Uttarakhand Politics News: तो कांग्रेसी विधायक छोड़ सकता है तीरथ के लिए सीट
मुख्यमंत्री तीरथ के लिए कांग्रेस का एक विधायक सीट छोड़ सकता है। बदरीनाथ के विधायक महेंद्र भट्ट द्वारा इस संबंध में फेसबुक पर की गई पोस्ट से सियासी हलचल मच गई है। दरअसल वर्ष 2007 व 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्रियों के लिए विपक्ष के विधायकों ने अपनी सीट छोड़ी थी।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Sun, 14 Mar 2021 11:05 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के लिए कांग्रेस का एक विधायक अपनी सीट छोड़ सकता है। बदरीनाथ के विधायक महेंद्र भट्ट द्वारा इस संबंध में फेसबुक पर की गई पोस्ट से सियासी हलचल मच गई है। दरअसल, वर्ष 2007 व 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्रियों के लिए विपक्ष के विधायकों ने अपनी सीट छोड़ी थी। ऐसे में सियासी फिजां में सवाल तैरने लगा है कि क्या एक बार फिर इतिहास दोहराया जाएगा।
गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत को प्रदेश के मुख्यमंत्री की बागडोर सौंपे जाने के बाद से यह सवाल फिजां में है कि उनके लिए कौन सीट छोड़ेगा। संवैधानिक प्रक्रिया के तहत छह माह के भीतर तीरथ को विधानसभा का सदस्य बनना है। हालांकि, माना रहा है कि गढ़वाल संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली विधानसभा की किसी सीट से वह चुनाव लड़ सकते हैं। बदरीनाथ के विधायक महेंद्र भट्ट ने हाल में मुख्यमंत्री के लिए अपनी सीट छोड़ने की बात कही थी। अब भट्ट ने फेसबुक पर अपनी उस पोस्ट से सियासी हलचल मचा दी है, जिसमें उन्होंने सूत्रों का हवाला देते हुए लिखा है कि कांग्रेस के एक विधायक मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के लिए सीट छोड़ सकते हैं।
विधायक भट्ट की पोस्ट के बाद सियासी हलकों में चर्चा होने लगी है कि क्या फिर से इतिहास दोहराया जाएगा। वर्ष 2007 में भाजपा सरकार बनने पर मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूड़ी को मुख्यमंत्री बनाया गया तो तब धुमाकोट से कांग्रेस विधायक लेफ्टिनेंट जनरल टीपीएस रावत ने उनके लिए अपनी सीट छोड़ी थी। वर्ष 2012 में फिर यह इतिहास दोहराया गया। तब कांग्रेस सरकार में विजय बहुगुणा मुख्यमंत्री बने तो सितारगंज से भाजपा विधायक किरन मंडल ने बहुगुणा के लिए अपनी सीट छोड़ी थी।
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