी सूरत में संभव नहीं है।
इसलिए जरूरी है एक और फ्लाईओवर
महज डबल लेन फ्लाईओवर पर दोनों तरफ के वाहन गुजरते हैं। ऐसे में एक तरफ महज सिंगल लेन होने के चलते मोड़ वाले हिस्से पर वाहन दुर्घटाग्रस्त हो जाते हैं। यदि यहां पर एक और फ्लाईओवर बन जाए तो एक फ्लाईओवर से एक ही दिशा वाले वाहन गुजरेंगे और यातायात सुगम हो पाएगा।
फिजिबिलिटी रिपोर्ट में इस तरह बनाया गया खाका
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।- जमीन अधिग्रहण पर करीब 90 करोड़ रुपये का खर्च आएगा और लगभग 7000 वर्गमीटर जमीन का अधिग्रहण करना होगा। इसमें यूटिलिटी शिफ्टिंग का खïर्च भी शामिल है।
- दूसरी तरफ फ्लाईओवर के निर्माण में महज 20 करोड़ रुपये का ही खर्च आंका गया है।
- लंबाई, करीब 800 मीटर
- एप्रोच रोड, दोनों तरफ करीब 100-100 मीटर
- चौड़ाई, 8.50 मीटर (डबल लेन)
- मार्च 2013 में अन्य फ्लाईओवर के साथ बल्लीवाला फ्लाईओवर का भी शिलान्यास किया गया।
- इसके करीब डेढ़ साल बाद मई 2014 में निर्माण की एनओसी केंद्र से ली गई, जबकि निर्माण से पहले राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 के तहत एनओसी लेनी जरूरी थी।
- फिर एनओसी के विपरीत फोर लेन की जगह दो लेन में निर्माण किया गया।
- जब भी मानको के विपरीत काम करने की बात आई तो नोडल एजेंसी लोनिवि व निर्माण कंपनी ईपीआइएल के अधिकारी एक दूसरे पर जिम्मेदारी टालते रहे।