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Maha Shivratri 2022: दुनिया में सबसे ऊंचाई पर स्थित यह शिव मंदिर, आस्था और नैसर्गिक सौंदर्य का अद्भुत संगम

Maha Shivratri 2022 उत्‍तराखंड के गढ़वाल के रुद्रप्रयाग जिले में दुनिया में सबसे ऊंचाई पर स्थित शिव मंदिर मौजूद है। यह भोलेनाथ के पंच केदारों में से एक है। तीर्थाटन एवं रोमांचक गतिविधि में रुचि रखने वाले यहां खिंचे चले आते हैं।

By Nirmala BohraEdited By: Updated: Mon, 28 Feb 2022 05:55 PM (IST)
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Maha Shivratri 2022: दुनिया में सबसे ऊंचाई पर स्थित शिव मंदिर तुंगनाथ।

जागरण संवाददाता, हरिद्वार।  Maha Shivratri 2022 आज हम आपको ऐसी ही जगह के बारे में बताने जा रहे हें जहां पहुंचकर आपको लगेगा जन्‍नत कहीं है तो बस यहीं। 'तुंगनाथ' उत्‍तराखंड के गढ़वाल के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित एक पर्वत है। इसी पर्वत पर स्थित है 'तुंगनाथ मंदिर।' यह भोलेनाथ के पंच केदारों में से एक है। उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने सोशल मीडिया ऐप कू पर तुंगनाथ मंदिर का वीडियो शेयर कर लिखा कि तुंगनाथ मंदिर, दुनिया में सबसे ऊंचाई पर स्थित शिव मंदिर है। इस मंदिर में आस्था और नैसर्गिक सौंदर्य का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। तीर्थाटन एवं रोमांचक गतिविधि में रुचि रखने वाले यहां खिंचे चले आते हैं। रुद्रप्रयाग में आपको ट्रैकिंग का भी अनोखा अनुभव मिलेगा। आप भी ‘देवभूमि’ अवश्य आएं, उत्तराखंड में सभी का हार्दिक स्वागत है। बाबा केदारनाथ की जय!

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तुंगनाथ मंदिर, दुनिया में सबसे ऊंचाई पर स्थित शिव मंदिर है। इस मंदिर में आस्था और नैसर्गिक सौंदर्य का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। तीर्थाटन एवं रोमांचक गतिविधि में रुचि रखने वाले यहां खिंचे चले आते हैं। रुद्रप्रयाग में आपको ट्रैकिंग का भी अनोखा अनुभव मिलेगा। आप भी ‘देवभूमि’ अवश्य आएं, उत्तराखंड में सभी का हार्दिक स्वागत है। बाबा केदारनाथ की जय! #bholenath #shivtemple #tunganath #kedarnath

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- Uttarakhand Tourism (@uttarakhand_tourismofficial) 28 Feb 2022

उत्तराखंड में स्थित तुंगनाथ मंदिर में भगवान शिव के हृदय और बाहों की पूजा होती है। यह केदारनाथ और बद्रीनाथ के करीब-करीब बीच में है। हिमालय के दामन में स्थित तुंगनाथ मंदिर भक्तों के लिए आकषर्ण का केंद्र है। इस जगह की खासियत यह है कि यहां आकर हर एक इंसान तनाव को भूल, यहां कि शांति को महसूस करने लगता है। यहां के शांत माहौल का लोगों पर इतना प्रभाव पड़ता है कि जीवन के प्रति उनका नजरिया ही बदल जाता है। इस मंदिर से जुड़ी कई कहानियां और मान्यताएं प्रसिद्ध हैं।

भगवान शिव के हृदय और बाहों की होती है पूजा

ऐसा कहते हैं कि यहां पर भगवान शिव के हृदय और बाहों की पूजा होती है। यहां आपको बता दें कि समुद्रतल से इस मंदिर की ऊंचाई 12,000 फुट से ज्यादा है। इसी कारण इस मंदिर के आस-पास के पहाड़ों पर बर्फ जमी रहती है। अन्य चार धामों की तुलना में यहां पर शिव भक्तों की भीड़ कुछ कम होती है इसके बावजूद फिर भी हजारों की संख्या में हर वर्ष भक्तों का यहां तांता लगा रहता है।

कैसे पहुंचे तुंगनाथ मंदिर

समुद्र की सतह से 3680 मीटर की ऊंचाई पर स्थित तुंगनाथ मंदिर की गिनती पञ्चकेदार में होती है। उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित यह मंदिर चमोली और गोपेश्वर से क्रमशः 55 व 45 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां पहुंचने हेतु सबसे पहले रुद्रप्रयाग जिले के सुन्दर स्थल चोपता पहुंचना होता है। चोपता रुद्रप्रयाग से गोपेश्वर के रास्ते में 24 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस मार्ग पर चोपता पहुंचकर फिर साढ़े तीन किलोमीटर की ऊंची चढ़ाई चढ़कर तुंगनाथ पहुंचा जा सकता है। यह चढ़ाईदार रास्ता बेहद सुन्दर है।

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आप सभी को महाशिवरात्रि की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। इस पावन अवसर पर आप ‘देवभूमि’ में भगवान शिव को समर्पित विभिन्न मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं। उत्तराखंड में पंच केदार की बहुत मान्यता है, जिनमें श्री केदारनाथ धाम, मध्यमहेश्वर मंदिर, तुंगनाथ मंदिर, रुद्रनाथ मंदिर तथा कल्पेश्वर मंदिर हैं। इन मंदिरों में देवों के देव, महादेव के विविध स्वरूपों की आराधना होती है। #SHIVRATRI #UTTARAKHAND #shivmandir - Uttarakhand Tourism (@uttarakhand_tourismofficial) 1 Mar 2022

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हमारी आंतरिक दुर्बलताएँ व अहंकार ही जीवन का विष और आत्मिक उन्नति की सबसे बड़ी बाधा है ! भूतभावन मृत्युंजय महादेव की उपासना द्वारा आत्म ज्ञान रूपी अमृतत्व की निष्पत्ति सहज संभव है ! महादेव आपकी लौकिक -पारलौकिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करें। #महाशिवरात्रि #मृत्युंजय #mahashivratri #KooForIndia #कू - Swami Avdheshanand Giri (@avdheshanandg) 1 Mar 2022

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