उत्तराखंड हिमालय में चारधाम यात्रा के साथ शीत केदार दर्शन भी, जानें इन मंदिरों का माहात्म्य
केदारनाथ धाम से तो देश-दुनिया परिचित है लेकिन पंचकेदार समूह के मंदिरों को कम ही लोग जानते हैं और शीत केदार समूह के मंदिरों को जानने वाले तो शायद गिनती के होंगे। ये वो मंदिर हैं जहां शीतकाल में पंचकेदार विराजते हैं। आश्चर्य देखिए कि ये सभी मंदिर उसी कालखंड के हैं जब पंचकेदार समूह के मंदिरों का निर्माण हुआ होगा और इनका महात्म्य भी वही है।
दिनेश कुकरेती, देहरादून। केदारनाथ धाम से तो देश-दुनिया परिचित है, लेकिन पंचकेदार समूह के मंदिरों को कम ही लोग जानते हैं और शीत केदार समूह के मंदिरों को जानने वाले तो शायद गिनती के होंगे। ये वो मंदिर हैं, जहां शीतकाल में पंचकेदार विराजते हैं।
आश्चर्य देखिए कि ये सभी मंदिर उसी कालखंड के हैं, जब पंचकेदार समूह के मंदिरों का निर्माण हुआ होगा और इनका माहात्म्य भी वही है। आप स्वास्थ्य संबंधी या अन्य कारणों से यदि पंच केदार समूह के मंदिरों (केदारनाथ, द्वितीय केदार मध्यमेश्वर, तृतीय केदार तुंगनाथ, चतुर्थ केदार रुद्रनाथ व पंचम केदार कल्पेश्वर) में दर्शन को नहीं पहुंच पाए तो निराश होने की जरूरत नहीं है।
इन मंदिरों में आकर पंचकेदार दर्शन का पुण्य अर्जित कीजिए। ये मंदिर हैं, ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर, मक्कूमठ स्थित मार्कंडेय (मर्कटेश्वर) मंदिर और गोपेश्वर स्थित गोपीनाथ मंदिर। पंचम केदार कल्पेश्वर मंदिर के कपाट बारहों महीने खुले रहते हैं, इसलिए इन्हें कहीं प्रवास पर नहीं जाना पड़ता। शीत केदार समूह के सभी मंदिर मोटर मार्ग से जुड़े हैं।
आइए! शीत केदार समूह के इन मंदिरों का माहात्म्य जानें-
ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ
शीत केदार समूह के मंदिरों में पहला स्थान है ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ का। रुद्रप्रयाग जिले में समुद्रतल से 1,311 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह मंदिर भगवान केदारनाथ ही नहीं, द्वितीय केदार भगवान मध्यमेश्वर का भी शीतकालीन पूजा स्थल है। यहां पांचों केदार पिंडी रूप में विराजमान हैं, इसलिए इस मंदिर की ख्याति पंचगद्दीस्थल के रूप में भी है।आप जब मर्जी हो ओंकारेश्वर धाम जा सकते हैं, क्योंकि यह मंदिर सालभर दर्शन के लिए खुला रहता है। ऊखीमठ नगर में प्राकृतिक सुंदरता सर्वत्र बिखरी हुई है। यहां की सुरम्य वादियां, ठीक सामने नजर आने वाली चौखंभा की हिमाच्छादित चोटियां और बांज-बुरांश के घने जंगल हर किसी का मन मोह लेते हैं।
नगर के मध्य में ओंकारेश्वर मंदिर स्थापित है। यह देश में अकेला मंदिर है, जिसका निर्माण अतिप्राचीन धारत्तुर परकोटा शैली में हुआ है। ऊखीमठ के आसपास चोपता, दुगलबिट्टा, देवरियाताल जैसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल स्थित हैं। इसके अलावा त्रियुगीनारायण व कालीमठ जैसे प्रमुख तीर्थ स्थलों के दर्शनों को भी आसानी से पहुंचा जा सकता है।
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