आपदाग्रस्त वन पंचायतों के लिए बनेगी विशेष कार्ययोजना, वन मंत्री ने दिए ये निर्देश
चमोली में आपदा की जद में आई वन पंचायतों को सशक्त करने के लिए वन विभाग विशेष कार्ययोजना बना रहा है। स्थानीय निवासियों को रोजगार देने के साथ ही संबंधित वन पंचायतों को विभिन्न कार्य सौंपे जाने हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून। चमोली में आपदा की जद में आई वन पंचायतों को सशक्त करने के लिए वन विभाग विशेष कार्ययोजना बना रहा है। स्थानीय निवासियों को रोजगार देने के साथ ही संबंधित वन पंचायतों को विभिन्न कार्य सौंपे जाएंगे। वन मंत्री हरक सिंह रावत ने विभाग को शीघ्र इस दिशा में कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
मंगलवार को वन मुख्यालय स्थित मंथन सभागार में वन विभाग की बैठक हुई। जिसकी अध्यक्षता करते हुए वन मंत्री हरक सिंह रावत ने भावी योजनाओं पर चर्चा की। साथ ही वनों को आग से बचाने और मानव-वन्यजीव संघर्ष रोकने पर भी मंथन किया। बैठक के बाद पत्रकारों से मुखातिब हुए वन मंत्री ने कहा कि ऋषिगंगा और धौलीगंगा में आई प्राकृतिक आपदा ने एक बार फिर उत्तराखंड को झकझोर कर रख दिया है। बचाव और राहत कार्य अब भी जारी हैं।
हालांकि, सरकार आपदा के जख्मों पर मरहम लगाने में भी जुट गई है। कहा कि वन विभाग की ओर से आपदाग्रस्त वन पंचायतों के लिए विशेष योजना बनाई जा रही है। कहा कि रैणी गांव से चिपको आंदोलन की शुरुआत हुई थी, जो दुनियाभर में वन संरक्षण को प्रोत्साहित करता है। यहां दोबारा पौधरोपण, नर्सरियों का निर्माण और वनों को आग से बचाने के कार्य किए जाएंगे।
इसके अलावा शासन की ओर से संबंधित वन पंचायतों को सशक्त बनाने के लिए विशेष बजट का प्रविधान भी किया जाएगा। वन विभाग स्थानीय निवासियों को जोड़कर रोजगार के अवसर भी देगा। साथ ही ईको टास्क फोर्स का विस्तार, पिरुल कलेक्शन, बैंबू क्राफ्ट आदि में ग्रामीणों को बड़े स्तर पर काम दिया जाएगा, ताकि उन्हें अपने ही क्षेत्र में रोजगार मुहैया कराया जा सके।