Lockdown की धज्जियां उड़ाने वालों पर कार्रवाई को सड़क पर उतरीं एसपी सिटी, 95 वाहनों का चालान
देहरादून में लॉकडाउन के नियमों की धज्जियां उड़ाने वालों पर कार्रवाई करने के लिए शुक्रवार को एसपी सिटी श्वेता चौबे खुद सड़क पर उतरीं।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Sat, 09 May 2020 09:02 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन। लॉकडाउन के नियमों की धज्जियां उड़ाने वालों पर कार्रवाई करने के लिए शुक्रवार को एसपी सिटी श्वेता चौबे खुद सड़क पर उतरीं। इस दौरान सहारनपुर चौक में पुलिस बल के साथ बिना हेलमेट, एक वाहन पर दो लोग सवार और बिना मास्क वालों को रोका। अनावश्यक रूप से घूमने वाले 95 लोगों के चालान किए गए।
शुक्रवार को सुबह 10 बजे ही एसपी सिटी, सीओ सिटी शेखर चंद्र सुयाल, शहर कोतवाल शिशुपाल नेगी पुलिस टीम के साथ सहारनपुर चौक पर पहुंचे। पुलिस ने आढ़त बाजार, हनुमान चौक और रामलीला बाजार की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। एसपी सिटी ने व्यापार मंडल के पदाधिकारियों के साथ बाजार की व्यवस्थाओं को लेकर शारीरिक दूरी बनाने के संबंध में बैठक की। पूर्व में की गई मीटिंग के बिंदुओं की व्यवस्था की समीक्षा भी की। पुलिस टीम ने लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने पर दो मुकदमे दर्ज करते हुए 95 वाहनों के चालान किए। वहीं 36,500 रुपये जुर्माना भी वसूला। तीन वाहनों को सीज किया तो 24 वाहनों का न्यायालय का चालान किया।
अमनमणि प्रकरण में कार्रवाई न होने पर कोर्ट जाने की चेतावनीलॉकडाउन में नियम कायदों को धता बता उत्तराखंड पहुंचे उप्र के विधायक अमनमणि त्रिपाठी के मामले में ठोस कार्रवाई न होने पर भाजपा नेता रविंद्र जुगरान ने आक्रोश जताया है। साथ ही मामले की जांच को लेकर भी सवाल उठाया है। उन्होंने सरकार पर असंवदेनशील होने का भी आरोप लगाया और चेतावनी दी कि यदि प्रकरण में जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वह अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।
भाजपा नेता जुगरान ने कहा कि विधायक अमनमणि को बदरीनाथ और केदारनाथ जाने की अनुमति देने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी एक्शन लिया जाना चाहिए था, मगर ऐसा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में जगह-जगह अफसरों से बदसलूकी के बावजूद पुलिस ने उप्र के विधायक और उनके साथियों के खिलाफ सरकारी काम में बाधा व बदसलूकी का मामला तक दर्ज नहीं किया। यह भी पढ़ें: फिजिकल डिस्टेंस पालन ना करने पर शराब ठेके में नियुक्त मैनेजर-सेल्समैन के खिलाफ मुकदमा
उन्होंने कहा कि न तो विधायक और उनके साथियों को क्वारंटाइन किया गया और न उनके वाहन जब्त किए गए। उल्टा उन्हें बेरोकटोक उत्तराखंड की सीमा पार करने की सुविधा दी गई। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर विधायक और उनके साथी कोरेाना संक्रमित रहे हों तो पता नहीं कितने लोगों के संपर्क में आए होंगे। जुगरान ने कहा कि इस अति संवेदनशील मसले पर सरकार की ओर से असंवेदनशीलता का प्रमाण ये है कि एक पुलिस दरोगा से मामले की जांच कराई जा रही है। यह अपने आप में हास्यापद है कि पुलिस का कोई दरोगा आला अधिकारियों के खिलाफ जांच कैसे करेगा।
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