छात्रवृत्ति घोटाला: सीएम की हरी झंडी पर भी दबा दी कार्रवाई की अनुमति
मुख्यमंत्री की हरी झंडी मिलने के बावजूद छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति का पत्र शासन में दब गया है।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Tue, 25 Jun 2019 04:16 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर मुख्यमंत्री की हरी झंडी मिलने के बावजूद अनुमति पत्र शासन में दब गया है। एसआइटी का दावा है कि सोमवार तक अनुमति पत्र नहीं मिला है। इससे एसआइटी संयुक्त निदेशक समेत पांच अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं कर पा रही है। इधर, शासन से अनुमति में देरी से एसआइटी की जांच धीमी पड़ गई है। जिससे घोटालेबाज खुलेआम घूम रहे हैं।
छात्रवृत्ति घोटाले में एसआइटी की जांच शासन की अनुमति न मिलने से उलझी हुई है। हरिद्वार के मुकदमों में एसआइटी ने पूर्व आइटी अधिकारी जीआर नौटियाल समेत पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी रहे दीपराज अग्निहोत्री, सहायक समाज कल्याण अधिकारी खानपुर सोमप्रकाश, सहायक समाज कल्याण अधिकारी भगवानपुर विनोद नैथानी और सहायक समाज कल्याण अधिकारी लक्सर मुनीष त्यागी के खिलाफ कार्रवाई को शासन से अनुमति मांगी थी। करीब एक माह तक न्याय विभाग की राय मिलने तक अनुमति अटकी रही। न्याय विभाग ने राय दी तो समाज कल्याण विभाग में फाइल दब गई। 20 जून को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कार्रवाई की स्वीकृति देते हुए फाइल विभाग को भेजी थी। समाज कल्याण के अपर सचिव रामविलास यादव का कहना है कि उनके यहां से अनुमति जारी हो गई है। एसआइटी को अनुमति भेजी जा चुकी है। जबकि एसआइटी प्रभारी मंजूनाथ टीसी का कहना है कि सोमवार तक अनुमति पत्र नहीं मिला है।
अनुमति पत्र मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी। इससे सवाल खड़े होने लगे हैं कि जिस प्रकरण में कार्रवाई की अनुमति मुख्यमंत्री ने चार दिन पहले दे दी, वह शासन से हरिद्वार तक नहीं पहुंच पाया है। यह भी पढ़ें: स्वास्थ्य विभाग में फर्जी नियुक्ति पत्र देने की आरोपित महिला गिरफ्तार
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