Shubh Muhurat 2022 : दिसंबर तक केवल सात दिन शुभ, ज्योतिषाचार्यों से जानें कौन सा लग्न होगा खास
Shubh Muhurat 2022 देवशयनी एकादशी के तहत चार महीने के लिए भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं। इस दौरान मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान विष्णु के योग निद्रा से उठने के बाद ही मांगलिक कार्य होते हैं।
By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraUpdated: Sat, 05 Nov 2022 09:07 AM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून : Shubh Muhurat 2022 : पिछले कई माह से शादियों के लिए शुभ मुहूर्त का इंतजार अब खत्म हो गया है। देवउठनी (देवोत्थान) एकादशी के साथ अब मांगलिक कार्य के लिए मुहूर्त की शुरुआत हो चुकी है। दिसंबर माह तक शादी के लिए कुल सात शुभ मुहूर्त आएंगे।
चार महीने के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं भगवान विष्णु
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवोत्थान एकादशी के नाम से जाना जाता है। दर्शनलाल चौक स्थित पंचायती मंदिर के पंडित शशिबल्लभ शास्त्री ने बताया कि मान्यतानुसार देवशयनी एकादशी के तहत चार महीने के लिए भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं।
जिसके चलते चार महीने तक मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं। इसके बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को योग निद्रा से उठने के बाद ही शुभ मुहूर्त में मांगलिक कार्य संपन्न होते हैं।
केवल ये सात दिन होंगे शुभ
- उत्तराखंड विद्वत सभा के प्रवक्ता आचार्य बिजेंद्र प्रसाद ममगाईं के अनुसार, शुक्रास्त के चलते देवोत्थान एकादशी को छोड़ नवंबर में अधिक मुहूर्त नहीं हैं।
- ज्योतिषाचार्यों के अनुसार दिसंबर में दो, चार, आठ, 12, 13 व 14 को मांगलिक कार्य के लिए शुभ और खास रहेगा।
- इसके बाद पौष महीना शुरू हो जाएगा।
- जनवरी में मकर संक्रांति से मुहूर्त शुरू होंगे।
मंदिरों में पूजा कर प्रभात फेरी निकाली
वहीं देवोत्थान एकादशी पर देहरादून शहर के विभिन्न मंदिरों में भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की गई। इसके अलावा तुलसी व शालिग्राम का विवाह व पूजा कर सुख समृद्धि की कामना की। कई जगहों पर श्रद्धालुओं ने प्रभात फेरी निकाल भजनों से प्रभु का गुणगान किया।
पटेलनगर स्थित श्याम सुंदर मंदिर में देवोत्थान एकादशी पर भजन कीर्तन कर सर्व मंगल की कामना की। सुबह क्षेत्र में श्रद्धालुओं ने प्रभात फेरी निकाली। भजन गायक प्रेम भाटिया, भूपेंद्र चड्ढ़ा, गोविंद मोहन, चंद्र मोहन आंनद आदि भजनों की प्रस्तुति दी। मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी भूपेंद्र चड्ढ़ा ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा पर बैंड बाजे के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी।
वहीं, सहारनपुर चौक स्थित श्री पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं ने तुलसा संग शालिग्राम की पूजा अर्चना की। दिगंबर दिनेश पुरी जी ने बताया कि मंदिर प्रांगण में भव्य सिंहासन पर मां तुलसा संग शालिग्राम प्रभु को विराजमान कर धूप, दीप, पुष्प, पुष्प माला इत्यादि शृंगार की सामग्री अर्पण की।
इसके बाद आचार्य भारत भूषण भट्ट ने तुलसा व शालिग्राम प्रभु का विवाह संपन्न कराया। वहीं प्रेमनगर स्थित सनातन धर्म मंदिर कमेटी की ओर से क्षेत्र में प्रभात फेरी निकाली गई।
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