उत्तराखंड में हुई बर्फबारी लाएगी फलोत्पादन में उछाल, पैदावार 40 फीसद ज्यादा रहने की उम्मीद
इस बार समय पर हुई बर्फबारी से पर्वतीय फलों के उत्पादन में डेढ़ गुना से ज्यादा वृद्धि होगी। आगे भी मौसम का साथ मिला तो सेब और अन्य फलों की पैदावार 40 फीसद ज्यादा रहने की उम्मीद है।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Mon, 13 Jan 2020 08:21 PM (IST)
चकराता, चंदराम राजगुरु। इस बार हुई रिकॉर्ड बर्फबारी ने जौनसार-बावर के दस हजार बागवानों के चेहरों पर चमक ला दी है। उद्यान सचल दल केंद्र के अधिकारियों और जानकारों की मानें तो इस बार समय पर हुई बर्फबारी से पर्वतीय फलों के उत्पादन में डेढ़ गुना से ज्यादा वृद्धि होगी। आगे भी मौसम का साथ मिला तो सेब और अन्य फलों की पैदावार 40 फीसद ज्यादा रहने की उम्मीद है।
देहरादून जिले के सबसे अधिक सेब उत्पादन वाले सीमांत त्यूणी और चकराता क्षेत्र के बागवानों के लिए मौसम खुशियों की सौगात लेकर आया है। ग्रामीणों का कहना है अरसे बाद उन्होंने बर्फबारी ऐसा नजारा देखा। ऊंचे इलाकों के साथ ही निचले इलाकों में भी अच्छी बर्फबारी देखने को मिली। यह पर्वतीय फलों और अन्य कृषि उत्पादों के लिए काफी फायदेमंद है।हालिया दिनों में चकराता के जाखधार दौर पर आए कृषि और उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल ने जौनसार-बावर को फल पट्टी के रूप में विकसित करने की बात कही थी। सरकार ने ग्रामीण बागवानों की सुविधा के लिए चकराता, कोटी-कनासर, त्यूणी और चौसाल में चार उद्यान सचल दल केंद्र खोले हैं। जिनसे करीब दस हजार ग्रामीण बागवान जुड़े हैं।
बागवान सूरतराम (डेरसा), जगतराम नौटियाल, पूरनचंद राणा (कोटी), धन सिंह रावत (बुल्हाड़), कल सिंह चौहान (अमराड़-कुनैन), संतराम चौहान (किस्तुड़) और लायकराम शर्मा (भाटगढ़ी) के अनुसार इस बार समय से हुई अच्छी बारिश और बर्फबारी खेती-बागवानी के क्षेत्र में उम्मीद जगाने वाली है। इससे न केवल सेब, आडू, खुमानी, नाशपाती, पुलम, माल्टा और अन्य कृषि फसलों का उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि ग्रामीणों की आमदनी में भी इजाफा होगा। जानकारों की मानें तो बर्फ से लकदक सेब के बागीचों में लंबे समय तक नमी बने रहने से पेड़ों को पूरी खुराक मिलेगी।
वरदान से कम नहीं जनवरी की बर्फबारी
एडीओ धीर सिंह चौधरी (उद्यान सचल दल केंद्र कोटी-कनासर), आरपी जसोला (त्यूणी-चौसाल केंद्र) और प्रभारी चंदराम नौटियाल (उद्यान सचल केंद्र चकराता) ने कहा कि पर्वतीय फलों के लिए जनवरी की बर्फबारी किसी वरदान से कम नहीं है। इससे बागीचों में अप्रैल तक नमी रहेगी। इससे मार्च आखिर में फ्लोरिंग के बाद फलों की पैदावार अच्छी रहेगी। उन्होंने कहा कि उद्यान विभाग की ओर से ग्रामीण बागवानों को सभी संभव सहयोग दिया जा रहा है।
वर्षवार सेब उत्पादन उद्यान सचल दल केंद्र त्यूणी और चौसाल में वर्ष, सेब उत्पादन (मीट्रिक टन में) 2017-18, 1800 2018-19, 1500 2019-20, 2500 यह भी पढ़ें: गांव वाले उड़ाते थे मजाक, आज बन गई कीवी क्वीन; पढ़िए पूरी खबर
उद्यान सचल दल केंद्र कोटी-कनासर में 2017-18, 1600 2018-19, 1400 2019-20, 2100 यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में हुई रिकॉर्ड बर्फबारी बढ़ाएगी हर्षिल के सेब की 'लालिमा', पढ़िए पूरी खबरउद्यान सचल दल केंद्र चकराता में
2017-18, 1000 2018-19, 800 2019-20, 1200 यह भी पढ़ें: जैविक खेती करके गोबर से सोना उगा रहे तेलूराम, जानिए इनके बारे में
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