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बर्फ से ढके उत्तराखंड के पहाड़, भूस्खलन से यमुनोत्री हाइवे बंद

बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री ने बर्फ की चादर ओढ़ ली। वहीं भूस्खलन से यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग बड़कोट के पास बंद होने से यमुनाघाटी के लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं।

By BhanuEdited By: Updated: Wed, 13 Dec 2017 04:00 AM (IST)
बर्फ से ढके उत्तराखंड के पहाड़, भूस्खलन से यमुनोत्री हाइवे बंद

देहरादून, [जेएनएन]: बारिश और बर्फबारी से उत्तराखंड कड़ाके की सर्दी की चपेट में है। ऊंची चोटियों के साथ ही बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री ने बर्फ की चादर ओढ़ ली। चमोली जिले में विश्व प्रसिद्ध स्कीइंग स्थल औली में सीजन की पहली बर्फबारी से पर्यटकों के चेहरे खिल गए, वहीं भूस्खलन से यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग बड़कोट के पास बंद होने से यमुनाघाटी के लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं।

 मार्ग पर पहाड़ी से पत्थर गिर रहे हैं। गौरतलब है कि सितंबर में भी भूस्खलन के कारण यह मार्ग करीब बीस दिन बंद रहा।  कुमाऊं के पिथौरागढ़ जिले में भी कई जगह हिमपात की खबर है। इसके अलावा पहाड़ के साथ ही मैदानी इलाकों में रात से रिमझिम बारिश होती रही। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अगले 24 घंटे में बादल छाए रहेंगे, लेकिन उच्च हिमालय में बारिश और बर्फबारी हो सकती है। 

सोमवार देर शाम से ही मौसम ने रंग बदलना शुरू कर दिया था। केदारनाथ में रात से शुरू हुआ हिमपात का सिलसिला सुबह तक जारी रहा। इस दौरान करीब दो फीट बर्फ पड़ी। इस कारण केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य रोकने पड़े। यहां कार्य कर रहे डेढ़ सौ से अधिक श्रमिक अपने कमरों में ही दुबके रहे। इसके अलावा तुंगनाथ, मदमहेश्वर, पंवालीकांठा के साथ ही चमोली में औली और गोरसो में भी हिमपात हुआ है। बर्फबारी से औली में जनवरी में होने वाली स्कीइंग प्रतियोगिता  की उम्मीदें जग गईं।

गढ़वाल मंडल के रुद्रप्रयाग, टिहरी, चमोली और पौड़ी में कहीं बूंदाबांदी तो कहीं तेज बौछारें पड़ने तापमान में गिरावट दर्ज की गई। उत्तरकाशी में गंगोत्री और यमुनोत्री क्षेत्र में बर्फबारी से गंगा का शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा व यमुना का शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली, हर्षिल, सुक्की टॉप, दयारा बुग्याल, डोडीताल बर्फ ढके हुए हैं। 

उधर, कुमाऊं में भी मौसम का मिजाज कुछ ऐसा ही रहा। पिथौरागढ़ जिले में सोमवार रात से सुबह तक जबरदस्त हिमपात से थल-मुनस्यारी मार्ग बंद हो गया। जिसे नौ घंटे बाद खोला जा सका। पहाड़ से लेकर तराई तक बारिश के साथ ही चम्पावत में कुछ स्थानों पर ओले भी गिरे। अल्मोड़ा में बारिश के साथ तेज हवा के कारण बिजली आपूर्ति भी बाधित हुई।

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