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दौलत राम ट्रस्ट जमीन घोटाले की जांच को एसआइटी गठित Dehradun News

बहुचर्चित दौलतराम ट्रस्ट की 700 बीघा जमीन के घोटाले की जांच के लिए पुलिस मुख्यालय ने एसआइटी गठित कर दी। इसकी कमान डीआइजी देहरादून अरुण मोहन जोशी को सौंपी गई है।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Updated: Thu, 11 Jun 2020 01:45 PM (IST)
दौलत राम ट्रस्ट जमीन घोटाले की जांच को एसआइटी गठित Dehradun News
देहरादून, जेएनएन। बहुचर्चित दौलतराम ट्रस्ट की 700 बीघा जमीन के घोटाले की जांच के लिए पुलिस मुख्यालय ने एसआइटी गठित कर दी। पांच सदस्यीय एसआइटी की कमान डीआइजी देहरादून अरुण मोहन जोशी को सौंपी गई है। 

इस मामले में अधिवक्ता राजेश सूरी की बहन रीटा सूरी लंबे समय से पुलिस से उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रही थीं। रीटा का आरोप है कि दौलत राम ट्रस्ट व अन्य जमीनों के घोटाले का पर्दाफाश करने पर उनके भाई की साजिश के तहत हत्या कर दी गई थी।

अधिवक्ता राजेश सूरी ने देहरादून के दौलत राम ट्रस्ट भूमि घोटाले का पर्दाफाश किया था। इस मामले में उन्होंने वर्ष 2002 में एडीएम देहरादून के समक्ष गुप्त बयान भी दर्ज कराए थे। इस घोटाले का मुकदमा दर्ज कराने के बाद 30 नवंबर 2014 को सूरी हाईकोर्ट नैनीताल से दून लौट रहे थे, इसी दौरान उनकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चिकित्सकों ने मौत का कारण दिल का दौरा पडऩा बताया था, जबकि उनकी बहन रीटा का आरोप था कि अधिवक्ता सूरी को जहर देकर मारा गया है। रीटा ने कोतवाली में हत्या का मुकदमा भी दर्ज कराया था। वह लगातार इस मामले की हाईकोर्ट से लेकर पुलिस मुख्यालय तक पैरवी करती रही हैं। 

उनकी मांग थी कि इस घोटाले की उच्च स्तरीय जांच हो तो कई और बड़े चेहरे बेनकाब होंगे। पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने बताया कि ट्रस्ट प्रकरण की जांच के लिए शासन ने एसआइटी गठित करने का आदेश दिया गया था। टीम में डीआइजी अरुण मोहन जोशी, अपर पुलिस अधीक्षक लोकजीत सिंह, सीओ सिटी शेखर चन्द्र सुयाल समेत पांच सदस्य शामिल हैं। 

मोबाइल न देने पर युवक का हाथ तोड़ा

मोबाइल न देने पर असामाजिक तत्वों ने युवक पर हमला कर उसका हाथ तोड़ दिया। युवक ने विरोध किया तो आरोपितों ने उस पर तमंचा तान दिया और जान से मारने की धमकी देते हुए फरार हो गए। मामले में प्रेमनगर पुलिस ने एक नामजद समेत पांच अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

पुलिस के अनुसार योगेंद्र सिंह निवासी झाझरा का आरोप है कि उनका भतीजा विशाल अपने दोस्तों के साथ आडवाणी पुल के पास घूमने गया था। पुल के नीचे कुछ युवक पहले से बैठे हुए थे। इस दौरान युवकों ने विशाल से मोबाइल मांगा तो उसने मना कर दिया। 

इस पर अमन नाम के युवक और उसके साथी आगबबूला हो उठे और उन्होंने विशाल पर हमला बोल दिया। विशाल व उसके साथियों ने विरोध किया तो अमन ने तमंचा निकाल लिया और उसके साथियों ने पत्थरों से मारना शुरू कर दिया। इस बीच वहां से गुजर रहे गांव के युवक ने बीचबचाव कर मामला शांत कराया।

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योगेंद्र का आरोप है कि इसके बाद अमन और उसके साथी जान से मारने की धमकी देते हुए मौके से फरार हो गए। एसओ प्र्र्रेमनगर धर्मेंद्र रौतेला ने कहा कि मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आरोपितों की पहचान की जा रही है।

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