IN PICS Uttarakhand Weather: पहाड़ों में बर्फबारी और मैदानों में हुई बारिश, मौसम के तेवर पडेंगे नरम
उत्तराखंड में बारिश के साथ ही चार धाम की ऊंची चोटियों में बर्फबारी का दौर जारी है। नैनीताल में गुरुवार की सुबह जोरदार ओलावृष्टि हुई।
By BhanuEdited By: Updated: Thu, 28 Nov 2019 08:58 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में बुधवार से तल्ख मौसम के तेवर गुरुवार को भी नहीं बदले। इस दौरान बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के साथ ही पहाड़ों में हिमपात हुआ तो मैदानों में रुक-रुक कर बारिश का क्रम जारी है। मसूरी के पास धनोल्टी और नागटिब्बा की पहाडिय़ों पर मौसम का पहला हिमपात हुआ है। भारी हिमपात से उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया है। वहीं नैनीताल में ओले गिरे। बर्फबारी और बारिश से तापमान में तीन से चार डिग्री सेल्सियस की कमी आई है। मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार से मौसम के तेवर नरम पड़ेंगे। हालांकि रविवार से इसमें तेजी आने के आसार हैं। वहीं, हर्षिल के निकट एक अनाम चोटी के आरोहण को गए संयुक्त अभियान दल को नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने लौटने के निर्देश दिए हैं।
केदारनाथ धाम में बुधवार से बर्फबारी हो रही है। केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य में जुटी वुडस्टोन कंपनी के प्रबंधन मनोज सेमवाल ने बताया कि धाम में करीब पांच फीट बर्फ जमा है। ऐसे में पुनर्निर्माण कार्य संभव नहीं हैं। वहीं उत्तरकाशी जिले में भी हिमपात और बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है। जबरदस्त बर्फबारी से सुक्की टॉप से गंगोत्री तक करीब 33 किमी लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग भी बंद हो गया है। प्रशासन के अनुसार सीमा सड़क संगठन बर्फ साफ करने का प्रयास कर रहा है। जिले में गंगोत्री, यमुनोत्री के अलावा हर्षिल, मुखबा, धराली, सुक्की टॉप, झाला, दयारा बुग्याल, डोडीताल, ओसला, गंगाड़, खरसाली में बर्फबारी हुई। कुमाऊं में मौसम का मिजाज गढ़वाल जैसा ही रहा। पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों में ऊंचाई वाले इलाकों में हिमपात और निचले इलाकों में दिनभर रुक-रुक कर बारिश होती रही।
औली में पर्यटकों ने उठाया लुत्फचमोली जिले में प्रसिद्ध पर्यटन स्थल औली में सैलानियों ने जमकर बर्फबारी का लुत्फ उठाया। गोरसों बुग्याल (उच्च हिमालय में घास के मैदान) और चौखंभा चोटी भी बर्फ से ढक गई है।
भारी बर्फबारी के बाद केदारनाथ से लौटे 50 श्रमिकलगातार दो दिन हो रही भारी बर्फबारी के बाद केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्य ठप हैं। इस बीच करीब 50 श्रमिक केदारनाथ से सोनप्रयाग लौट आए हैं। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि केदारनाथ में करीब 90 श्रमिक पुनर्निर्माण कार्यों में जुटे थे। अब वहां केवल 40 श्रमिक हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि मौसम ठीक होने पर ये श्रमिक वापस जाएंगे।
दून में चार डिग्री गिरा पारा, बढ़ी ठिठुरनबारिश के चलते दून और मसूरी में ठिठुरन बढ़ गई है। दून का अधिकतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया। सुबह हल्की हवाओं के साथ कई इलाकों में तेज बौछारें गिरीं। बादलों की अठखेलियों के बीच दून का अधिकतम तापमान चार डिग्री कम 21.2 डिग्री सेल्सियस, जबकि न्यूनतम तापमान एक डिग्री अधिक 13.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बारिश का दौर जारी है।
हिमस्खलन की आशंका देख वापस बुलाया पर्वतारोही दलहर्षिल के निकट एक अनाम चोटी के आरोहण को गए संयुक्त अभियान दल को नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने लौटने के निर्देश दिए हैं। यह निर्णय हिमस्खलन और मौसम की दुश्वारियों को देखते हुए लिया गया। कर्नल बिष्ट ने बताया कि शुक्रवार को दल उत्तरकाशी पहुंच जाएगा। मौसम अनुकूल रहने पर दिसंबर के प्रथम सप्ताह में दोबारा आरोहण अभियान चलाने का प्रयास किया जाएगा। उत्तरकाशी जिले में हर्षिल के निकट समुद्रतल से करीब पांच हजार मीटर ऊंची अनाम चोटी के आरोहण के लिए बीते 22 नवंबर को देहरादून से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 12 सदस्यीय संयुक्त दल को रवाना किया था।
23 नवंबर को यह दल हर्षिल पहुंचा और यहां से छोलमी होते हुए कैंप-एक और फिर 26 नवंबर को करीब 3500 मीटर की ऊंचाई पर कैंप-दो तक पहुंचा। लेकिन, उच्च हिमालय में भारी बर्फबारी के चलते दल को वहां से वापस कैंप-एक में लौटना पड़ा। बुधवार को दिनभर बर्फबारी होती रही। रात को भी जब बर्फबारी का सिलसिला नहीं थमा तो दल कैंप-एक से छोलमी गांव लौट आया।यह भी पढ़ें: वेस्टर्न डिस्टरबेंस के चलते केदारनाथ समेत चार धाम में हुई बर्फबारी, बढ़ी ठिठुरन
गुरुवार को भी पूरे दिन रुक-रुककर बर्फबारी होती रही। उच्च हिमालयी क्षेत्र में हिमस्खलन व अन्य खतरों को देखते हुए निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने दल को लौटने के निर्देश दे दिए। नतीजा, देर शाम दल धराली पहुंचा और शुक्रवार को उत्तरकाशी पहुंचेगा। दल में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान, उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद, राज्य आपदा प्रबंधन बल (एसडीआरएफ) व आपदा प्रबंधन के सदस्य शामिल हैं।
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