उत्तराखंड: लटका शैलेश मटियानी पुरस्कार का मामला, सीएम की आपत्ति का नहीं दिया गया जवाब
शैलेश मटियानी राज्य शिक्षक पुरस्कार का मामला लटक गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की 2019-20 के पुरस्कार रद करने के शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर लगाई गईं आपत्तियों का जवाब अब तक नहीं दिया गया है। इससे 2020-21 के पुरस्कारों को लेकर भी फैसला नहीं हो पा रहा है।
By Raksha PanthriEdited By: Updated: Fri, 13 Aug 2021 03:18 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में शैलेश मटियानी राज्य शिक्षक पुरस्कार का मामला लटक गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की 2019-20 के पुरस्कार रद करने के शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर लगाई गईं आपत्तियों का जवाब अब तक नहीं दिया गया है। इससे 2020-21 के पुरस्कारों को लेकर भी फैसला नहीं हो पा रहा है।
प्रदेश में उल्लेखनीय कार्य करने वाले शिक्षकों को शैलेश मटियानी राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। देरी होने की वजह से 2019-20 के लिए दिए जाने वाले पुरस्कार को निरस्त करने का प्रस्ताव शिक्षा निदेशालय की ओर से शासन को भिजवाया जा चुका है। इस प्रस्ताव को शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय की मंजूरी मिल चुकी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मंजूरी के लिए यह प्रस्ताव भेजा गया था।मुख्यमंत्री ने इस मामले में कुछ आपत्तियों के साथ विभाग से जवाब मांगा था। विभाग अब तक मुख्यमंत्री को जवाब नहीं भिजवा सका है। इस वजह से यह प्रस्ताव लटक गया है। प्रस्ताव लटकने का असर अगले वर्ष यानी 2020-21 के पुरस्कार पर भी पड़ सकता है। वैसे भी कोरोना की वजह से तमाम विभागों के कामकाज की गति प्रभावित हुई है। अब शैक्षिक सत्र 2021-22 का पांचवां महीना चल रहा है।
सचिवालय परिसर में अशोक चक्र स्थापित करने की मांग उत्तराखंड समीक्षा अधिकारी संघ ने मुख्य सचिव एसएस संधु से सचिवालय परिसर में अशोक चिह्न स्थापित करने का अनुरोध किया है। संघ के अध्यक्ष जीतमणि पैन्यूली और महासचिव प्रमोद कुमार द्वारा मुख्य सचिव को भेजे पत्र में कहा गया है कि सचिवालय के भवनों के नाम महापुरुषों के नाम पर रखे गए हैं। देहरादून के कालसी में अशोक शिलालेख स्थापित है। इसी क्रम में सचिवालय परिसर में अशोक चिह्न स्थापित किया जा सकता है। इससे सचिवालय के साथ ही राज्य के गौरव की भी अभिवृद्धि होगी।
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