ऋषिकेश में अब सायरन बताएगा गुलदार का मूवमेंट, पढ़िए खबर
ऋषिकेश में गुलदार के मूवमेंट का पता लगाने के लिए यहां थर्मल इमेजिंग सायरन और पिंजरे लगाने की तैयारी है। इस बाबत वन विभाग के रेंज अधिकारी के साथ मुख्यालय की टीम ने निरीक्षण भी किया।
By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Updated: Sat, 20 Jun 2020 11:45 AM (IST)
ऋषिकेश, जेएनएन। देहरादून वन प्रभाग के ऋषिकेश स्थित आवास विकास कॉलोनी शिवा एनक्लेव और आइडीपीएल पुलिस चौकी के आसपास लंबे समय से गुलदार की धमक बनी हुई है। गुलदार को लेकर वन विभाग मुख्यालय की रेस्क्यू टीम भी सक्रिय हो गई है। गुलदार का पता लगाने के लिए यहां थर्मल इमेजिंग सायरन और पिंजरे लगाने की तैयारी है। इस बाबत रेंज अधिकारी के साथ मुख्यालय की टीम ने निरीक्षण भी किया।
वन रेंज ऋषिकेश के अंतर्गत आइडीपीएल, आवास विकास कॉलोनी, शिवा एनक्लेव, भरत विहार और गुमानीवाला क्षेत्र में पिछले कई महीनों से गुलदार और उसका परिवार सक्रिय है। गुलदार की धमक एक माह पूर्व डीएसबी स्कूल गुमानीवाला में हुई थी। कड़ी मशक्कत के बाद विभाग की टीम एक गुलदार को पकड़ने में सफल रही थी। गुलदार के अन्य साथी अभी भी यहां सक्रिय हैं। जनवरी माह में शिवा एनक्लेव स्थित एक घर में लगे सीसीटीवी कैमरे में नर मादा के अतिरिक्त तो शावक नजर आए थे। पिछले कुछ महीने शांति रही। अब फिर से क्षेत्र में गुलदार सक्रिय हो गया है।
आइडीपीएल पुलिस चौकी के पीछे रात नौ बजे गुलदार नजर आया है। आइडीपीएल रामलीला मैदान में लोगों ने गुलदार को देखा है। शिवा एनक्लेव के सीसीटीवी कैमरे में दो दिन पूर्व एक गुलदार कैद हुआ है। गुलदार को पकड़ने के लिए ऋषिकेश रेंज के साथ वन विभाग मुख्यालय की रेस्क्यू टीम भी सक्रिय हो गई है। बीते रोज मुख्यालय से रेस्क्यू टीम के हेड रवि जोशी अपनी टीम के साथ गुलदार प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करने आए थे।
वन विभाग की टीम ने यहां गुलदार के सर्वाधिक सक्रिय और मूवमेंट क्षेत्र का मौका मुआयना किया गया। ऋषिकेश के वन क्षेत्रधिकारी एमएस रावत ने बताया कि टीम के द्वारा गुलदार सक्रिय क्षेत्र में थर्मल इमेजिंग सायरन लगाए जाएंगे। दो स्थान पर इस तरह के सायरन लगाने की योजना है। सायरन के समीप शरीर की गर्मी से सायरन बज उठेगा। इससे आसपास लोग सतर्क हो जाएंगे।
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इसके अतिरिक्त संबंधित क्षेत्रों में गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरे भी लगाए जाएंगे। विभाग के समक्ष बड़ी समस्या यह भी है कि जहां भी गुलदार ज्यादा सक्रिय है वहां खाली प्लाट के अतिरिक्त बड़ी-बड़ी झाड़ियां उग आई हैं। जिसे काटने के लिए प्रशासन को कहा गया है।यह भी पढ़ें: गंगोत्री नेशनल पार्क में सात साल के हिम तेंदुआ की मौत, कारणों का नहीं चल पाया पता
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