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मसूरी, चकराता व नागटिब्बा में बर्फबारी, स्‍कूलों में की गई छुट्टी

उत्तराखंड के चार धाम समेत उच्च हिमालय में हिमपात के साथ ही निचले स्थानों पर रुक-रुक कर बारिश का दौर बना हुआ है। वहीं, प्रशासन ने स्‍कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Fri, 08 Feb 2019 05:50 PM (IST)
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मसूरी, चकराता व नागटिब्बा में बर्फबारी, स्‍कूलों में की गई छुट्टी
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में एक बार मौसम बदला और चार धाम समेत उच्च हिमालय में हिमपात के साथ ही निचले स्थानों पर रुक-रुक कर बारिश का दौर बना हुआ है। मसूरी में दिन में ओलावृष्टि के बाद रात करीब साढ़े ग्यारह बजे से जोरदार हिमपात हुआ, वहीं निकटवर्ती धनोल्टी, सुरकंडा, नागटिब्बा और चकराता बर्फ से सफेद हो गई हैं। बर्फबारी और बारिश से समूचा प्रदेश शीतलहर की चपेट में है।   

मौसम विभाग के रेड अलर्ट को देखते हुए देहरादून, टिहरी में कक्षा एक से बाहरवीं तक के स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है। दूसरी ओर कुमाऊं के बागेश्वर और पिथौरागढ़ में प्रशासन ने शुक्रवार को भी कक्षा एक से लेकर 12वीं तक के सभी स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया है। मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार को भी बारिश और बर्फबारी की संभावना बरकरार है। हालांकि शाम तक मौसम साफ हो सकता है।

गुरुवार को सुबह हल्की धूप निकली, लेकिन दोपहर तक आसमान में घने बादल छा गए। दोपहर बाद बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के साथ औली, हेमकुंड और गोरसो बुग्याल व उत्तरकाशी में हर्षिल में भी हिमपात के समाचार हैं। केदारनाथ में 16 दिन बाद भी बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हो पाई है। उत्तरकाशी जिले में अब भी करीब तीन दर्जन गांव जिला मुख्यालय से कटे हुए हैं, जबकि गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे समेत चार सड़कों पर यातायात बहाल नहीं हो पाया है। देहरादून, हरिद्वार, रुड़की और ऊधमसिंह नगर में बारिश का दौर बना हुआ है, जबकि मसूरी और विकासनगर में ओले पड़ने से सर्दी बढ़ गई है।

कुमाऊं में भी मौसम का मिजाज गढ़वाल मंडल की तरह ही रहा। पिथौरागढ जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में हिमपात का क्रम जारी है। तराई में कई जगह बारिश के साथ ही ओलावृष्टि भी हुई है।

पीठ पर लादकर खाद्य सामाग्री ले जा रहे जवान

औली में पिछले पखवाड़े हुई भारी बर्फबारी से उत्पन्न समस्याएं अब भी खत्म नहीं हुई हैं। हालांकि प्रशासन ने जोशीमठ से औली तक पांच किलोमीटर लंबे मार्ग पर बर्फ हटाकर यातायात बहाल कर दिया है, लेकिन औली से दो किलोमीटर दूर सनील तक सड़क अब भी बर्फ से पटी हुई है। सनील में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल और सेना के कैंप है। यहां जवानों को दो किलोमीटर पैदल ही कंधे पर सामान ढोना पड़ रहा है।

खेती के लिए बरसी संजीवनी

भले ही बारिश और बर्फबारी से ठंड में इजाफा हुआ हो, लेकिन खेती और बागवानी के लिए यह संजीवनी है। देहरादून के निकट ढकरानी स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. एसएस सिंह ने बताया कि पहाड़ों में खेती ज्यादातर बारिश पर निर्भर है। इन दिनों गेहूं की बुवाई हो चकी है, ऐसे में यह बारिश खेती के लिए संजीवनी ही है। उन्होंने बताया कि बर्फबारी से सेब के लिए वातावरण अनुकूल हो गया है, वहीं इससे खुबानी, पुलम जैसे फलों के साथ ही सब्जियों की पैदावार में भी लाभ होगा।

