छात्रवृत्ति घोटाले में फंसे अफसर अब तलाश रहे बचाव के रास्ते, जानिए
अब छात्रवृत्ति घोटाले में फंसे अफसर बचाव के रास्ते तलाश करने में जुटे हुए हैं। इसके लिए कुछ वकीलों की शरण में तो कुछ नेता और शासन के अफसरों की परिक्रमा कर रहे हैं।
By Edited By: Updated: Sat, 23 Feb 2019 02:45 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। छात्रवृत्ति घोटाले में फंस रहे कॉलेज संचालक और सत्यापन कराने वाले अफसर बचाव के रास्ते तलाश रहे हैं। इसके लिए कुछ वकीलों की शरण में तो कुछ नेता और शासन के अफसरों की परिक्रमा कर रहे हैं। इधर, एसआइटी ने एक गिरफ्तारी के बाद आगे की कार्रवाई सोच-समझकर करने की ठानी है। इसके लिए अब तक मिले दस्तावेजों का अध्ययन किया जा रहा है।
दशमोत्तर छात्रवृत्ति के नाम पर प्राइवेट और प्रोफेशनल कोर्स चलाने वाले कॉलेजों ने करोड़ों रुपये का खेल किया है। अभी तक एसआइटी की पकड़ में रुड़की का आइपीएस कॉलेज आया है। इस कॉलेज में सिर्फ दो साल की छात्रवृत्ति में 10 करोड़ से ज्यादा की गड़बड़ी पकड़ में आई। कॉलेज के एक संचालक को एसआइटी ने गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दूसरा अभी भी फरार चल रहा है। वहीं, एसआइटी ने दून के 25 प्रोफेशनल प्राइवेट कॉलेजों को घपले में चिह्नित किया है। इसे लेकर प्रेमनगर थाने में मुकदमा भी दर्ज हुआ है। लेकिन दस्तावेजों की पड़ताल में एसआइटी अभी तक घपलेबाजों तक नहीं पहुंच पाई है। एसआइटी सूत्रों का कहना है कि गिरफ्तारी से पहले आरोपितों के खिलाफ पुख्ता सबूत जुटाए जाने हैं। ताकि गिरफ्तारी के बाद कोर्ट से स्टे या फिर जमानत जैसी स्थिति का फायदा न मिल पाए।
हालांकि, एसआइटी की इस कार्रवाई के बीच घपला करने वाले अपने बचाव के रास्ते भी तलाशने लगे हैं। इसके लिए संस्थान संचालक और सत्यापन कराने वाले अफसर वकीलों से लेकर शासन के अफसरों और मंत्रियों की शरण में जा रहे हैं। जहां अफसर और कॉलेज संचालक सफाई देते फिर रहे हैं। मगर, यह तय है कि घोटाले में जो भी संलिप्त होगा, उस पर एसआइटी की कार्रवाई होगी।यह भी पढ़ें: 22 दिन बाद भी नहीं मिले सिडकुल घोटाले के दस्तावेज
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