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Uttarakhand: अब नहीं होगा भूजल का अंधाधुंध उपयोग, व्यावसायिक उपयोग पर जल मूल्य वसूली को बनेगी एसओपी

Ground Water Use SOP सिंचाई विभाग के अंतर्गत कमेटी गठित की गई है जो जल संस्थान पेयजल निगम विभिन्न विकास प्राधिकरणों व उद्योग विभाग से इस संबंध में राय ले रही है। सरकार ने भूजल व जलस्रोतों से पानी के व्यावसायिक उपयोग पर कर लगाने का निर्णय लिया है। कैबिनेट की 23 अक्टूबर को हुई बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई थी।

By kedar dutt Edited By: Nirmala Bohra Updated: Thu, 31 Oct 2024 01:10 PM (IST)
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Ground Water Use SOP : भूजल के व्यावसायिक उपयोग पर जल मूल्य वसूली को बनेगी एसओपी. Concept
राज्य ब्यूरो, जागरण देहरादून। Ground Water Use SOP : उत्तराखंड में भूजल एवं जलस्रोतों से पानी के व्यावसायिक उपयोग पर जल मूल्य वसूली को अब एसओपी (स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर) बनाई जा रही है।

इसके लिए सिंचाई विभाग के अंतर्गत कमेटी गठित की गई है, जो जल संस्थान, पेयजल निगम, विभिन्न विकास प्राधिकरणों व उद्योग विभाग से इस संबंध में राय ले रही है। अगले माह तक इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा। जल मूल्य वसूली का यह प्रविधान एक दिसंबर से लागू होना है।

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राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में पानी का संकट

जल संसाधनों की प्रचुरता के बावजूद राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में पानी का संकट कम नहीं है। पर्वतीय क्षेत्र के गांवों के ऊंचाई पर बसे होने के कारण वहां के लिए पेयजल योजनाएं बनाने की चुनौती है तो मैदानी क्षेत्रों में पानी की उपलब्धता के लिए भूजल का अंधाधुंध उपयोग हो रहा है।

न केवल पेयजल व कृषि बल्कि व्यावसायिक उपयोग के लिए भी भूजल के साथ ही जलस्रोतों का बड़े पैमाने पर उपयोग हो रहा है। नतीजतन, मैदानी क्षेत्रों में कई जगह निरंतर गिरते भूजल स्तर ने चिंता और चुनौती, दोनों बढ़ा दी हैं।

इस सबको देखते हुए सरकार ने भूजल व जलस्रोतों से पानी के व्यावसायिक उपयोग पर कर लगाने का निर्णय लिया है। कैबिनेट की 23 अक्टूबर को हुई बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई थी। सिंचाई विभाग को इसका नोडल बनाया गया है।

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साथ ही भूजल व जलस्रोत से व्यावसायिक उपयोग को पानी लेने के दृष्टिगत श्रेणियां तय कर इनके लिए दरों का निर्धारण भी कर दिया गया था। भूजल का उपयोग करने के दृष्टिगत चार श्रेणियां सुरक्षित, अर्द्ध गंभीर, गंभीर व अति दोहित क्षेत्र निर्धारित कर इसी हिसाब से जल मूल्य की दरें तय की गई हैं, जो 11 से 648 रुपये तक हैं। इसी प्रकार जलस्रोत से पानी लेने पर 11 से 54 रुपये की दर निर्धारित है।

एसओपी बनाने की कसरत में सिंचाई विभाग जुटा

अब कैबिनेट के निर्णय के अनुरूप जल मूल्य की वसूली को एसओपी बनाने की कसरत में सिंचाई विभाग जुटा है। सिंचाई विभाग के विभागाध्यक्ष जेपी सिंह के अनुसार इस सिलसिले में कमेटी गठित की गई है। एसओपी के लिए कमेटी अन्य विभागों से राय ले रही है, क्योंकि यह बेहद समग्रता में बननी है। जल्द ही समिति सभी पहलुओं पर गहनता से विमर्श कर एसओपी का प्रारूप शासन के समक्ष रखेगी।

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