उत्तराखंड में 13 फरवरी को मनाई जाएगी शिवरात्रि, जानिए कारण
महाशिवरात्रि का पर्व द्रोणनगरी सहित समूचे उत्तराखंड में 13 फरवरी को मनाया जाएगा। टपकेश्वर महादेव मंदिर में 12 फरवरी की अर्द्धरात्रि से ही महादेव का जलाभिषेक शुरू हो जाएगा।
देहरादून, [जेएनएन]: महाशिवरात्रि का पर्व द्रोणनगरी सहित समूचे उत्तराखंड में 13 फरवरी को मनाया जाएगा। टपकेश्वर महादेव मंदिर में 12 फरवरी की अर्द्धरात्रि से ही महादेव का जलाभिषेक शुरू हो जाएगा। साथ ही टपकेश्वर में इस दिन लगने वाले मेले की तैयारी भी शुरू हो गई है।
आचार्य सुशांत राज ने बताया कि पूर्वी भारत (80 रेखांश से पूर्व) में 14 और पश्चिमी भारत (80 रेखांश से पश्चिम) में 13 फरवरी को महाशिवरात्रि मनाई जाएगी। निशीथ व्यापिनी फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को यह पर्व मनाया जाता है। चतुर्दशी 13 फरवरी को रात्रि 22.35 बजे आरंभ होकर अगले दिन रात्रि 12.47 बजे तक रहेगी।
पूर्वी भारत में दोनों ही दिन चतुर्दशी निशीथ व्यापिनी है तो शास्त्रों के अनुसार दूसरे दिन व्रत करना चाहिए। जबकि, पश्चिमी भारत में पहले दिन यानी 13 फरवरी को पूर्णत: निशीथ व्यापिनी है, जबकि अगले दिन आंशिक। ऐसे में देहरादून समेत पूरे उत्तराखंड में पहले दिन व्रत होगा। आचार्य संतोष खंडूड़ी ने बताया कि निशीथ काल अर्द्धरात्रि से शुरू होता है, ऐसे में पहले दिन ही व्रत, पूजन, अभिषेक आदि करना श्रेष्ठ है।
गंगाजल का टैंकर मंगाएंगे
श्री सनातन धर्म मंदिर प्रेमनगर में महाशिवरात्रि की तैयारी को लेकर बैठक हुई। इसमें निर्णय हुआ कि श्रद्धालुओं के लिए ऋषिकेश से गंगाजल का टैंकर मंगाया जाएगा। बैठक में सुभाष माकिन, रवि भाटिया, राजीव पुंज, अवतार किशन कौल, हरीश कोहली, अनिल ग्रोवर आदि मौजूद रहे।
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