त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव: गांवों में एकला चलेंगे प्रधानजी
संपन्न होने के बाद भी तमाम ग्राम पंचायतों में विचित्र स्थिति पैदा हो गई है। ग्राम पंचायतों में ग्राम पंचायत सदस्यों के 55772 पदों में से 24909 पर ही चुनाव हो पाया है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Thu, 24 Oct 2019 02:27 PM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। हरिद्वार को छोड़ राज्य के शेष 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न होने के बाद भी तमाम ग्राम पंचायतों में विचित्र स्थिति पैदा हो गई है। असल में ग्राम पंचायतों में ग्राम पंचायत सदस्यों के 55772 पदों में से 24909 पर ही चुनाव हो पाया है। शेष पद रिक्त रहने से बड़ी संख्या में ग्राम पंचायतों में कोरम पूरा नहीं हो पा रहा। पंचायतीराज एक्ट के अनुसार पंचायत के गठन को दो-तिहाई सदस्य होना जरूरी है। ऐसे में नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों को सदस्यों का चुनाव होने तक इंतजार करना पड़ेगा। अपर सचिव पंचायतीराज एचसी सेमवाल के अनुसार राज्य निर्वाचन आयोग से निर्वाचित प्रतिनिधियों का ब्योरा मिलने के बाद ही ऐसी ग्राम पंचायतों की सही तस्वीर सामने आ पाएगी।
प्रदेश के 12 जिलों में ग्राम प्रधानों के 7485 पदों के लिए हुए चुनाव में 1514 प्रधान निर्विरोध चुने गए थे, जबकि 5847 पदों पर चुनाव हुआ। 124 ग्राम प्रधानों के लिए कोई नामांकन न होने से ये पद रिक्त हैं। कुल निर्वाचित 7361 ग्राम प्रधानों में से बड़ी संख्या में ऐसे हैं, जिन्हें ग्राम पंचायत के गठन को इंतजार करना पड़ेगा। असल में ग्राम पंचायत सदस्यों के 30663 पद रिक्त हैं। बड़ी संख्या में ग्राम पंचायतों में एक-दो सदस्य ही चुने गए हैं, जिस कारण वहां कोरम पूरा नहीं हो पा रहा। ऐसे में वहां ग्राम पंचायत का गठन नहीं हो पाएगा। ग्राम पंचायत सदस्यों के चुनाव होने के बाद ही वहां पंचायतों का गठन हो पाएगा।
पंचायतीराज विभाग ने अब ऐसी ग्राम पंचायतों को लेकर कसरत शुरू कर दी है। जिन ग्राम पंचायतों में ग्राम पंचायत सदस्य के पद रिक्त चल रहे हैं, वहां आरक्षण में बदलाव हो सकता है। एक्ट में प्रावधान है कि यदि किसी आरक्षित सीट पर कोई प्रत्याशी नहीं मिलते हैं, उसे सामान्य मान लिया जाएगा। अलबत्ता, कुछ मामलों में आरक्षण बदला भी जा सकता है। विभाग को अब राज्य निर्वाचन आयोग से मिलने वाली निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों की सूची का इंतजार है।
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड पंचायत चुनावः कांग्रेस ने निर्दलीयों पर फिर ठोका दावादूसरी तरफ, राज्य निर्वाचन आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट के अनुसार सभी जिलों से त्रिस्तरीय पंचायतों के लिए निर्वाचित प्रतिनिधियों की सूची मांगी गई है। यह उपलब्ध होते ही शासन को भेज दी जाएगी। इसके बाद शासन ही घोषणा करेगा कि कितनी ग्राम पंचायतों में बोर्ड का गठन हो पाएगा और कितनी में नहीं। उन्होंने यह भी बताया कि रिक्त पदों के चुनाव दिसंबर में कराए जा सकते हैं। शासन से सलाह मशविरे के बाद इसकी तिथियां तय की जाएंगी।
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