Dehradun: एसआइटी ने रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में दो और मामले किए दर्ज; इन जगहों पर रजिस्ट्रियों में पाई गई छेड़छाड़
Registry Fraud Case Update रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में नए प्रकरण निरंतर सामने आ रहे हैं। अब राजपुर रोड और राजेंद्रनगर कौलागढ़ की भूमि की रजिस्ट्रियों में छेड़छाड़ की पुष्टि की गई है। इस मामले में सहायक महानिरीक्षक स्टांप संदीप श्रीवास्तव की शिकायत पर शहर कोतवाली में दो मुकदमे दर्ज किए गए हैं। प्रकरण में अब तक कुल नौ मामले दर्ज किए जा चुके हैं।
By Jagran NewsEdited By: riya.pandeyUpdated: Mon, 18 Sep 2023 01:12 PM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून: Registry Fraud Case Update: रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में नए प्रकरण निरंतर सामने आ रहे हैं। अब राजपुर रोड और राजेंद्रनगर, कौलागढ़ की भूमि की रजिस्ट्रियों में छेड़छाड़ की पुष्टि की गई है। इस मामले में सहायक महानिरीक्षक स्टांप संदीप श्रीवास्तव की शिकायत पर शहर कोतवाली में दो मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
प्रकरण में नौ मामले दर्ज
सब रजिस्ट्रार कार्यालय में रिकार्ड से छेड़छाड़ कर स्वामित्व बदलने के मामले में पूर्व में सात मुकदमे दर्ज कर 10 आरोपितों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। प्रकरण में अब तक कुल नौ मामले दर्ज किए जा चुके हैं।
फर्जी कागज बना बेचा गया जमीन
शहर कोतवाली पुलिस को दी गई तहरीर के मुताबिक, पहला प्रकरण राजपुर रोड की संपत्ति से संबंधित है। इस भूमि की रजिस्ट्री वर्ष 1979 में की गई। इंग्लैंड के लांग जान हिल नार्विक निवासी एनएन सिंह व उनकी पत्नी रक्षा सिंह की पावर आफ अटार्नी पर कांवली रोड निवासी प्रेम चंद्र ने संबंधित भूमि को विक्रय किया गया।जांच में संदिग्ध मानी गई रजिस्ट्रियां
इसे वर्ष 1979 में रजिस्ट्री संख्या 4222 से 4224 के माध्यम से रामरतन शर्मा निवासी हिरनवाडा (मुजफ्फरनगर) को विक्रय किया जाना दिखाया है। इसमें एक काटेज व गैराज का निर्माण भी किया गया है। हालांकि, जांच में इन रजिस्ट्रियां को प्रथम दृष्टया संदिग्ध माना गया है। क्योंकि, इनसे पहले व बाद की रजिस्ट्रियों में बट प्रथम पृष्ठ पर चस्पा किए गए हैं, जबकि इन रजिस्ट्रियों में बट अंत में चस्पा पाए गए।
मुहर भी नहीं है अंकित
अन्य रजिस्ट्रियों की तरह इनमें मुहर भी अंकित नहीं मिली। इन रजिस्ट्रियों में स्याही का रंग भी उस दौरान की अन्य रजिस्ट्रियों की स्याही जैसा नहीं पाया गया। ऐसा माना गया है कि फर्जीवाड़े के लिए मूल रजिस्ट्री को गायब कर उनकी जगह फर्जी रजिस्ट्री सब रजिस्ट्रार कार्यालय के रिकार्ड रूम में रखवा दी गई।भूमि पर है छह कमरों का घर व एक छोटा बगीचा
रजिस्ट्री फर्जीवाड़े का दूसरा प्रकरण भी ऐसा ही पाया गया। राजेंद्र नगर, कौलागढ़ की 559 वर्ग गज जमीन को वर्ष 1989 में रजिस्ट्री संख्या 10491 के माध्यम से विक्रय किया जाना दिखाया गया है। जिसे राजेंद्र नगर निवासी प्यारे लाल कौल ने बहेड़ी (बरेली) निवासी स्वर्ण सिंह को विक्रय किया।
इस भूमि पर छह कमरों का घर और एक छोटा बगीचा है। इस रजिस्ट्री का परीक्षण करने पर पाया गया कि रजिस्ट्री संबंधित जिल्द में अंतिम दस्तावेज के रूप में दर्ज की गई है। जिसे टेप के माध्यम में चिपकाया जाना प्रतीत होता है।
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