विभिन्न शहरों का तापमान

शहर-----------अधि-----------न्यूनतम

देहरादून-------18.7-----------09.4

मसूरी----------08.7-----------05.6

नई टिहरी-----08.5-----------04.6

हरिद्वार-------17.6-----------11.0

उत्तरकाशी-----14.0-----------05.1

जोशीमठ-------07.3-----------02.0

अल्मोड़ा--------11.1-----------0.8

नैनीताल--------07.6-----------05.5

पंतनगर---------19.0----------12.6

पिथौरागढ़-------10.3-----------05.4

मुक्तेश्वर--------04.3-----------01.8

चम्पावत---------07.4-----------06.1

देहरादून में बदला मौसम का मिजाज, बारिश में ठिठुरन का अहसास

पहाड़ी इलाकों में हुई बर्फबारी का असर दून के मौसम पर भी साफ नजर आया। सुबह से बारिश का शुरू हुआ सिलसिला देर रात तक चलता रहा। बारिश के चलते दून का पारा भी लुढ़कता रहा। बीच-बीच में घंटे-दो घंटे के लिए बारिश थमी जरूर, मगर बारिश की बौछारें हवाओं में ठंडाहट घोलने का काम करती रही। सर्द हवाएं लोगों को ठिठुरन का अहसास भी कराती रही। वहीं, दून में तामपान की बात करें तो दिनभर में अधिकतम तापमान 18.7 व न्यूनमत 09.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अन्य शहरों में भी पारा लुढ़का।

 देहरादून में गुरुवार सुबह से ही मौसम करवट लेने को तैयार था। सुबह करीब साढ़े नौ बजे से तेज बारिश शुरू हो गई और करीब दो से ढाई घंटे तक हुई। बारिश के साथ ही पारा भी लुढ़का और अचानक ठंड बढऩे लगी। भले ही बारिश रूकी हो, लेकिन सर्द हवाएं चलती रही। करीब दो घंटे बाद फिर बारिश शुरू हुई और घंटा-डेढ़ घंटा तक हुई। ऐसी ही देर शाम सात बजे तक रूक-रूककर बारिश होने का सिलसिला यूं ही चलता रहा। पूरे दिनभर सूर्यदेवता बादलों में ही छिपे रहे और उनके दर्शन नहीं हो पाए।  वहीं, बारिश की वजह से नौकरी जाने वाले लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सुबह करीब दस बजे नौकरी जाते वक्त व शाम को पांच से छह बजे लौटते समय बारिश का सामना करना पड़ा।  

दो दर्जन क्षेत्रों में बिजली गुल

सुबह से हुई बारिश के चलते दूनवासियों को बिजली की समस्या से भी जूझना पड़ा। सुबह से देर रात तक दर्जनों से ज्यादा क्षेत्रों में आधे से एक घंटे तक बिजली गुल रही। कारगी, पटेलनगर, कुंज विहार, मोथरोवाला, ईसी रोड, चकराता रोड, पित्थुवाला, मोहकमपुर, मियांवाला, रायपुर, ननूरखेड़ा समेत कई अन्य क्षेत्र इससे प्रभावित रहे। पूरे दिनभर में दो से तीन बार बिजली जाती रही। कहीं तो चार से पांच बार भी बिजली गायब हुई। यूपीसीएल के अधिकारियों ने कहा कि खराब मौसम की वजह से कई ट्रांसफार्मर में फ्यूज आया था, लेकिन मरम्मत करा दी गई। 

पेयजल आपूर्ति भी बाधित 

बिजली आपूर्ति बाधित होने के कारण नलकूपों का संचालन नहीं हो पाया। इस वजह से पेयजल आपूर्ति भी घंटों प्रभावित रही। रायपुर, ननूरखेड़ा, मियांवाला, मोथरोवाला समेत कई अन्य क्षेत्रों में परेशानी का सामना करना पड़ा।  

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